मार्क ज्यर्गंसमेयेर समाजशास्त्र और वैश्विक अध्ययन के प्रोफेसर हैं, धार्मिक अध्ययन के संबद्ध प्रोफेसर हैं और कैलीफोर्निया यूनीवर्सिटी, सांता बारबरा में वैश्विक और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र के निदेशक हैं। उनकी प्राथमिक शोध रुचि के विषय हैं धर्म, धार्मिक आतंकवाद, राष्ट्रवाद और सामाजिक नैतिकता.[1] इनकी प्रकाशित पुस्तकों में 'दि ऑक्सफोर्ड हैंडबुक ऑफ ग्लोबल रिलीजियंस' शामिल है,[2] भिंडरांवाले टू बिन लादेन : दि राईज़ ऑफ रिलीजियस वायलेंस,[3] गांधीज़ वे: अ हैंड बुक ऑफ कंफ्लिक्ट रेज़ोल्यूशन,[4] टेरर इन दि माइंड ऑफ गॉड: दि ग्लोबल राईज़ ऑफ रिलीजियस वायलेंस,[5] दि न्यू कोल्ड वॉर? रिलीजियस नेशनलिज़्म कंफ्रंट्स दि सेक्युलर स्टेट,[6] वायलेंस एंड दि सेक्रेड इन दि मॉडर्न वर्ल्ड.[7] इन्हें भारत के पंजाब प्रांत में दलितों और अछूतों के संदर्भ में हिंदू समाज के ताने-बाने पर शोध के लिए भी जाना जाता है।.[8] राधा स्वामी मत सहित नए धार्मिक आंदोलनों के शोध के लिए ये स्वयं डेविड सी. लेन के साथ भारत आए थे और बाबा फकीर चंद का साक्षात्कार लिया था। इस साक्षात्कार ने फकीर की अंतर्दृष्टि को उजागर किया। इस साक्षात्कार ने संतमत के दर्शन की पुनर्रचना की और इसे फकीर की आत्मकथा का एक भाग बनाया गया। इसमें होशियारपुर में स्थापित मानवता मंदिर का कुछ इतिहास भी है।.[9][10] एक समाजशास्त्री के तौर पर इनके द्वारा भारत के पंजाब राज्य में कभी फैले आतंकवाद पर किए गए कार्य के लिए भी जाना जाता है।[11]
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