रंगीला | |
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रंगीला का पोस्टर | |
निर्देशक | राम गोपाल वर्मा |
लेखक |
राम गोपाल वर्मा संजय छेल नीरज वोरा |
निर्माता |
झामू सुगंध राम गोपाल वर्मा |
अभिनेता |
आमिर ख़ान, उर्मिला मातोंडकर, जैकी श्रॉफ |
संगीतकार | ए॰ आर॰ रहमान |
प्रदर्शन तिथियाँ |
8 सितम्बर, 1995 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
रंगीला 1995 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। यह राम गोपाल वर्मा द्वारा लिखित, निर्देशित और निर्मित है। इसमें आमिर खान, जैकी श्रॉफ और उर्मिला मातोंडकर प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह फिल्म ए॰ आर॰ रहमान की पहली हिन्दी फिल्म थी जिसमें मूल पार्श्व संगीत और साउंडट्रैक था, क्योंकि उनकी पिछले जारी हिन्दी गीत उनकी तमिल फिल्मों के डब संस्करण थे।[1] यह फिल्म आलोचनात्मक और वाणिज्यिक सफलता थी और इसने अगले वर्ष कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे।
मुन्ना (आमिर खान) नाम के सड़कछाप अनाथ की किसी तरह सज्जन लोगों के बच्चों से मित्रता हो जाती है। उनमें से एक लड़की मिली (उर्मिला मातोंडकर) जल्द ही उसकी सबसे अच्छे दोस्त बन जाती है। दोनों मुंबई फिल्म उद्योग की तरफ आकर्षित हैं। मिली को एक्स्ट्रा के रूप में फिल्म में काम मिलने लगता है, जबकि मुन्ना ब्लैक मार्केट में फिल्म टिकट बेच कर अपनी आजीविका कमाता है।
मिली का मुख्य अभिनेत्री बनने का सपना है। उसकी किस्मत तब साथ देती है, जब उसे नाचते हुए देख एक फिल्म स्टार का ध्यान जाता है। यह अभिनेता, राज कमल (जैकी श्रॉफ) उसे रंगीला नामक आगामी फिल्म में नायिका की भूमिका के लिए ऑडिशन देने की व्यवस्था करता है। मिली की कमियों से उसका रोल उससे जाता-जाता रह जाता है। लेकिन मुन्ना और राज उसे भूमिका पाने में मदद करते हैं।
राज और मुन्ना दोनों ही मिली को चाहने लगते हैं। लेकिन मिली फिल्म में इतनी व्यस्त है कि उसका ध्यान इस तरफ नहीं जाता है। वह फिल्मांकन के दौरान राज के साथ बहुत समय बिताती है। मुन्ना मिली को यह बताने के लिए कई बार कोशिश करता है कि वह उसे प्यार करता है। लेकिन वह उससे ये कहने में या तो हिचकिचाता है या राज रास्ते में आ जाता है। आखिरकार अपने को छोटा महसूस कर रहा मुन्ना मिली को राज के लिये छोड़ने का फैसला करता है। हालांकि मामला हल नहीं होता है, क्योंकि मिली फिल्म की रिलीज़ के समय ये सब जान जाती है। वह राज से मुन्ना को खोजने में मदद करने के लिए कहती है। राज को महसूस होता है कि मिली मुन्ना से प्यार करती है।
मिली मुन्ना को बीच रास्ते में रोकती है, गलतफहमी खत्म हो जाती है और प्रेमी एकजुट हो जाते हैं।
सभी गीत महबूब[2] द्वारा लिखित; सारा संगीत ए॰ आर॰ रहमान द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हाय रामा" | हरिहरन, स्वर्णलता | 6:47 |
2. | "क्या करे ना करे" | उदित नारायण | 5:43 |
3. | "माँगता है क्या" | ए॰ आर॰ रहमान, श्वेता शेट्टी | 6:46 |
4. | "प्यार ये जाने कैसे" | सुरेश वाडकर, कविता कृष्णमूर्ति | 4:59 |
5. | "रंगीला रे" | आशा भोंसले, आदित्य नारायण | 5:34 |
6. | "स्प्रिरिट ऑफ़ रंगीला" | वाद्य संगीत | 3:00 |
7. | "तन्हा तन्हा यहाँ" | आशा भोंसले | 5:36 |
8. | "यारों सुन लो ज़रा" | उदित नारायण, के॰ एस॰ चित्रा | 5:54 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1996 | राम गोपाल वर्मा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
राम गोपाल वर्मा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
उर्मिला मातोंडकर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
जैकी श्रॉफ | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | जीत | |
राम गोपाल वर्मा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | जीत | |
ए॰ आर॰ रहमान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
महबूब ("क्या करे ना करे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
महबूब ("तन्हा तन्हा यहाँ ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
कविता कृष्णमूर्ति ("प्यार ये जाने कैसे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
श्वेता शेट्टी ("माँगता है क्या ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
आशा भोंसले ("तन्हा तन्हा") | फ़िल्मफ़ेयर विशेष पुरस्कार | जीत |