मैरी डगलस तिन्देल (१९ सितम्बर,१९२०-३१ मार्च,२०११) पेरेरिडोलॉजी (फर्न) और पीढ़ी बबूल और ग्लाइसिन में विशेषज्ञता वाले एक ऑस्ट्रेलियाई वनस्पति वैज्ञानिक थे।
तिन्देल का जन्म रैंडविक, न्यू साउथ व्हलेस के रहने वाले जॉर्ज हेरोल्ड तिन्देल व ग्रेस मटिल्डा तिन्देल के घर में हुआ था। वह एक अकेली बच्ची थी। वह न्यू यॉर्क के प्रार्थमिक स्कूल में पढ़ी तथा उनके पिता ने यूनाइटेड स्टेट्स में ब्रिटिश राजदूत के रूप में सेवा की है। वह सिडनी, ऑस्ट्रेलिया वापस लौट आई अब्बोत्स्लेइघ में स्कूल की पढाई करने के लिए। [1]
तिन्देल ने सिडनी विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में बीएस की डिग्री में ओनोर्स किया और इसी जगह से मास्टर डिग्री भी पूरी की। वह १९४४ में सिडनी के रॉयल बॉटनिकल गार्डन में सहायक वनस्पतिशास्त्री बन गई और बाद में १९४९-१९५१ के रॉयल बॉटनिकल गार्डन में ऑस्ट्रेलिया के वानस्पतिक संपर्क अधिकारी के रूप में कार्य किया। डॉक्टर ऑफ साइंस पूरा करने के बाद, उन्हें एनएसडब्ल्यू पब्लिक वर्क्स के पहले प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट भी नियुक्त किया गया। १९८३ में सिडनी के गार्डन से ३९ साल की सेवा के बाद वह सेवानिवृत्त हुए।[2] २०११ में तिन्देल की मृत्यु हुई। [3][4]