राष्ट्रपति, गणप्रजातंत्र बांग्लादेश के | |
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शैली | माननीयन, महमान्य/महामहीं (राजनयिक) |
आवास | बंगभवन |
नियुक्तिकर्ता | राष्ट्रीय संसद |
अवधि काल | 5 वर्ष |
उद्घाटक धारक | शेख मुजीबुर्रहमान |
गठन | 17 अप्रैल 1971 |
वेबसाइट | http://www.bangabhaban.gov.bd/ |
बांग्लादेश की राजनीति और सरकार पर एक श्रेणी का भाग |
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विदेश नीति |
बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था।
संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता।
Manoj bishnoi is student president
वर्तमान में, जहाँ, राष्ट्रपति का पद विधि सम्मत महत्व रखता है, वहीं इसकी वास्तविक शक्तियों मुख्यतः औपचारिक हैं। संविधान, राष्ट्रपति को केवल प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल की सलाह पर कार्य करने की ही अनुमति देता है।
राष्ट्रपति, कार्यालय के लिए निम्न नियुक्त कर सकते हैं:
राष्ट्रपति पर संविधान के अनुच्छेद 51 के द्वारा अपने सभी कार्यों के लिए प्रतिरोधक क्षमता निहित की गई है, और अपने कार्यों के लिए वे किसी के परति भी जवाबदेह नहीं है। इसके अतिरिक्त, कोई भी आपराधिक मुकदमा उनके विरुद्ध किसी भी न्यायालय में नहीं लाया जा सकता है। इस प्रतिरक्षा का एकमात्र अपवाद है, संसदीय महाभियोग।
राष्ट्रपति संविधान है, जो उसे किसी को क्षमादान देने के लिए, बांग्लादेश में किसी भी न्यायालय द्वारा दिए गए किसी भी फैसले अधिभावी की अनुमति देता है के अनुच्छेद 49 द्वारा दया का विशेषाधिकार है।
अनुच्छेद 80 द्वारा, राष्ट्रपति, संसद द्वारा पारित किसी भी विधेयक को स्वीकृति देने सै मना कर, समीक्षा के लिए इसे वापस भेज सकते हैं। कोई भी विधेयक, राष्ट्रपतिज्ंय स्वीकृति के बाद ही अधिनियमित होता है। लेकिन जब बिल संसद द्वारा फिर से पारित कर दिया जाए, तो वह, राष्ट्रपति की स्वीकृति के आबाव में भी एक निश्चित अवधी के पश्चात स्वस्वीकृत मान लिया जाता है और स्वचलित रूप से अधिनियमित हो जाता है।
कुलाधिपति, बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों में एक नाममात्र का पद है, जिस पर हमेशा बांग्लादेश के पदस्थ राष्ट्रपति, पदस्थ रहते हैं। राष्ट्रपति, निजी विश्वविद्यालयों में, निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 1992 के तहत विराजमान रहते हैं।सरकारी विश्वविद्यालयों में यह बांग्लादेश के राष्ट्रपति के लिए इस पद को रखना किसी कानून अधिनियम द्वारा पारित नहीं किया गया है परंतु यह हमेशा से ही सरकारी विश्वविद्यालयों में एक परंपरा रही है।
वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद के ससदस्यों द्वारा होता है। राष्ट्रपतितविय निर्वाचन, खुले मतदान शैली द्वारा होती है। चुनाव प्रक्रिया के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल की पूर्ती के पश्चात्, चुनावों की घोषणा की जाती है, जिसमें, विभिन्न राजनीतिक दल, अपने उम्मीदवारों को नामांकित करते हैं। प्रत्याशी निर्दलीय भी खड़े हो सकते हैं, एवं पूर्वतः निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी भी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। तत्पश्चात्, राष्ट्रपति का चुनाव खुले मतदान द्वारा होता है, और विजयी प्रत्याशी की घोषणा संसदीय बहुमत द्वारा होती है। इसी कारणवश, विपक्षी दाल शायद ही कभी अपने प्रत्याशी को चुनाव में नामांकित करतें हैं। अतः साधारणतः सत्तापक्षीय प्रत्याशी निर्विरोध ही विजयी घोषित होता है। 1991 से पूर्व, जब बांग्लादेश को अध्यक्षीय प्रणाली के अंतर्गत शासित किया जाता था, तब, राष्ट्रपति को जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित किया जाता था। इसके अलावा संसद के पास, राष्ट्रपति के महाभियोगण की भी शक्तियाँ है। इस सन्दर्भ में महाभियोग प्रस्ताव का सदन के दो तियाही बहुमत की स्वीकृति होनी चाहिए, अर्थात् सदन के तो तियाही सदस्य इसके पक्ष में होने चाहिए।
राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। यह भवन राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास होने के अतिरिक्त, राष्ट्रपति का कार्यालय एवं सचिवालय भी है। इसके अलावा भी, राष्ट्रपति का एक आधिकारिक निवास उत्तर गणभवन में है।
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]