सिनौली Sinauli | |
---|---|
![]() सिनौली वाहन/रथ | |
| |
स्थान | बड़ौत तहसील, बागपत ज़िला, उत्तर प्रदेश, भारत |
निर्देशांक | 29°14′46″N 77°21′03″E / 29.24611°N 77.35083°Eनिर्देशांक: 29°14′46″N 77°21′03″E / 29.24611°N 77.35083°E |
प्रकार |
समाधिक्षेत्र राजपरिवार समाधिक्षेत्र |
इतिहास | |
स्थापित | लगभग 1850 - 1550 ईपू |
संस्कृति | उत्तरी सेंधव संस्कृति, गैरिक मृद्भाण्ड संस्कृति, ताम्र निधि संस्कृति |
स्थल टिप्पणियां | |
उत्खनन दिनांक |
2005-06 2018 |
पुरातत्ववेत्ता |
डी. वी. शर्मा एस. के. मंजुल |
प्रबंधन | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण |
सिनौली (Sinauli) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बागपत ज़िले की बड़ौत तहसील में एक पुरातात्विक स्थल है, जहाँ काँस्य युग से संबंधित समाधि एवं स्मारक पाई गईं थी।[1]
2005 में खोजा गया सिनौली में मिले कंकालों के रेडियोकार्बन तिथिकरण से अनुमान लगा है कि यहाँ की कब्रे 2200-1800 ईसा पूर्व दिनांकित हैं।[2] यहाँ मिले तथाकथित रथ/वाहन और दो मुंह वाली तांबे की तलवार योद्धा संस्कृति की तरफ़ इशारा करते हुए मालूम होते हैँ। खुदाई से मुकुट और कवच भी बरामत हुए थे। [3]
यह सभी अवशेष 3800 से 4000 वर्ष पुराने हैं।[4] महाराष्ट्र के दैमाबाद में रथ समान दिखने वाले, बैल चालित वाहन की काँस्य मूर्ति मिली थी। किन्तु ऐसा वाहन भारतीय इतिहास में पहली बार सिनौली से प्राप्त हुआ! जिस कारण इसके अश्व चालित रथ होने के कयास लगाए गए मगर अश्व के कंकाल प्राप्त न होने के कारण विद्वानो में इस वाहन को लेकर मतभेद ज़ारी हैँ। जहाँ कई इसे असली रथ मानते हैँ पर कई अश्व के अवशेष की कमी की तरफ़ ध्यान करते हुए इसे बैल चालित वाहन मानते हैँ।
इस सभ्यता का संबंध वैदिक काल से जोड़ा जा सकता है। कुछ विद्वान वैदिक ग्रंथो में वर्णित समाधी की रीती तुलना करते हैँ। किन्तु ताबूत या रथ/वाहन सहित समाधी का वर्णन कही नहीं मिलता हैँ। [5] सबसे महत्वपूर्ण बात निकल जो आती है वह है महिला योद्धाओं का कंकाल प्राप्त होना। मगर हैरानी की बात हैँ कि उनके पैर काटे गए थे। यह रहस्यमई रीवाज़ विशेषज्ञो के लिए पहेली बना हुआ हैँ। किन्तु इससे यह अनुमान लगाया जा सकता हैँ कि इस संस्कृति में महिलाए भी लड़ाई में शामिल होती थी। [6]