वर्जिनिया ई॰ जॉन्सन | |
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जन्म |
वर्जिनिया ऐशेलमन 11 फ़रवरी 1925 स्प्रिंगफील्ड, मिसूरी, अमेरिका |
मौत |
जुलाई 24, 2013 सेंट लुई, मिसौरी, संयुक्त राज्य अमेरिका | (उम्र 88 वर्ष)
राष्ट्रीयता | अमेरिकी |
पेशा | यौन-क्रिया विद्या और मनोविज्ञानी |
प्रसिद्धि का कारण | स्नातकोत्तर और जॉनसन मानव कामुकता शोध टीम |
जीवनसाथी | विलियम एच॰ मास्टर्स (1971–1992) |
बच्चे |
स्कॉट फॉरस्टाल लिसा इवांस |
वर्जिनिया जॉन्सन पहली ऐसी महिला थी जिन्होंने इस विषय पर वैज्ञानिक अनुसंधानों के साथ अपनी बात रखी. उन्होंने विलियम मास्टर्स के शोध प्रयोगों में महिलाओं का नजरिया रखा।
वर्जिनिया का जन्म स्प्रिंगफील्ड, मिसूरी, अमेरिका में 11 फ़रवरी 2013 को हुआ। उनके माता पिता किसान थे।[1] उनके दादा-दादी एलडीएस चर्च के सदस्य थे और उनके पिता हेसे परम्परा के थे।[2]
वर्जीनिया जॉन्सन ने इंसान के सेक्स रिश्तों को लेकर अपने प्रयोगों की शुरुआत 30 साल की उम्र में की। तब तक उनका दो बार तलाक हो चुका था। वह स्वयं मां बन चुकी थीं और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में नौकरी तलाश रही थीं। वहाँ स्त्रीरोग विशेषज्ञ विलियम मास्टर्स की सहायिका के बतौर उन्होंने काम करना आरम्भ किया। इसी समय उन दोनों में प्यार हो गया और आपस में विवाह कर लिया। सन् 1971 में उन्होंने विवाह किया और 20 वर्ष बाद उनका तलाक हो गया। विलियम मास्टर्स का 2001 में निधन हो गया। इंसानी कामुक व्यवहार को लेकर दोनों की दो किताबें बेस्टसेलिंग लिस्ट में शामिल हैं। 1996 में प्रकाशित "ह्मूमन सेक्सुअल रेस्पॉन्स" और 1970 में छपी "ह्यूमन सेक्सुअल इनएडक्यूएसी" ने पहली बार पूरे तर्क के साथ कामुक व्यवहार की पहेलियों को दुनिया के सामने रखा।[3]
वर्जीनिया-जॉन्सन वैज्ञानिक दंपत्ति ने अपने प्रयोग के दौरान लगभग 700 लोगों की करीब दस हज़ार कामुक गतिविधियों का अध्ययन किया। वे कामुक गतिविधियों के दौरान थेरेपी लेने वाले की हृदयगति, मस्तिष्क की सक्रियता और मेटाबॉलिज्म का ध्यान रखते थे। अपने शोध की मदद से उन्होंने कामुक समस्याओं जिसमें शीघ्रपतन से लेकर नपुंसकता जैसी समस्याएं शामिल थीं, दूर कीं।[3]
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