व्यक्तिगत जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
पूरा नाम | वॉल्टर रेजिनाल्ड हैमंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जन्म |
19 जून 1903 डौवर, केंट, इंग्लैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मृत्यु |
1 जुलाई 1965 क्लूफ़, नेटाल, दक्षिण अफ्रीका | (उम्र 62 वर्ष)|||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बल्लेबाजी की शैली | दाएँ हाथ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गेंदबाजी की शैली | दाएँ हाथ मध्यम तेज़ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भूमिका | मध्यक्रम के बल्लेबाज | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय पक्ष | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टेस्ट में पदार्पण (कैप 227) | 24 दिसम्बर 1927 बनाम दक्षिण अफ्रीका | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतिम टेस्ट | 25 मार्च 1947 बनाम न्यूजीलैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घरेलू टीम की जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वर्ष | टीम | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1920–46, 1951 | ग्लॉस्टरशायर | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कैरियर के आँकड़े | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
स्रोत : CricketArchive, 8 जनवरी 2009 |
वॉल्टर रेजिनाल्ड "वॉली" हैमंड (6 जून 1903 – 1 जुलाई 1965, अंग्रेज़ी: Walter Hammond) अंग्रेज़ क्रिकेट खिलाड़ी थे जिन्होनें 1927 और 1947 के बीच में 85 टेस्ट मैच खेलें। वो मुख्यत दाएँ हाथ के बल्लेबाज थे जो उपयोगी दाएँ हाथ से मध्यम तेज़ गति से गेंदबाज़ी भी करते थे। इन्होंने प्रथम श्रेणी में 50,000 हजार से ज़्यादा रन और 167 शतक बनाए। विज्डन क्रिकेटर्स अल्मनाक ने इन्हें इनकी मृत्यु के बाद क्रिकेट के इतिहास में चार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रूप में वर्णित किया।[1]
वॉल्टर का जन्म दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत में हुआ था। उनके पिता ब्रिटिश सेना में थे जिस कारण उनका तबादला जगह-जगह होता रहता था। उनके शुरुआती दिन दक्षिण अफ्रीका, हॉन्ग कॉन्ग और माल्टा में बीते। जब प्रथम विश्व युद्ध शुरु हो गया तो उनका परिवार इंग्लैंड आ गया। 1920 में ग्लॉस्टरशायर के लिए उन्होनें अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला पर उन्हें पूर्णकालिक खेलने के लिए 1923 तक प्रतीक्षा करनी पड़ी, जब उनके ग्लूस्टरशायर के लिए खेलने की योग्यता को चुनौती दी गई क्योंकि वो ग्लॉस्टरशायर में पैदा नहीं हुए थे। उनकी क्षमता तुरंत भाप ली गई और तीन पूर्ण सत्रों के बाद, वह मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब के एक सदस्य के रूप में 1925-26 में वेस्टइंडीज का दौरा करने के लिए चुने गए, पर यहाँ उनको एक गंभीर बीमारी लग गई जिस कारण वो पूरे एक सत्र नहीं खेल पाए। अपनी तबियत सही होने के बाद वो काफ़ी रन बनाने लग गए और उन्हें इंग्लैंड टीम में चुन लिया गया।
शुरुआती असफलता के बाद वो 1928 की एशेज श्रंखला में चमके। उन्होनें 5 टेस्ट में 905 रन बनाए थे जो उस समय एक रिकॉर्ड था।[1] 1930 के दशक में काउंटी क्रिकेट में इनका वर्चस्व था। 1938 में इन्हें इंग्लैंड की टीम का कप्तान बना दिया गया जो ये द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी बने रहे। 1946 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद इन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। दिल का दौरा पड़ने के कारण 1965 में इनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद ये गौर किया गया कि उनकी काबिलियत और उनके रिकॉर्ड काफ़ी हद तक डॉन ब्रेडमैन के आगे दब गए।[2][3]
ये वो रिकॉर्ड हैं जो हैमंड के कभी एक समय थे[3]