ये वादा रहा | |
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ये वादा रहा का पोस्टर | |
निर्देशक | कपिल कपूर |
निर्माता | रमेश बहल |
अभिनेता |
ऋषि कपूर, पूनम ढिल्लों, टीना मुनीम |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
9 अप्रैल, 1982 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
ये वादा रहा 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। ऋषि कपूर, पूनम ढिल्लों, टीना मुनीम, राखी और शम्मी कपूर इस फिल्म में हैं। इस फिल्म में दोनों नायिकाओं की आवाज जया भादुड़ी द्वारा डब की गई[1]। इसके गीत अब सदाबहार माने जाते हैं।[2]
विक्रम राय बहादुर (ऋषि कपूर) श्रीमती शारदा (राखी) का इकलौता पुत्र है और विशाल व्यापार और संपत्ति के लिए एकमात्र उत्तराधिकारी है। अपने कलाकार मित्र गोगी के साथ छुट्टियों के दौरान, वह सुनीता (पूनम ढिल्लों) नाम की एक खूबसूरत लड़की से मिलता है और उसके साथ प्यार में पड़ जाता है। वह उससे शादी का प्रस्ताव करता है, और वह स्वीकार करती है।
विक्रम और सुनीता एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन सुनीता की गरीब पृष्ठभूमि की वजह से विक्रम की मां सुनीता को अपनी भावी बहू के रूप में अस्वीकार कर देती है। विक्रम और सुनीता, विक्रम की मां की इच्छा के बिना शादी करने का फैसला करते हैं। लेकिन मंदिर जाने के रास्ते में, वे गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। जबकि गोगी को मामूली चोटें लगती है, विक्रम बुरी तरह घायल हो जाता है और अस्पताल में भर्ती किया जाता है। लेकिन सुनीता का चेहरा पूरी तरह खराब हो जाता है क्योंकि उसके चेहरे में गाड़ी की खिड़की के काँच टूटने से उसके टुकड़े घुस जाते हैं। जब विक्रम सचेत हो जाता है, तो वह अपनी मां से पूछता है सुनीता कहाँ है और वह उससे कह देती है कि सुनीता मर चुकी है। दूसरी ओर वह सुनीता को बताती है कि उसने अपना चेहरा पूरी तरह से खो दिया है और इसलिए उसे विक्रम के जीवन से बाहर हो जाना चाहिए। सुनीता सहमत हो जाती है।
डॉक्टर सुनीता को बॉम्बे भेजता है और उसे डॉ मेहरा से मिलने कहता है। डॉ साहनी और डॉ मेहरा सुनीता से मित्रता करते हैं और प्लास्टिक सर्जरी से उसके खराब हुए चेहरे को बहाल करते हैं। वह जल्दी से ठीक हो जाती है और विक्रम को अच्छी खबर देने के लिए उत्सुक रहती है। तब उसे पता चलता कि विक्रम ने उसे छोड़ दिया है, और रीटा (सारिका) नाम की एक और खूबसूरत लेकिन अमीर युवा महिला से प्रेम-प्रसंग रखा हुआ है। विक्रम सुनीता को पहचानने में असमर्थ होता है और न ही उसे जानने में रुचि रखता है। सुनीता अपना नाम कुसुम मेहरा (टीना मुनीम) में बदलने और जीवन को फिर से शुरू करने का फैसला करती है। जब विक्रम और कुसुम भविष्य में एक दूसरे के सामने आएंगे, तो क्या वे अपनी प्रतिज्ञा याद रख पाएंगे?
सभी गीत गुलशन बावरा द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तू तू है वही दिल ने जिसे" | आशा भोंसले, किशोर कुमार | 6:49 |
2. | "जीने को तो जीते हैं सभी" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:39 |
3. | "ऐसा कभी हुआ नहीं" | किशोर कुमार | 5:13 |
4. | "मैंने तुझे कभी कुछ कहा" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 6:03 |
5. | "इश्क मेरा बंदगी है" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:21 |
6. | "मिल गई आज दो लहरें" | आशा भोंसले | 5:35 |