सोजत

सोजत
Sojat
सोजत is located in राजस्थान
सोजत
सोजत
राजस्थान में स्थिति
निर्देशांक: 25°55′N 73°40′E / 25.92°N 73.67°E / 25.92; 73.67निर्देशांक: 25°55′N 73°40′E / 25.92°N 73.67°E / 25.92; 73.67
देश भारत
प्रान्तराजस्थान
ज़िलापाली ज़िला
ऊँचाई257 मी (843 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल43,023
भाषा
 • प्रचलितराजस्थानी, हिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड306104
दूरभाष कोड02960
वाहन पंजीकरणRJ-22
लिंगानुपात989 /
वेबसाइटhttp://www.sojatonline.com/

सोजत (Sojat) भारत के राजस्थान राज्य के पाली ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम से एक तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]

सोजत राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर स्थित है। सोजत, अरावली की गोद से निकलती सुकड़ी नदी के पास बसा है, भोगोलिक दृष्टि से मैदानी क्षेत्र है। प्राचीनकाल में यह शहर 'तम्रावती' के नाम से जाना जाता था। मेहंदी की खेती इस शहर का प्रमुख आकर्षण है। कस्बे के मध्य में एक विशाल दुर्ग बना हुआ है। सुकड़ी नदी यहाँ की प्रमुख नदी है।

सोजत भुतपूर्व मारवाड़ राज्य का एक परगना थ। पाषाण काल से यहा पर मानव के रहने के प्रमाण मिले है और प्रारम्भिक शताब्दियों से हूण, शक, पल्लव इत्यादि वंशो के होने के प्रमाण मिले हैं। मध्ययुगीन राजवंश से लेकर मुगलवंश तक ने यहा पर राज किया। आबू और अजमेर के बीच किराड़ू लोद्रवा के पुंगल राज के दौरान पंवारों का यहां पर भी राज था तथा राजा त्रंबसेन त्रववसेन सोजत पर राज करता था तब इस नगरी का नाम त्रंबावती नगरी हुआ करता था।

राजा त्रवणसेन के सोजत सेजल नाम की एक 8-10 वर्षीय पुत्री थी जो देवताओं की कला को प्राप्त कर शक्ति का अवतार हुई। यह बालिका आधीरात को पोल का द्वार बंद होने के बाद देवी की भाखरी पर चौसठ जोगनियों के पास रम्मत करने जाती थी राजा को शक होने पर उसने अपने प्रधान सेनापति बान्धर हुल को उसका पीछा करने का निर्देश दिया। एक दिन सेजल के रात्रि में बाहर निकलने पर बांधर उसके पीछे पीछे भाखरी तक गया तब जोगनियों ने कहा आज तो तूं अकेली नहीं आई है। तब सेजल ने नीचे जाकर देखा तो उसे सेनापति नजर आया। सेजल ने कुपीत होकर उसे शाप देना चाहा तब वह उसके चरणों में गिर गया तथा बताया कि वह तो उनके पिताजी के आदेश से आया है। इस पर उसने बांधर को आशीर्वाद दिया तथा अपने पिता को शाप दिया। बालिका ने बांधर से कहा कि आज से राजा का राज तुझे दिया। तू इस गांव का नाम मेरे नाम सोजत पर रखकर अमुक स्थान पर मेरी स्थापना करके पूजा करना। इतना कहकर वह देवस्वरुप बालिका जोगनियों के साथ उड़ गई। राजा को जब यह बात पता चली तो दुखी होकर उसने अपने प्राण त्याग दिए। इसी बांधर हुल ने सेजल माता का मंदिर एवं भाखरी के नीचे चबूतरा तथा पावता जाव के पीछे बाघेलाव तालाब खुदवाया। इसके बाद सोजत पर कई वर्षों तक हुलों का राज रहा जिसमें हरिसिंह हुल हरिया हुल नाम से प्रसिद्ध राजा हुआ।

प्रशासन

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यह एक विधानसभा क्षेत्र है, जिसमे वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की विधायक शोभा चौहान है तथा वर्तमान में प्रधान का नाम धोबली देवी बावरी है तथा नगरपालिका चेयरमैन भारतीय जनता पार्टी से मंजू जुगलकिशोर निकुम है। यहां पर सर्किल इंस्पेक्टर रामेश्वर भाटी है तथा उपखंड अधिकारी कुसुमलता चौहान है

सांस्कृतिक परिदृश्य

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इस कस्बे में हिन्दू, मुस्लिम, जैन, इसाई आदि़ धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। यहा पर मन्दिर, मस्जिद, जैन स्थानक एवं जैन मन्दिर है। यह स्थान सेजल माता मन्दिर, चतुर्भुज मन्दिर और चामुण्डा माता मन्दिर जैसे तीर्थों और एक किले के लिये जाना जाता है। यहाँ पर मरुधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज जैन स्थानक स्वमी पुरणदास जी महाराज का क्षत्रिय घान्ची समाज का भव्य मन्दिर है। नवनिर्मित सतलोक आश्रम चर्चा का विषय है, जहा साल में कई अवसरों पर विशाल भंडारों के आयोजन विशेष आकर्षण हैं। कालाव तालाब के पास बना किला जोधपुर के मेहरानगढ़ व जयपुर के आमेर से भी पुराना है।[3]

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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सन्दर्भ

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  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990
  3. Mishra, Nidhi Mishra Nidhi. "किस्सा किले का: आमेर और मेहरानगढ़ से भी पुराना है राजस्थान का ये किला... रोचक है इतिहास". Patrika News. अभिगमन तिथि 2021-11-03.