लवलीना बरगोहाइँ (जन्म 2 अक्टूबर 1997) एक भारतीय मुक्केबाज़ हैं जिन्होंने 2018 के ए०इ०बी०ए० विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप एवं 2019 के ए०इ०बी०ए० विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था l[1] इन्होंने दिल्ली में हुए प्रथम भारतीय ओपन अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता और गुवाहाटी में हुए द्वितीय भारतीय ओपन अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी टूर्नामेंट में रजत पदक जीता I इन्होंने 69कि०ग्रा० वेल्टरवेट श्रेणी में तृतीय स्थान अंकित किया I वह असम से पहली ऐसी महिला बनी जिसने ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया और शिव थापा के बाद राज्य की दूसरी मुक्केबाज़ जिसने देश का प्रतिनिधित्व किया I[2] 2020 में, अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने वाली वह असम की छठी व्यक्ति बनी I[3]
टोक्यो ओलंपिक 2020 (2021) मे बरगोहाइँ ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता है[4]। बाॅक्सर विजेन्द्र कुमार (2008) व एम सी मैरिकाॅम (2012) के बाद बाक्सिंग मे भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय व दूसरी भारतीय महिला खिलाङी है। टोक्यो ओलंपिक मे भारत के लिए यह तीसरा पदक है।
बरगोहाइँ का जन्म 2 अक्टूबर 1997 को, असम के गोलाघाट जिले में हुआ था [2] उनके माता-पिता का नाम टिकेन बरगोहाइँ और मामोनी बरगोहाइँ है। उनके पिता टिकेन एक लघु-स्तरीय व्यापारी है, और अपनी बेटी की आकांक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक रूप से संघर्ष करना पड़ा। उनकी बड़ी जुड़वाँ बहने लिचा और लीमा ने भी राष्ट्रीय स्तर पर किकबॉक्सिंग में भाग लिया किंतु उसे आगे जारी नहीं रख सकी। बरगोहाइँ ने भी अपना करियर एक किकबॉक्सर के तौर पर शुरू किया था लेकिन बाद में मौका मिलने पर मुक्केबाज़ी में परिवर्तित कर लिया। भारतीय खेल प्राधिकरण ने उनके हाई स्कूल बर्पथर हाई स्कूल में ट्रायल करवाया, जहाँ लवलीना ने भाग लिया। प्रसिद्ध कोच पदम बोरो ने उनके प्रतिभा को पहचाना और उनका चयन किया। बाद में उन्हें मुख्य महिला कोच शिव सिंह द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त हुआ ।[5] 2022 में लवलीना को असम पुलिस में प्रशिक्षु उप अधीक्षक (DSP) के रूप में शामिल किया गया है । लवलीना ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली असमिया खिलाड़ी है जिसके मद्देनज़र उन्हें मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने असम पुलिस में शामिल किया है[6] |
लवलीना बरगोहाइँ ने अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत भारतीय खेल प्राधिकरण प्रतियोगिता से किया।
साल 2017 में इन्होंने कजाकिस्तान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियन में भाग लेकर अपनी प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन की। जिसमें उन्होंने कांस्य पदक जीता था।[7]
बरगोहाइँ के करियर का सबसे बड़ा अवसर तब आया जब उन्हें 2018 के राष्ट्रमंडल में वेल्टरवेट मुक्केबाज़ी श्रेणी में भाग लेने के लिए चुना गया । हालाँकि क्वाटरफाइनल में वह ब्रिटेन की सैंडी रयान एस हार गई ।[8]
2018 के राष्ट्रमंडल खेलो में चयन का परिणाम इंडियन ओपन के आरंभिक सफलताओं में देखने को मिला- फरवरी में हुए अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप - जहाँ उन्होंने वेल्टरवेट श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता ।[9] नवंबर 2017, वियतनाम हुए एशियाई मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता और जून 2017 में ही अस्थाना में आयोजित प्रेसिडेंट्स कप में कांस्य पदक अर्जित किया ।[10][11]
बाद में जून 2018 में बरगोहाइँ ने मंगोलिया में उलानबातर में रजत पदक जीता और सितम्बर 2018 में पोलैंड में 13वीं अन्तरराष्ट्रीय सिलेसियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया ।[12]
इन्होंने नई दिल्ली में आयोजित AIBA महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहाँ इन्होंने 23 नवंबर 2018 को वेल्टरवेट (69 कि०ग्रा०) श्रेणी के अंतर्गत कांस्य पदक अपने नाम किया ।[13]
बरगोहाइँ 3-13 अक्टूबर, उलन-उड़े, रूस, बिना किसी ट्रायल के, अपने दुसरे विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप के लिए चुनी गई ।[11] वह सेमी-फाइनल में 69 कि०ग्रा० श्रेणी में 2-3 से चीन की यांग लिउ से हार गई और कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा ।
मार्च 2020 में एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालीफ़ायर मुक्केबाज़ी टूर्नामेंट 2020 में बोरगोहेन ने मुफतुनाखोंन मेलिएवा पर 5-0 से जीत के साथ 69 कि०ग्रा० में अपनी ओलंपिक बर्थ सुनिश्चित की । इसके साथ ही वह असम की अब तक की पहली महिला-खिलाड़ी बनी जिसने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया हो ।[2] I[14]
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में बाहरी कड़ी (मदद)
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