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स्थापना | 2013 | |||
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प्रचालन आरंभ | 9 जनवरी 2015 | |||
केन्द्र | इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र | |||
फ़्रीक्वेन्ट फ़्लायर प्रो. | क्लब विस्तारा | |||
बेड़े का आकार | 51 | |||
गंतव्य | 43[1] | |||
मातृ कंपनी | टाटा संस (51%) | |||
मुख्यालय | लेवल 10, वन होराइज़न सेंटर, गोल्फ़ कोर्स रोड़, गुरुग्राम | |||
प्रमुख व्यक्ति | ||||
रेवेन्यु |
₹ 4738.45 करोड़ (यूएस$ 676.9 मीलियन) (2020) | |||
लाभ |
₹ -1813.38 करोड़ (यूएस$ -259.05 मीलियन) (2020) | |||
कर्मचारी | 900 (मार्च 2016)[2] | |||
जालस्थल | airvistara.com |
विस्तारा टाटा एस. आई. ए. प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली भारतीय घरेलू एयरलाइन्स है जिसका मुख्य कार्यालय गुड़गांव, हरियाणा में तथा मुख्य आधार केंद्र इंदिरा गाँधी इंटरनॅशनल एयरपोर्ट, दिल्ली में हैं. टाटा सन्स और सिंगापुर एयरलाइन्स के संयुक्त उद्यम वाली इस एयरलाइन्स ने दिल्ली और मुंबई के मध्य अपनी पहली उड़ान के साथ ९ जनवरी २०१५ को अपनी सेवा की शुरुआत की थी. जून २०१६ के अंत तक करीब २० लाख लोग इसके द्वारा उड़ान भर चुके थे और अप्रैल २०१६ तक भारतीय घरेलू विमान मार्केट मे इसकी हिस्सेदारी २.३ प्रतिशत तक हो गयी थी. वर्तमान में यह एयरलाइन्स अपने एयरबस ए-३२० विमान दस्ते के साथ करीब १८ गंतव्यों के लिए उड़ान भरती है. विस्तारा भारत मे घरेलू उड़ान सेवा के लिए प्रीमियम एकॉनमी सीट्स प्रदान करने वाली पहली एयरलाइन्स भी है.[3]
टाटा सन्स और सिंगापुर एयरलाइन्स के बीच संयुक्त उद्यम वाली एक भारतीय एयरलाइन्स के परिचालन के लिए १९९० के दशक मे हीं प्रयास शुरू हुए थे परतू हवाई यातायात नियामक की मंज़ूरी ना मिल पाने के कारण यह उपक्रम करीब दो दशकों के बाद २०१३ मे आरंभ हो सका. [4] २०१२ मे असैनिक उड्डयन क्षेत्र मे ४९ प्रतिशत विदेशी भागीदारी को अनुमति प्रदान करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद दोनों कंपनियों ने भारत में संयुक्त उद्यम के गठन को अंतिम स्वरूप प्रदान किया. इसी के परिणाम स्वरूप टाटा इस. आई. ए. एयरलाइन्स लिमिटेड के स्वामित्व मे एक प्रीमियम फुल-सर्विस एयरलाइन्स लॉंच करने का निर्णय लिया गया जो भारत के बजट एयरलाइन्स से भरे विमानन क्षेत्र मे उच्च वर्ग के लिए खास सेवा प्रदान कर सके.
अक्तूबर २०१३ में भारत के फॉरिन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड ने एस. आई. ए. को इस एयरलाइन मे ४९ प्रतिशत भागीदारी की अनुमति दे दी. इसके बाद दोनों मूल कंपनियों ने इस उपक्रम मे १०० मिलियन डालर का आरंभिक निवेश करने का निर्णय किया और टाटा सन्स तथा सिंगापुर एयरलाइन्स ने क्रमशः ५१% और ४९% की हिस्सेदारी प्राप्त की. यह टाटा सन्स की भारतीय विमानन जगत में दूसरी पारी की शुरूआात थी और इसकी एयर एशिया इंडिया में भी भागीदारी थी. कंपनी की विमानन क्षेत्र मे पहली पारी १९३० मे टाटा एयरलाइन्स की स्थापना के साथ हुई थी जो राष्ट्रीयकरण के बाद एयर इंडिया के नाम से जानी जाने लगी. [5]
कंपनी ने ११ अगस्त २०१४ को विस्तारा ब्रांड को लॉंच किया। यह नाम संस्कृत के 'विस्तृत' शब्द से प्रेरित है जिस का अर्थ होता है 'असीमित क्षेत्र'। विस्तारा ने १५ दिसंबर २०१४ डाइरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एवियेशन से एयर ऑपरेटर'स सर्टिफिकेट प्राप्त किया और ९ जनवरी २०१५ से अपनी सेवाएँ शुरू की। यह एयरलाइन्स मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनॅशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल २ से सेवा प्रदान करने वाली पहली भारतीय एयरलाइन्स भी थी। २४ अगस्त २०१५ से विस्तारा ने एवियेशन सेक्यूरिटी ट्रैनिंग इन्स्टिट्यूट की स्थापना की जहाँ यह अपने कॉकपिट और कॅबिन क्र्यू, सेक्यूरिटी स्टाफ और विमानन जगत से जुड़े दूसरे अन्य सेवाओं का प्रशिक्षण प्रदान करती है. इस को ब्यूरो ऑफ सिविल एवियेशन सेक्यूरिटी से सभी तरह की आवश्यक मान्यता मिली हुई है। अपनी सेवा के पहले ही महीने से विस्तारा ने ९०% की ऑन-टाइम परफॉर्मंस हासिल की है जो सभी भारतीय विमान सेवाओं मे से सबसे अधिक है।
१५ अप्रैल २०१४ को विस्तारा ने मिस्टर फी तेक एओ को चीफ एग्ज़िक्युटिव ऑफीसर और मिस्टर गीयाँ मिंग तो को चीफ कमर्षियल ऑफीसर के रूप मे नियुक्त किया. [6] मार्च २०१५ मे विस्तारा ने अपना नया मुख्य कार्यालय द वन हराइज़न सेंटर टावर सेक्टर ४३, गुड़गांव मे स्थानांतरित कर दिया।
अक्तूबर २०१६ की जानकारी के अनुसार विस्तारा के बेड़े में १३ एयरबस ए ३२०-२०० विमान शामिल थे। [7] इसने और सात एयरबस ए ३२० नियो की खरीद का ऑर्डर दे रखा है और ये विमान जून २०१८ तक इसके बेड़े मे शामिल किए जाएँगे.