शालीमार बाग़ | |
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शालीमार बाग़ شالیمار باغ | |
प्रकार | मुग़ल बाग |
अवस्थिति | श्री नगर , कश्मीर |
निर्देशांक | 34°8′32.48″N 74°51′46.48″E / 34.1423556°N 74.8629111°Eनिर्देशांक: 34°8′32.48″N 74°51′46.48″E / 34.1423556°N 74.8629111°E |
क्षेत्रफल | 12.4 हेक्टेयर (31 एकड़) |
खुला | 1619 |
संस्थापक | जहाँगीर |
स्वामित्व | जम्मू और कश्मीर पर्यटन विभाग |
संचालनकर्ता | जम्मू और कश्मीर पर्यटन विभाग |
वेबसाइट | www |
शालीमार बाग़,(हिन्दी: शालीमार बाग़; उर्दू: شالیمار باغ) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में विख्यात उद्यान है जो मुगल बाग का एक उदाहरण है। इसे मुगल बादशाह जहाँगीर ने श्रीनगर में बनवाया था। श्रीनगर भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्म-कालीन राजधानी है। इसे जहाँगीर ने अपनी प्रिय एवं बुद्धिमती पत्नी मेहरुन्निसा के लिये बनवाया था, जिसे नूरजहाँ की उपाधि दी गई थी।
इस बाग में चार स्तर पर उद्यान बने हैं एवं जलधारा बहती है। इसकी जलापूर्ति निकटवर्ती हरिवन बाग से होती है।[1] उच्चतम स्तर पर उद्यान, जो कि निचले स्तर से दिखाई नहीं देता है, वह हरम की महिलाओं हेतु बना था।[2] यह उद्यान ग्रीष्म एवं पतझड़ में सर्वोत्तम कहलाता है। इस ऋतु में पत्तों का रंग बदलता है एवं अनेकों फूल खिलते हैं।
यही उद्यान अन्य बागों की प्रेरणा बना, खासकर इसी नाम से लाहौर, पाकिस्तान में निर्मित और विकसित बाग की। यह वर्तमान में एक सार्वजनिक बाग़ है। [3][4]
इसके पूर्ण निर्माण होने पर जहाँगीर ने फारसी की वह प्रसिद्ध अभिव्यक्ति कही थी :
“ | यदि पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है, तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है। | ” |