रातापानी बाघ अभयारण्य | |
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Ratapani Tiger Reserve | |
अवस्थिति | रायसेन ज़िला, मध्य प्रदेश, भारत |
निर्देशांक | 22°55′05″N 77°43′19″E / 22.918°N 77.722°Eनिर्देशांक: 22°55′05″N 77°43′19″E / 22.918°N 77.722°E[1] |
क्षेत्रफल | 824 कि॰मी2 (8.87×109 वर्ग फुट) |
स्थापित | 1976 |
शासी निकाय | वन विभाग, मध्य प्रदेश |
रातापानी बाघ अभ्यारण्य (Ratapani Tiger Reserve) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में स्थित है। यह राज्य की राजधानी, भोपाल, के समीप स्थित है। यह अपने सुन्दर सागौन (टीक) वनों के लिये प्रसिद्ध है। यह अभ्यारण्य तरह-तरह के जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों से भरा है। यहाँ बाघ, भारतीय तेन्दुआ, सोनकुत्ता (जंगली कुत्ता), स्लोथ रीछ, धारीदार लकड़बग्घा, गीदड़, लोमड़ी, चीतल, साम्भर, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, हनुमान लंगूर, रीसस बंदर और भारतीय शैल अजगर (Indian rock python) प्रमुखता से पाये जाते हैं। कुछ दशक पहले यहाँ बारहसिंघा भी पाया जाता था। भीम बैठका इसी अभ्यारण्य के पास है।[2][3]
रातापानी बाघ अभयारण्य, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र है। यह अभयारण्य विशेष रूप से बाघों के लिए प्रसिद्ध है और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रातापानी बाघ अभयारण्य लगभग 823.84 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह होशंगाबाद और रायसेन जिलों के बीच स्थित है।
रातापानी बाघ अभयारण्य की स्थापना 1976 में हुई थी। यह क्षेत्र पहले वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन बाघों की बढ़ती संख्या और उनके संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए इसे बाघ अभयारण्य का दर्जा दिया गया। इस अभयारण्य का नाम "रातापानी" यहाँ की स्थानीय नदी "राता" के नाम पर पड़ा है, जो इस क्षेत्र के मध्य से बहती है।
रातापानी बाघ अभयारण्य का भूगोल विविधतापूर्ण है, जिसमें पहाड़ियां, घाटियां, नदी और झीलें शामिल हैं। यहाँ की प्रमुख नदी राता है, जो अभयारण्य के जीवनदायिनी है। इस क्षेत्र की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जिसमें गर्मी के मौसम में तापमान काफी बढ़ जाता है, जबकि सर्दियों में यह काफी ठंडा हो जाता है। मानसून के मौसम में यहाँ भारी बारिश होती है, जिससे वनस्पति और वन्यजीवों के जीवन में सजीवता आती है।
रातापानी बाघ अभयारण्य में विविध प्रकार की वनस्पति और जीव जंतु पाए जाते हैं। यहाँ के प्रमुख वृक्षों में सागौन, साल, बांस, तेंदू और महुआ शामिल हैं। इस अभयारण्य में बाघों के अलावा अन्य प्रमुख वन्यजीवों में तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, भालू और विभिन्न प्रकार के पक्षी शामिल हैं। यहाँ की वनस्पति और वन्यजीवों की विविधता इसे वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाती है।
रातापानी बाघ अभयारण्य में प्रमुख रोजगार के अवसर वन्यजीव प्रबंधन और संरक्षण में हैं। ये भूमिकाएँ अभयारण्य के भीतर विविध प्रजातियों के रखरखाव और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें शामिल हैं: