प्रेम नगर | |
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प्रेम नगर का पोस्टर | |
निर्देशक | के॰ एस॰ प्रकाश राव |
लेखक | इन्दर राज आनन्द (संवाद) |
पटकथा | के॰ एस॰ प्रकाश राव |
निर्माता | डी रामानायडू |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, हेमामालिनी, प्रेम चोपड़ा, असरानी, नासिर हुसैन, रमेश देव, कामिनी कौशल, अशोक कुमार, सुलोचना लाटकर |
संगीतकार | सचिन देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
24 मई, 1974 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
प्रेम नगर 1974 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। यह डी रामानायडू द्वारा निर्मित और के॰ एस॰ प्रकाश राव द्वारा निर्देशित है। इसमें राजेश खन्ना, हेमामालिनी, अरुणा ईरानी, अशोक कुमार, कामिनी कौशल, प्रेम चोपड़ा, असरानी और डेविड अब्राहम ने अभिनय किया। अभिनेता डेविड फिल्म में नकारात्मक भूमिका में थे कि कैसे राजकुमार करण को बेवकूफ बनाकर उसकी संपत्ति लूट ली जाए और उसके भाई को दे दी जाए। संगीत सचिन देव बर्मन का है। फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही थी।[1] निर्माता डी. रामानायडू ने एक ही फिल्म को तीन भाषाओं में बनाया था।
करण सिंह (राजेश खन्ना) अपनी विधवा माँ, एक बड़े भाई, शमशेर (प्रेम चोपड़ा), उसकी पत्नी (बिन्दू) और बेटी के साथ एक महल में समृद्ध जीवन शैली में रहते हैं। उनकी माँ, रानी माँ (कामिनी कौशल), अपना अधिकतर समय ताश खेलने में बिताती थीं, उन्होंने उसकी परवरिश उसकी दाई के पास छोड़ दी थी। परिणामस्वरूप, करण ने उसे अपनी असली माँ होना माना। अब बड़े होकर करण लड़कीबाज़ और शराबी में बदल गया है। वह एक पूर्व एयर होस्टेस, लता (हेमामालिनी) के बचाव में आता है, जिसको उसके मालिक द्वारा छेड़ा जाता है।
इसके बाद वह उसे अपने सचिव के रूप में काम पर रखता है और उसके परिवार को अपनी कुटिया में आने की अनुमति देता है। आगे जाकर, लता उसकी बुरी आदतों को बदलने का प्रयास करती है। वह शुरू में विरोध देखती है, लेकिन अंततः सफल होती है और वे प्यार में पड़ जाते हैं। करण ने एक महल भी बनाया और उसे "प्रेम नगर" ("प्यार का शहर") नाम दिया। हालांकि, एक दिन उनका प्रेम-सम्बन्ध तब बिखर गया जब लता पर महल के मामलों में हस्तक्षेप करने और मूल्यवान हार चुराने का आरोप लगा। नतीजतन, बहुत अपमानित लता और उसका परिवार चला जाता है। बाद में, करण को लता की मासूमियत के बारे में पता चलता है। लेकिन पहले से ही बहुत देर हो चुकी होती है, और लता उसके प्रारंभिक अविश्वास के कारण कभी भी उसके पास वापस नहीं आएगी। नतीजतन, करण की तबीयत खराब हो जाती है क्योंकि वह अपनी लतों से जूझने लगता है।
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत सचिन देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "किस का महल है" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 3:36 |
2. | "ये लाल रंग कब मुझे" | किशोर कुमार | 4:11 |
3. | "जा जा जा" | किशोर कुमार | 5:00 |
4. | "ये ठंडी हवाएँ" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:58 |
5. | "ये कैसा सुर मंदिर" | लता मंगेशकर | 4:45 |
6. | "बाय बाय मिस गुडनाइट" | किशोर कुमार | 4:47 |
7. | "प्यासे दो बदन प्यासी" | आशा भोंसले | 5:27 |
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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राजेश खन्ना | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |
हेमामालिनी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
ए॰ विन्सेंट | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ छायाकार पुरस्कार | जीत | |
सचिन देव बर्मन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | नामित |