मझौली राज Majhauli Raj | |
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निर्देशांक: 26°17′49″N 83°57′25″E / 26.297°N 83.957°Eनिर्देशांक: 26°17′49″N 83°57′25″E / 26.297°N 83.957°E | |
ज़िला | देवरिया ज़िला |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
देश | ![]() |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 20,818 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 274506 |
Telephone code | 05566 |
मझौली राज (Majhauli Raj) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के देवरिया ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]जिसके राजकुमार आलोक पाठक है
मझौली राज बिहार सीमा से सटा हुआ है। इसका इतिहास बहुत प्राचीन है। यह बिसेन राजपूतों के लिए प्रसिद्ध है। बिसेन राजपूतों का इतिहास सोलह महाजनपदों तक जाता है। मझौली के भग्नावशेष इसके गौरवपूर्ण इतिहास के साक्षी हैं। इसके आसपास अनेक पवित्र स्थान हैं जैसे भागदा मन्दिर आदि। यहाँ छठ पूजा बड़े धूमधाम से मनायी जाती है। बाबा दीर्घेश्वर नाथ का प्रसिद्ध मन्दिर पास में ही है। कहा जाता है कि इसकी स्थापना अश्वत्थामा ने की थी। यहाँ के राजपरिवार को मुगल शासक अकबर ने 'शाही' की उपाधि प्रदान की थी।
मझौलीराज, मल्लवंश की राजधानी रही है। देश के प्रमुख राजवाड़ों में इसकी एक अलग पहचान रही है। इसे तिलक राज के रूप में जाना जाता था। मल्ल वंश के राजधानी मझौली को ही इतिहास में मध्यावली कहा गया। अवध से लेकर पाटलीपुत्र तक फैले साम्राज्य के चलते इसे मध्यावली कहा गया। मझौलीराज मानो प्रकृति के गोद में वसा है। उप नगर उत्तर-पश्चिम एवं दक्षिण तीन तरफ से छोटी गंडक नदी से घिरा है। यह नदावर से लेकर पयासी होते हुए बड़वा टोला तक गंडक का दक्षिणी किनारा उंचा है। पुराने नदावर से लेकर मझौलीराज चौराहे तक के उत्तर तरफ धूसा व करजवानी टोला वसा है।[3]