रिश्तों की डोर | |
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निर्माणकर्ता | अधिकारी ब्रदर्श |
निर्देशक | गौतम अधिकारी |
अभिनीत | नीचे देखें |
प्रारंभ विषय | ? द्वारा "रिश्तों की डोर" |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
एपिसोड की सं. | कुल 184 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | तनवीर आलम |
निर्माता | गौतम अधिकारी और मरकन्द अधिकारी |
उत्पादन स्थान | मुंबई |
प्रसारण अवधि | लगभग 24 मिनट |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | सोनी |
प्रसारण | 15 मई 2006 – 29 मार्च 2007 |
रिश्तों की डोर एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण सोनी पर 15 मई 2006 से सोमवार से गुरुवार दोपहर 1:30 को होता था। कुल 184 प्रकरण प्रसारित होने के बाद यह 29 मार्च 2007 को बंद हुआ। इसका निर्देशन गौतम अधिकारी और निर्माण गौतम अधिकारी के साथ मरकन्द अधिकारी ने भी किया है।[1]
यह कहानी अभयंकर परिवार के सबसे बड़े भाई सुहास कि है, जो अपने माता-पिता के मृत्यु के पश्चात परिवार को एक साथ करने के लिए बहुत कोशिश करता रहता है। वह अपने माता-पिता से वादा किए रहता है कि वह अपने तीन बहनों का खयाल रखेगा। उसकी एक बहन तेजस्विनी चिकित्सा की पढ़ाई कर रही होती है। लेकिन उसके मन में राहुल रायचंद के प्रति प्यार रहता है। लेकिन दोनों ही एक दूसरे से बिलकुल अलग होते हैं। तेजस्विनी के पास केवल दो ही मार्ग होते हैं। जिसमें से केवल एक पर ही वह चल सकती है। उसे अपनी पढ़ाई पूरी करनी होती है या अपने प्यार को चुनना होता है। जिसमें उसकी ज़िंदगी फंस जाती है।