रामलक्ष्मण | |
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जन्म नाम | विजय पाटिल |
अन्य नाम | लक्ष्मण |
विधायें | पार्श्व संगीत, शास्त्रीय |
पेशा | संगीत रचयिता, संगीत निर्देशक |
सक्रियता वर्ष | 1977–वर्तमान |
रामलक्ष्मण भारतीय संगीतकार है जिसमें विजय पाटिल शामिल हैं। 1977 में राजश्री प्रोडक्शन्स की एजेंट विनोद से इन्होंने शुरुआत की थी। यह पहले जोड़ी हुआ करती थी जिसमें विजय "लक्ष्मण" थे। इस फिल्म को साइन करते वक्त उनके जोड़ीदार राम कदम की मृत्यु हो गई लेकिन उन्होंने यही नाम से आगे फिल्मों में संगीत दिया।[1] छठे दौर के संगीतकार के तौर पर उन्हें राजश्री और खासकर सूरज बड़जात्या की फिल्मों में दिये गए संगीत के लिये जाना जाता है जिसके गीत खूब लोकप्रिय हुए थे।[2][3]
एजेंट विनोद से शुरुआत कर उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया जिसमें हम से बढ़कर कौन (1981) सुन सजना (1982) दीवाना तेरे नाम का (1987) शामिल हैं। इस वक्त में वह अधिकतर उषा मंगेशकर को गायिका के रूप लेते थे। लेकिन 1988 तक आते-आते उनके द्वारा संगीतबद्ध फिल्में "सी" ग्रेड की हो गई थी। 1989 की मैंने प्यार किया से उन्होंने कई वर्षों बाद सफलता का स्वाद चखा। इसके लिये उन्होंने फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार प्राप्त किया था। इस फिल्म से उन्हें सलमान खान की आवाज के रूप कई सालों के लिये एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम को लोकप्रिय करने और लता मंगेशकर को दोबारा बढ़ावा देने के लिये भी जाना जाता है।
मैंने प्यार किया के बाद उन्होंने पत्थर के फूल (1991) से मशहूर संगीत दिया। इसके अलावा पुलिस पब्लिक (1990), 100 डेज़ (1991), दिल की बाज़ी (1993), प्रेम शक्ति (1994) जैसी सरीखी फिल्मों का संगीत कोई खास लोकप्रिय नहीं रहा। 1994 में हम आपके हैं कौन से उनका एक और सफल साउंडट्रैक रहा। इसके बाद हम साथ साथ हैं (1999) को छोड़कर उनकी कोई फिल्म यादगार नहीं है।
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(मदद)