मेरे अंगने में | |
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शैली | हास्य, नाटक |
निर्माणकर्ता | स्फेयर |
निर्देशक | पार्थो मित्र |
अभिनीत | नीचे देखें |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
एपिसोड की सं. | 772 (6 अगस्त 2017 में) |
उत्पादन | |
निर्माता | सूजोय वादध्वा |
कैमरा स्थापन | बहू-कैमरा |
प्रसारण अवधि | 23 मिनट |
उत्पादन कंपनी | स्फेयर |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
प्रसारण | 15 जून 2015 6 अगस्त 2017 | –
मेरे अंगने में भारतीय हिन्दी धारावाहिक है। इसका प्रसारण स्टार प्लस पर 15 जून 2015 से शुरू हुआ। यह धारावाहिक दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय था शाम वाले स्लॉट में भी इस धारावाहिक ने काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं हासिल की। इस धारावाहिक का अंतिम प्रसारण 6 अगस्त 2017 में किया गया। इस धारावाहिक को स्टार के अन्य चैंनल स्टार उत्सव में पुनः प्रसारित किया गया।
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यह कहानी मुग़लसराई, उत्तर प्रदेश की है, जहाँ श्रीवास्तव परिवार रहता है। जिसमें शांति देवी या दादी घर की मुखिया हैं। सभी उनकी बात मानते हैं। लेकिन इस परिवार को तब झटका लगता है, जब इनकी नातिन रिया घर आती है। और दादी सास और पोत बहु के बीच विचारो की जंग शुरू हो जाती है। दोनों के बीच की लड़ाई हास्य भी उत्पन्न करती है। और इसी तरह इनकी ज़िन्दगी चलती रहती है। कुछ समय बाद रिया गर्भवती हो जाती है इससे सभी परिवार वाले काफी खुश होते है लेकिन बच्चे को जन्म देते समय रिया की मौत हो जाती है। शिवम् रिया की मौत के कारण अपनी बच्ची से नफरत करने लगता है जिसका सभी परिवार वाले विरोध करते है। इसी समय शांती सदन में चरनी(आरती) नाम की तलाकशुदा लड़की का प्रवेश होता है। आरती सभी को डर से अपने तलाकशुदा होने की बात छुपाती है इस डर से के सभी उसकी सच्चाई जानने के बाद उसे घर से निकाल देंगे। इस तरह कुछ दिन बीत जाते है। आरती और बच्चे में काफी लगाव हो जाता है। इसि समय अमित भी चरनी को पसंद करने लगता है और अपनी पत्नी रानी से बदला लेने के लिए चरनी से शादी करने का फैसला लेता है। इनकी शादी तय हो जाती है लेकिन रानी और चरनी दोनों इससे खुश नहीं होते है और शादी रोकने की कोशिश करते है और आखिर में अमित शादी के मंडप से भाग जाता है, इस समय शिवम् चरनी की मांग भर देता है जिससे चरनी की तलाकशुदा होने की बात सबके सामने आ जाती है और सभी उससे नफरत करने लगते है। लेकिन धीरे धीरे चरनी सबका दिल जीत लेती है इसप्रकार 772 कड़ियों के बाद इस कहानी का सुखद अंत हो जाता है।