डॉ. हर्ष वर्धन गोयल | |
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पद बहाल 31 मई 2019 – 07 जुलाई 2021 | |
प्रधानमंत्री | नरेंद्र मोदी |
पूर्वा धिकारी | जगत प्रकाश नड्डा |
जन्म | 13 दिसम्बर 1954 दिल्ली, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
बच्चे | 3 |
शैक्षिक सम्बद्धता | एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज |
व्यवसाय | ओटोलर्यनोलोजी चिकित्सक, राजनेता |
धर्म | हिन्दू |
जालस्थल | www |
डॉ॰ हर्षवर्धन भारतीय राजनेता हैं जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं। ये कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा के सदस्य रहे हैं। डॉ. हर्ष वर्धन वर्तमान में दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, पृथ्वी विज्ञान मंत्री हैं। इनके नेतृत्व में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री के तौर पर इन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बड़े नागिरक अभियान 'ग्रीन गुड डीड्स' की शुरुआत की है। इस अभियान को ब्रिक्स देशों ने अपने आधिकारिक प्रस्ताव में शामिल किया है।
डॉ हर्षवर्धन पेशे से नाक, कान और गले के रोगों के चिकित्सक हैं। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार (1993-1998) के दौरान इन्होंने स्वास्थ्य मन्त्री, कानून मन्त्री और शिक्षा मन्त्री सहित राज्य मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर कार्य किया। हर्षवर्धन दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में कभी नहीं हारे हैं।
प्राइवेट अस्पतालों में लगातार मंहगें होते जा रहे ईलाज व दवाओं के अत्यधिक मूल्य के कारण खुद को ठगा सा महसूस कर रही आम जनता को स्वास्थय मंत्री डा. हर्षवर्धन से आशाएं है कि वे ईलाज को सस्ता करने के साथ ही दवा कम्पनियों द्वारा दवा पर लागत से कई-कई गुणा एमआरपी अंकित करने की व्यवस्था पर रोक लगाते हुए। दवाओं पर कमीशन की अधिकतम मात्रा निर्धारित करने का काम करेंगे। जिससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार आसानी से अपने परिवार का ईलाज करा सकेगा।
हर्षवर्धन का जन्म 13 दिसम्बर 1954 को दिल्ली में ओम प्रकाश गोयल और स्नेहलता देवी के घर हुआ।[1][2] ये हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं और वैश्य समुदाय से सम्बन्ध रखते हैं।[3]
इन्होंने एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, दरियागंज से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, कानपुर, से इन्होंने आयुर्विज्ञान तथा शल्य-चिकित्सा स्नातक की डिग्री प्राप्त की तथा इसी कॉलेज से ओटोलर्यनोलोजी में शल्यविज्ञान निष्णात अर्जित की।[2]
हर्षवर्धन बचपन से ही दक्षिणपन्थी हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे हैं।[2] ये भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 1993 में कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से चुने गये थे और दिल्ली की पहली विधानसभा के सदस्य बने। इन्हें दिल्ली की सरकार में कानून और स्वास्थ्य मन्त्री नियुक्त किया गया। 1996 में ये शिक्षा मन्त्री बने। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय में अपने समय के दौरान इन्होंने अक्टूबर 1994 में पोलियो उन्मूलन योजना का शुभारम्भ किया।[4] कार्यक्रम सफल रहा और फ़िर इसे भारत सरकार द्वारा पूरे देश भर में अपनाया गया।[5]
हर्षवर्धन 1998 और 2003 में फिर से कृष्णा नगर से विधानसभा के लिए चुने गये।[4] 2008 विधानसभा चुनाव में अपनी मुख्य प्रतिद्वन्द्वी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पार्षद दीपिका खुल्लर को 3,204 मतों द्वारा हराने के साथ ही इन्होंने विधानसभा की चौथी बार सदस्यता प्राप्त की। इस प्रकार हर्षवर्धन विधानसभा चुनाव इतिहास में कभी भी पराजित नहीं हुए।[2][6][7] इन्हें अपनी पार्टी का एक अनुभवी और सम्मानित सदस्य माना जाता है।[8]
चुनाव से सवा महीने पूर्व 23 अक्टूबर 2013 को उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिये राज्य के मुख्यमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया।[9] 2013 के दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारे जिनमें से 31 विजयी हुए। पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा ने वोटों का प्रतिशत कम रहने के बावजूद 8 सीटें अधिक जीतीं। त्रिकोणीय मुकाबले में उनकी पार्टी पहले स्थान पर रही जबकि उन्होंने स्वयं कृष्णा नगर विधान सभा सीट भारी अन्तर से जीती।[10]
मार्च 2018 में 105 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में, महान ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु के बाद, वर्धन ने दावा किया कि हॉकिंग ने कहा था कि वेद ने अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत से बेहतर एक सिद्धांत को पोस्ट किया, इस तथ्य के बावजूद कि हॉकिंग का कोई बयान नहीं दिया है। [11][12][13]
२०१ ९ में, स्वास्थ्य प्रभाव संस्थान ने एक वैज्ञानिक रिपोर्ट जारी की जिसमें वायु प्रदूषण के कारण भारत में १२ लाख वार्षिक मृत्यु का अनुमान लगाया गया था, वर्धन ने परिणामों से इनकार किया, यह तर्क देते हुए कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य आतंक पैदा करना था।[14] 2021 में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, भारत में डॉक्टरों के सबसे बड़े संघ ने एक बयान जारी किया, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पर आपत्ति जताई गई, जो पतंजलि के उत्पाद कोरोनिल का समर्थन कर रहे थे।[15] इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, हर्षवर्धन के लिए यह कितना नैतिक है कि वह देश के लोगों को ऐसे झूठे गढ़े हुए अवैज्ञानिक उत्पाद जारी करें।[16]
हर्षवर्धन की पत्नी का नाम नूतन हैं और उन दोनों के तीन बच्चे हैं - दो लड़के मयंकभरत और सचिन तथा एक लड़की इनाक्षी। हर्षवर्धन दिल्ली के कृष्णा नगर स्थित अपने पैतृक घर में परिवार सहित रहते हैं।[2]
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