बैंककारी विनियमन अधिनियम, १९४९ The Banking regulation Act, 1949 | |
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बैंकिंग से सम्बन्धित नियमों को संशोधित करने एवं ठोस बनाने हेतु लाया गया एक अधिनियम | |
शीर्षक | Act No. 10 of 1949 |
प्रादेशिक सीमा | Whole of India |
द्वारा अधिनियमित | भारतीय संसद |
अधिनियमित करने की तिथि | 10 मार्च 1949 |
स्थिति : प्रचलित |
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) भारत का एक अधिनियम है जो भारत में सभी बैंकिंग फर्मों को नियंत्रित करता है।[1]
यह अधिनियम 'बैंककारी कंपनी अधिनियम 1949' नाम से पारित हुआ था और 16 मार्च 1949 से लागू हुआ। 1 मार्च 1966 से इसका नाम बदलकर 'बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949' कर दिया गया। यह 1956 से जम्मू और कश्मीर में लागू है। प्रारम्भ में, यह कानून केवल बैंकिंग कंपनियों पर लागू था। लेकिन, 1965 में इसे सहकारी बैंकों पर लागू करने और अन्य परिवर्तनों को लागू करने के लिए संशोधित किया गया था।[2] 2020 में सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक की देखरेख में लाने के लिए इसमें संशोधन किया गया था।[3]