सुजाता मोहन | |
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पृष्ठभूमि | |
जन्म | 31 मार्च 1963[1][2] कोच्चि, केरल, भारत |
विधायें | पार्श्व गायक |
पेशा | पार्श्व गायक |
सक्रियता वर्ष | 1975-वर्तमान |
सुजाता मोहन एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं जो मलयालम, तमिल और तेलुगु फ़िल्मों में गाने के लिए लोकप्रिय हैं। उन्होंने कन्नड़, बडगा, हिंदी और मराठी और अन्य भाषाओं की फिल्मों के लिए भी कई गाने गाए है। वह 48 साल के अपने करियर में अब तक 7,000 गाने रिकॉर्ड कर चुकी हैं।[3]
सुजाता मोहन परवूर टी. के. नारायण पिल्लई की पोती हैं, जो भारत के स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद त्रावणकोर-कोचीन राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे।[4] जब वह दो साल की थीं तब उनके पिता विजयेंद्रन का निधन हो गया था। उन्होंने सेंट टेरेसा कॉलेज, एर्नाकुलम से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 9 मई 1981 को डॉ. वी. कृष्ण मोहन से शादी की। सुजाता की इकलौती बेटी श्वेता मोहन भी एक गायिका हैं। राधिका तिलक और जी. वेणुगोपाल उनके चचेरे भाई हैं।
सुजाता ने सत्तर के दशक में बेबी सुजाता के रूप में प्रसिद्धि हासिल की। वह स्कूली छात्रा थी जो नियमित रूप से के. जे. येसुदास के साथ दुनिया भर में उनके स्टेज शो में गाती थी। उन्होंने अपना पहला गाना छठी कक्षा में पढ़ते हुए रिकॉर्ड किया था, जिसका नाम "कन्नेझुथी पोट्टुथोत्तु" था। यह गीत 1975 की मलयालम फिल्म टूरिस्ट बंगला के लिए एम. के. अर्जुनन द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। उन्होंने कमम क्रोधम मोहम में श्याम और अपराधी में सलिल चौधरी के लिए गाने रिकॉर्ड किए। संगीतकार एम.जी. राधाकृष्णन ने उनसे कई गैर-फ़िल्मी गाने रिकॉर्ड करवाए; उनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्धि "ओडक्कुज़ल विली" को मिली थी।
सुजाता को दक्षिण भारतीय फिल्म संगीत की दुनिया में उनके काम के लिए कई पुरस्कार और मान्यताएँ मिली हैं। उन्हें 2021 में तमिलनाडु सरकार द्वारा कलाईमणि पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें केरल, तमिलनाडु राज्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।