गणितयुक्तिभाष अथवा युक्तिभाष (मलयालम: യുക്തിഭാഷ) या गणितन्यायसंग्रह मलयालम भाषा में लिखित गणित एवं ज्योतिष का ग्रंथ है। इसकी रचना भारत के गणितज्ञ एवं ज्योतिषाचार्य ज्येष्ठदेव ने सन् १५३० के आसपास की थी।[1] प्राचीन प्रथा से हटकर यह ग्रंथ पद्य के बजाय गद्य में और संस्कृत के बजाय मलयालम में लिखा गया है। इसके अलावा इसमें उपपत्ति भी दी गयी हैं। भारतीय गणितसाहित्य में 'युक्ति' से तात्पर्य उपपत्ति या सबूत है।[2]
यह ग्रंथ कैलकुलस का प्रथम ग्रंथ कहलाने का अधिकारी है।
मलयालम में ज्येष्ठदेव द्वारा रचित 'युक्तिभाष' के अलावा संस्कृत में भी 'युक्तिभाष' नाम से एक गणित-ग्रन्थ विद्यमान है। इसके रचयिता के बारे में कुछ भी पता नहीं है। किन्तु लगता है कि यह मलयालम युक्तिभाष के बाद की रचना है।
ग्रन्थ के प्रथम भाग गणित से सम्बन्धित है, जिसमें निम्नलिखित अध्याय हैं-
ग्रन्थ का द्वितीय भाग गणित ज्योतिष से सम्बन्धित है। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित अध्याय हैं-