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एच-1बी इमीग्रेशन एण्ड नैशनॅलिटी ऐक्ट (Immigration and Nationality Act) की धारा 101 (ए)(15)(एच) के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमरीका में एक गैर-आप्रवासी वीज़ा है। यह अमरीकी नियोक्ताओं को विशेषतापूर्ण व्यवसायों में अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। यदि एच-1बी दर्जे वाला कोई विदेशी कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है या उसे उसके प्रायोजक नियोक्ता द्वारा निलंबित कर दिया जाता है, तो कर्मचारी को या तो किसी अन्य गैर-आप्रवासी दर्जे में परिवर्तन के लिये आवेदन करना चाहिये व इसकी अनुमति प्राप्त करनी चाहिये, किसी अन्य नियोक्ता को ढूंढना चाहिये (दर्जे तथा/या वीज़ा के परिवर्तन के समायोजन के आवेदन के आधार पर), अथवा संयुक्त राज्य अमरीका से बाहर चले जाना चाहिये.
नियमों में "विशेषतापूर्ण व्यवसाय" के लिये यह आवश्यक बताया गया है कि इसमें मानवीय उद्यम के किसी क्षेत्र,[1] जिनमें वास्तुकला, अभियांत्रिकी, गणित, भौतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी, चिकित्सा व स्वास्थ्य, शिक्षा, विधि, लेखांकन, व्यापारिक विशेषतापूर्ण कार्य, धर्मशास्र और कला सहित किंतु केवल इन्हीं तक सीमित नहीं, में अत्यधिक विशेषीकृत ज्ञान के किसी भाग के सैद्धांतिक व व्यावहारिक अनुप्रयोग की आवश्यकता हो और इसके लिये न्यूनतम योग्यता के रूप में स्नातक या इसके समकक्ष उपाधि प्राप्त की गई हो[2] (केवल फैशन मॉडलों के अपवाद को छोड़कर, जिनमें "विशिष्ट योग्यता व क्षमता" होनी चाहिये.)[3] इसी प्रकार, विदेशी कर्मचारियों के पास कम से कम स्नातक या इसके समकक्ष उपाधि व यदि उस क्षेत्र में कार्य करने के लिये आवश्यक हो, तो राज्य की ओर से जारी लाइसेंस होना चाहिये. एच-1बी कार्य-प्राधिकरण सख़्ती से केवल प्रायोजक नियोक्ता द्वारा नौकरी तक ही सीमित होता है।
निवास की अवधि तीन वर्ष की होती है, जिसे छः वर्षों तक विस्तारित किया जा सकता है। विशिष्ट परिस्थितियों में निवास की अधिकतम अवधि के लिये अपवाद लागू होता है:
निवास की अवधि की सीमा के बावजूद, इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि मूलतः जिस नौकरी के लिये वीज़ा जारी किया गया था, व्यक्ति उसमें किसी भी अवधि तक कार्यरत हो. इसे एच1बी सुवाह्यता अथवा स्थानांतरण के नाम से जाना जाता है, लेकिन यह आवश्यक है कि नया प्रयोक्ता एक अन्य एच1बी वीज़ा प्रायोजित करे, जो कोटा (Quota) पर आधारित हो भी सकता है और नहीं भी. वर्तमान कानून के अंतर्गत, यदि नियोक्ता-कर्मचारी के बीच संबंध का अस्तित्व समाप्त हो जाए, तो एच1बी वीज़ा में कोई अनुबंधित रियायत अवधि नहीं होती.
वर्तमान कानून के अनुसार प्रत्येक आर्थिक वर्ष (FY) में अधिकतम 65,000 विदेशियों को ही एक वीज़ा जारी किया जा सकता है या एच-1बी दर्जा दिया जा सकता है। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों और गैर-लाभकारी अनुसंधान संस्थानों में कार्य करनेवाले सभी एच-1बी गैर-आप्रवासी इस सीमा से बाहर रखे गये हैं (लेकिन ऐसा आवश्यक नहीं है).[4] इसका अर्थ यह है कि ऐसे संविदाकार, जो संस्थाओं में कार्यरत तो हों, परंतु संस्थाओं द्वारा उन्हें प्रत्यक्ष रूप से नियुक्त न किया गया हो, वे इस उच्चतम सीमा से बाहर होते हैं। मुक्त व्यापार समझौते के अनुसार अंकीय सीमा में से चिली के 1,400 नागरिकों व सिंगापुर के 5,400 नागरिकों को अनुमति प्रदान करना शामिल है। कानून अमरीकी विश्वविद्यालयों से स्नातकोत्तर या उच्चतर उपाधि प्राप्त करने वाले अधिकतम 20,000 विदेशी नागरिकों को भी एच-1 बी वीज़ा की उच्चतम सीमा से बाहर रखते हैं।
अधिकतम वार्षिक सीमा में एक अस्थायी वृद्धि के बावजूद, सन 2000 के दशक के मध्य से उपलब्ध वीज़ा की संख्या में वार्षिक कमी की शुरुआत हुई.[5] यह संख्या FY2001, FY2002 व FY2003 में बढ़ाकर 195,000 की जा चुकी है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सेक्युरिटी ने सन 2004 में लगभग 132,000 और सन 2005 में लगभग 117,000 एच-1बी वीज़ा जारी किये.[6] 2 अप्रैल 2007 वह पहला दिन था, जब कोई नियोक्ता किसी एच-1बी कर्मचारी के लिये पहली-बार वीज़ा का आवेदन कर सकता था, जो कि 1 अक्टूबर 2007 से प्रभावी हुआ। 3 अप्रैल 2007 को, यूनाइटेड स्टेट्स सिटीज़नशिप एण्ड इमीग्रेशन सर्विसेज़ (United States Citizenship and Immigration Services) ने घोषणा की कि 2 अप्रैल को इसे 65,000 की अधिकतम सीमा से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए थे। एजेंसी के नियमों के अनुसार, जब आवेदन के पहले ही दिन उच्चतम सीमा प्राप्त कर ली जाती है, तो पहले दो दिनों में प्राप्त सभी आवेदनों को एक लॉटरी में रखकर उपलब्ध वीज़ा के आवंटन का निर्धारण किया जाता है। सन 2008 में, यूएस 2009 आर्थिक वर्ष का वीज़ा कोटा आवेदन प्रक्रिया के एक सप्ताह के भीतर ही पूरा कर लिया गया। सन 2008 में, कुल 276,252 वीज़ा जारी किये गये और सन 2009 में यह संख्या कुछ घटकर 214,271 हो गई।[7] अमेरिकन इमीग्रेशन लॉयर्स एसोसियेशन (American Immigration Lawyers Association) (एआईएलए [AILA]) ने इस परिस्थिति का वर्णन एक संकट के रूप में किया और वॉल स्ट्रीट जर्नल, बिजनेसवीक तथा वॉशिंग्टन पोस्ट द्वारा इसका उल्लेख किया गया। नियोक्ता, जो कि इस बात से चिंतित थे कि वे कर्मचारियों की अपनी आवश्यकता का नियोजन नहीं कर सके, ने कांग्रेस पर दबाव बनाया.[8] सन 2007 में कैपिटोल हिल पर विस्तारित वीज़ा कार्यक्रम की ओर से माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन बिल गेट्स ने यह वक्तव्य दिया कि "यदि नियोक्ता कार्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कुशल कर्मचारियों का आयात न कर सकें, तो यह [यूएस अर्थव्यवस्था के लिये] खतरे का संकेत है ".[8]कांग्रेस ने इस कमी से निपटने के लिये एक विधेयक लाने पर विचार किया,[9] लेकिन अंततः कार्यक्रम को संशोधित नहीं किया गया।[10] हालांकि, कार्यक्रम के लिये कोई संशोधन पारित नहीं हुआ।
इस बात को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी अमरीकी डिपार्टमेंट ऑफ लेबर (DOL) की होती है कि विदेशी कर्मचारी अमरीकी कर्मचारियों का स्थान न ले लें या उनके वेतन अथवा कार्य की परिस्थितियों पर बुरा प्रभाव न डालें.
हालांकि किसी नियोक्ता के लिये एक एच-1बी वीज़ा अनुमति के अनुरूप एच-1बी गैर-आप्रवासी को नौकरी पर रखने से पूर्व पद का विज्ञापन देना आवश्यक नहीं होता, लेकिन नियोक्ता के लिये कर्मचारी के प्रतिनिधि को एलसीए (लेबर कंडीशन ऐप्लीकेशन) के बारे में सूचित करना आवश्यक होता है या यदि ऐसा कोई प्रतिनिधि मौजूद न हो, तो नियोक्ता के लिये यह आवश्यक होता है कि नियोक्ता कार्यस्थल पर या अपने कार्यालय में एलसीए प्रकाशित करे.[11][12]
नियोक्ताओं को यह अनुप्रमाणित करना चाहिये कि दिया जाने वाला वेतन कम से कम उस वेतन के बराबर है, जो नियोक्ता द्वारा उसी कार्य के लिये समान अनुभव व अर्हताओं वाले अन्य कर्मचारियों को दिया जाता है, अथवा वैकल्पिक रूप से कार्य के अभीष्ट क्षेत्र के लिये प्रचलित वेतन दिया जाना चाहिये, जो भी अधिक हो. एलसीए पर हस्ताक्षर करने पर, नियोक्ता यह अनुप्रमाणित करता है कि: कार्य-क्षेत्र के लिये प्रचलित वेतन दर पर भुगतान किया जाएगा; कार्यस्थल की परिस्थितियां उसी प्रकार के कार्य के लिये नियुक्त अमरीकी कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव नहीं डालेंगी; कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार का ऐसा कोई श्रम-विवाद नहीं है, जिसमें हड़ताल या बंद शामिल हो;[11][12] और यह कि उसी प्रकार के कार्य के लिये उसके अन्य कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ के बराबर ही विदेशी कर्मचारी को भी लाभ दिये जाएंगे.[13] कानून के अनुसार यह आवश्यक है कि एच-1बी कर्मचारियों को उसी कार्य व भौगोलिक स्थल के लिये वर्तमान में प्रचलित वेतन से अधिक वेतन दिया जाए, या उतना वेतन दिया जाए, जितना नियोक्ता द्वारा उसी प्रकार की परिस्थितियों में कार्यरत कर्मचारियों को दिया जाता है। प्रचलित वेतन के लिये अन्य कारकों, जैसे आयु व कौशल पर विचार करने की अनुमति नहीं दी गई। सन 2004 में कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को बदल कर डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के लिये यह आवश्यक बना दिया कि वह नियोक्ताओं द्वारा प्रयोग के लिये कौशल-आधारित चार वेतन स्तर प्रदान करे. यह एकमात्र प्रचलित वेतन कार्य-विधि है, जिसके प्रयोग की अनुमति कानून के द्वारा दी गई है, जिसमें कार्य व स्थान के अतिरिक्त अन्य कारक शामिल हैं।
इन अनुप्रयोगों की अनुमति प्रक्रिया नियोक्ता के अभिप्रमाणीकरण और प्रस्तुत किये गये दस्तावेजी साक्ष्यों पर आधारित होती है। यदि नियोक्ता अपने किसी अमरीकी कर्मचारी के स्थान पर नई भर्ती कर रहे हैं, तो उन्हें उनके उत्तरदायित्व की जानकारी दी जाती है।
सन 2007 में, अमरीकी डिपार्टमेंट ऑफ लेबर, एम्प्लॉयमेंट एन्ड ट्रेनिंग एडमिनिस्ट्रेशन (ईटीए [ETA]), ने दो कार्यक्रमों की जानकारी दी, हाई ग्रोथ ट्रेनिंग इनीशिएटिव एण्ड वर्कफोर्स इनोवेशन रीजनल इकनॉमिक डेवलपमेंट (वायर्ड [WIRED]), जिन्हें अमरीकी कर्मचारियों को शिक्षा देने व प्रशिक्षित करने के लिये एच-1बी प्रशिक्षण शुल्क से क्रमश: $284 मिलियन व $260 मिलियन प्राप्त हुए हैं या प्राप्त होंगे.[उद्धरण चाहिए]
एच-1बी कर्मचारियों के लिये आय का कराधान इस बात पर निर्भर होता है कि वे कर के उद्देश्यों के लिये गैर-निवासी बाह्य नागरिकों के रूप में श्रेणीबद्ध हैं या निवासी बाह्य नागरिकों के रूप में. कर के उद्देश्य से किसी गैर-निवासी बाह्य नागरिक पर केवल संयुक्त राज्य अमरीका से होने वाली आय पर कर लिया जाता है, जबकि कर के उद्देश्य से निवासी बाह्य नागरिक पर संयुक्त राज्य अमरीका के भीतर या बाहर दोनों स्थानों से होने वाली आय के लिये कर वसूला जाता है।
इस वर्गीकरण का निर्धारण "वास्तविक उपस्थिति परीक्षण" पर आधारित होता है: यदि वास्तविक उपस्थिति परीक्षण यह सूचित करता हो कि एच-1बी वीज़ा धारक एक निवासी नागरिक है, तो आय कराधान किसी भी अन्य अमरीकी नागरिक जैसा ही होता है और इसे फॉर्म 1040 व आवश्यक अनुसूचियों का प्रयोग करके जमा किया जा सकता है; अन्यथा, वीज़ा-धारक को अनि्वार्य रूप से एक गैर-निवासी बाह्य नागरिक के रूप में कर फॉर्म 1040एनआर अथवा 1040एनआर-ईज़ेड का प्रयोग करके जमा करना चाहिये; यदि संयुक्त राज्य अमरीका तथा वीज़ा धारक की नागरिकता वाले देश के बीच कोई कर समझौते अस्तित्व में हों, तो वह उसके लाभ प्राप्त करने का दावा कर सकता है।
जो लोग संयुक्त राज्य अमरीका में निवास के अपने पहले वर्ष में हों, वे कराधान के उद्देश्य से पूरे वर्ष के लिये स्वयं को एक निवासी नागरिक माने जाने का विकल्प चुन सकते हैं और उन्हें अनिवार्य रूप से उस वर्ष के लिये पूरे वि्श्व से हुई अपनी आय पर कर चुकाना चाहिये. इस "प्रथम वर्ष चयन" का वर्णन आईआरएस पब्लिकेशन 519 में किया गया है और इसका प्रयोग किसी व्यक्ति के जीवन-काल में केवल एक बार ही किया जा सकता है।
पति या पत्नी, चाहे उनके वीज़ा का दर्जा जो भी हो, के पास अनिवार्य रूप से एक वैध इंडीविजुअल टैक्सपेयर आइडेंटिफिकेशन नंबर (Individual Taxpayer Identification Number) (आईटीआईएन [ITIN]) या एक सोशल सेक्युरिटी नंबर (Social Security number) (एसएसएन [SSN]) होना चाहिये, ताकि उन्हें एच-1बी धारक के साथ एक संयुक्त कर रिटर्न में शामिल किया जा सके.
एच-1बी धारकों के लिये कर जमा करने के नियम जटिल हो सकते हैं, जो कि व्यक्ति की परिस्थिति पर निर्भर होते हैं। विदेशी नागरिकों के लिये बने नियमों की जानकारी रखने वाले किसी विद्वान व्यावसायिक कर सलाहकार से सलाह लेने के अतिरिक्त, आईआरएस पब्लिकेशन 519, यूएस टैक्स गाइड फॉर एलियन्स की सहायता भी ली जा सकती है।
यूएससीआईएस (USCIS) के अनुसार, "एच-1बी बाह्य नागरिक केवल याचिकाकर्ता अमरीकी नियोक्ता के लिये और याचिका में वर्णित एच-1बी गतिविधियों में ही कार्य कर सकते हैं। यदि सभी अनुप्रयोज्य नियमों (उदा. डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के नियमों) का पालन किया जा रहा हो, तो याचिकाकर्ता अमरीकी नियोक्ता एच-1बी कर्मचारी को किसी अन्य नियोक्ता के कार्य-स्थल पर नियुक्त कर सकता है। एच-1बी बाह्य निवासी एक से अधिक अमरीकी नियोक्ताओं के लिये कार्य कर सकते हैं, लेकिन उनके पास प्रत्येक नियोक्ता द्वारा अनुमोदित फॉर्म आई-129 अनिवार्य रूप से होना चाहिये. "[14]
एच-1बी वीज़ा धारक मेडिकेयर व सोशल सेक्युरिटी करों का भुगतान करते हैं और सोशल सेक्युरिटी लाभ पाने के लिये भी योग्य होते हैं। वे राज्य के करों व संघीय करों का भुगतान भी करते हैं।
सैद्धांतिक रूप से, एच-1बी वीज़ा के लिये अधिकतम अवधि छः वर्ष (डिफेंस डिपार्टमेंट के परियोजना-संबंधी कार्य के लिये अपवादस्वरूप दस वर्ष) निर्धारित की गई है। जो एच-1बी धारक छः वर्ष की अवधि के बाद भी अमरीका में कार्य करना जारी रखना चाहते हों, लेकिन जिन्होंने स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त न किया हो, उनके लिये एच-1बी वीज़ा के लिये पुनः आवेदन करने से पूर्व एक वर्ष की अवधि तक अमरीका से बाहर निवास करना अनिवार्य होता है।
एच-1बी वीज़ा की छः वर्षों की अवधि के लिये सामान्यतः दो अपवाद होते हैं:
यद्यपि एच-1बी वीज़ा एक गैर-आप्रवासी वीज़ा है, लेकिन यह द्वैत-उद्देश्यों के रूप में पहचानी जाने वाली कुछ वीज़ा श्रेणियों में से एक है, जिसका अर्थ यह है कि इस वीज़ा का धारक रहते हुए भी एच-1बी धारक का एक कानूनी आप्रवासन उद्देश्य (ग्रीन कार्ड के लिये आवेदन करना और उसे प्राप्त करना) हो सकता है। अतीत में रोज़गार-आधारित ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में केवल कुछ ही, स्वतः एच-1बी वीज़ा की अवधि से कम, वर्ष लगते थे। हालांकि, हालिया समय में कानूनी रोज़गार-आधारित आप्रवासन प्रक्रिया में न भरे गये पदों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है और यह प्रक्रिया इतनी अधिक पिछड़ गई है कि कुछ विशिष्ट देशों के कुशल व्यावसायिक आवेदकों को अपने ग्रीन कार्ड प्राप्त करने में कई वर्षों का समय लगता है। चूंकि एच-1बी वीज़ा की अवधि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, अतः इसका अर्थ यह है कि जब तक एच-1बी वीज़ा धारकों के ग्रीन कार्ड आवेदन प्रक्रिया में हैं, तब तक वैध दर्जे में बने रहने के लिये और भी अधिक संख्या में एच-1बी वीज़ा धारकों को एक-वर्ष या तीन-वर्षों में अपने वीज़ा का नवीनीकरण करवाना होता है।
संयुक्त राज्य अमरीका में प्रतिवर्ष जारी किये जाने वाले एच-1बी वीज़ा की संख्या कांग्रेस के आदेश से जारी किये जाने वाले एक वार्षिक कोटे पर निर्भर होती है। प्रत्येक एच-1बी कोटा एक विशिष्ट वित्तीय-वर्ष पर लागू होता है, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से होती है। आगामी वित्तीय-वर्ष के लिये आवेदनों को स्वीकृत करने की प्रक्रिया की शुरुआती उससे पूर्व आने वाली पहली अप्रैल (अथवा उस तिथि के बाद पड़ने वाले पहले कार्यदिवस) से होती है। वे लाभार्थी वार्षिक कोटे के योग्य नहीं माने जाते, जिनके पास वर्तमान में एच-1बी दर्जा हो या जिनके पास पिछले छः वर्षों के दौरान किसी भी समय एच-1बी दर्जा रहा हो. इस वार्षिक कोटा का हाई-टेक उद्योग पर लक्षणीय प्रभाव रहा है। सामान्यतः इसे 65,000 वीज़ा प्रति वर्ष निर्धारित किया जाता है, जिसमें मुक्त किये गये संस्थानों, जैसे विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के कुछ अपवाद शामिल होते हैं (ध्यान दें: लोकप्रिय विश्वास के विपरीत, गैर-लाभकारी संगठन स्वतः ही छूट प्राप्त नहीं कर लेते, बल्कि ऐसा तभी हो सकता है, जब उन्हें किसी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से संबद्धता प्राप्त हो).[उद्धरण चाहिए] सन 2000 में, कांग्रेस ने विश्वविद्यालयों और शासकीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं को दिये जाने वाले एच-1बी वीज़ा को कोटा से स्थायी रूप से छूट प्रदान की.
इस कोटा के प्रारंभिक वर्षों के दौरान सन 1990 के दशक के प्रारंभ में इस कोटा की संख्या तक पहुंच वास्तव में दुर्लभ ही थी। हालांकि 1990 के दशक के मध्य तक आते-आते, यह कोटा प्रतिवर्ष पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर भरा जाने लगा, जिसके परिणामस्वरूप नये एच-1बी वीज़ा आवेदन अस्वीकृत या विलंबित होने लगे क्योंकि वार्षिक कोटा पहले ही भर जाया करता था। सन 1998 में यह कोटा बढ़ाकर पहले 115,000 और फिर सन 2000 में, 195,000 वीज़ा प्रतिवर्ष किया गया। जिन वर्षों के दौरान यह कोटा 195,000 था, उन वर्षों के दौरान इस संख्या तक कभी नहीं पहुंचा जा सका.[उद्धरण चाहिए]
सन 1999 में कांग्रेस द्वारा जो अस्थायी वृद्धि पारित की गई थी, उसकी समाप्ति पर वित्त-वर्ष 2004 में, कोटा पुनः 90,000 पर आ गया। तब से, यह कोटा पुनः बहुत तीव्रता से प्रतिवर्ष भरता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप एच-1बी वीज़ा प्राप्त करना लगातार कठिन होता जा रहा है। अधिक हालिया समय में, बुनियादी कोटा 65,000 पर ही बनाये रखा गया है, लेकिन इसके अतिरिक्त यू.एस. से उच्च उपाधियां प्राप्त कर चुके कर्मचारियों के लिये 20,000 अतिरिक्त वीज़ा जारी किये जा सकना संभव है। 65,000 की कुल संख्या में से, प्रारंभिक रूप से 6,800 वीज़ा चिली व सिंगापुर के साथ हुए मुक्त-व्यापार समझौतों के अंतर्गत उन देशों के नागरिकों के लिये आरक्षित होते हैं; हालांकि यदि इन समझौतों के अंतर्गत आरक्षित इन वीज़ा का प्रयोग नहीं किया जाता, तो ये वीज़ा सामान्य समूह में वापस चले जाते हैं। 65,000 वीज़ा के कोटा के बाहर, इसी प्रकार के एक अन्य, परंतु अधिक लचीले कार्यक्रम, ई-3 वीज़ा कार्यक्रम, के अंतर्गत प्रतिवर्ष 10,500 वीज़ा ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के लिये उपलब्ध होते हैं।[उद्धरण चाहिए]
1 अक्टूबर 2006 से प्रारंभ हुए वित्त-वर्ष 2007 में उस वर्ष के लिये उपलब्ध वीज़ा का पूरा कोटा वित्तीय वर्ष की शुरुआत से बहुत पहले, 2 माह की अवधि से भी पूर्व, 26 मई 2006[16] को ही पूरा हो गया था। उच्च उपाधिधारियों के लिये उपलब्ध अतिरिक्त 20,000 एच-1बी वीज़ा का कोटा 26 जुलाई को पूरा हो गया। वित्त-वर्ष 2008 के लिये, पूरा कोटा आवेदनों को स्वीकार किये जाने की शुरुआत वाले दिन, 2 अप्रैल की समाप्ति से पूर्व ही पूरी तरह भर गया।[17] यूएससीआईएस (USCIS) नियमों के अंतर्गत, 2 अप्रैल और 3 अप्रैल को प्राप्त 123,480 याचिकाओं को अधिकतम सीमा के समूह में रखा जाना था और इसके बाद अगली प्रक्रिया के लिये यादृच्छिक रूप से इनमें से 65,000 को चुना गया।[18] वित्त-वर्ष 2008 के लिये, अतिरिक्त 20,000 उच्च उपाधिधारियों के एच-1बी वीज़ा का कोटा 30 अप्रैल को पूरा हो गया।
एच-1बी वीज़ा के संबंध में नवंबर 2006 में जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, यूएससीआईएस (USCIS) ने कहा कि उसने वित्त-वर्ष 2004 में 131,000 एच-1बी वीज़ा और वित्त-वर्ष 2005 में 117,000 वीज़ा जारी किये.[उद्धरण चाहिए] आंकड़ों में यह कमी इसलिये है क्योंकि यदि नियोक्ता कोई विश्वविद्यालय अथवा अनुसंधान प्रयोगशाला हो, तो एच-1बी वीज़ा को अधिकमत सीमा से छूट दी जा सकती है।
वित्त-वर्ष 2009 के लिये, यूएससीआईएस (USCIS) ने 8 अप्रैल 2008 को घोषणा की कि उस वर्ष के लिये वीज़ा का पूरा कोटा, 20,000 उच्च उपाधिधारियों का कोटा और 65,000 का बुनियादी कोटा दोनों, पूरे हो चुके हैं। लॉटरी निकालने से पहले यूएससीआईएस (USCIS) 1 अप्रैल से 7 अप्रैल 2008 के दौरान प्राप्त समस्त आवेदनों की प्रारंभिक डेटा-एण्ट्री का कार्य पूर्ण कर लेगी.[19]
वित्त-वर्ष 2010 के लिये, यूएससीआईएस (USCIS) ने 21 दिसम्बर 2009 को घोषणा की कि उस वर्ष के कोटे को पूरा करने के लिये पर्याप्त आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।[20] प्रवृत्ति विश्लेषण[21] यह सूचित करता है कि वित्त-वर्ष 2011 की अधिकतम सीमा प्रारंभिक अक्टूबर और नवंबर के बीच किसी समय प्राप्त कर ली जायेगी क्योंकि अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है और मंदी कम हो रही है।
हालिया एच-1बी कानून विशिष्ट नियोक्ताओं, जिन्हें एच-1 बी आश्रित नियोक्ता (H-1B dependent employers) कहा जाता है, के लिये यह आवश्यक बनाते हैं कि वे एच-1बी कर्मचारियों को किन्हीं पदों पर नियुक्त करने की याचिका दखिल करसे से पूर्व उन पदों के लिये नौकरी का विज्ञापन संयुक्त राज्य अमरीका में प्रकाशित करें. [उद्धरण चाहिए]ये आवश्यकताएं तब लागू नहीं होतीं, जब किसी छूट-प्राप्त एच-1बी गैर-आप्रवासी की नियुक्ति की जा रही हो
50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिये, एक एच-1बी आश्रित नियोक्ता को इस रूप में परिभाषित किया जाता है कि उसके कर्मचारियों में से 15% से अधिक के पास एच-1बी दर्जा हो. छोटे प्रतिष्ठानों को 'आश्रित' बनने से पूर्व एच-1बी कर्मचारियों का एक उच्चतर प्रतिशत प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है।
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एच-1बी कार्यक्रम की कई तरह से आलोचना होती रही है।
हालांकि यह पद्धति ग़ैर-क़ानूनी है, लेकिन बड़े पैमाने पर यह विश्वास किया जाता है[उद्धरण चाहिए] कि कुछ नियोक्ता अपने एच-1बी कर्मचारियों को एक एच-1बी आवेदन के प्रायोजन व प्रक्रिया से जुड़ी अधिकांश लागत, यदि समस्त नहीं, का भुगतान करने पर बाध्य करते हैं। अक्सर ये शुल्क किसी प्रतिज्ञा-पत्र अथवा किन्हीं अन्य मदों की आड़ में लिये जाते हैं और ऐसा कानून के समक्ष एक वैध कवच पाने के प्रयास में किया जाता है।
कम्प्यूटरवर्ल्ड (Computerworld) में सन 2002 के अपने एक लेख में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्री मिल्टन फ्रायडमैन ने इस कार्यक्रम को एक व्यापारिक सब्सिडी क़रार दिया.[22] हालांकि, इस उद्धरण की अचूकता की पड़ताल नहीं की जा सकती क्योंकि श्री फ्रायडमैन की अब मृत्यु हो चुकी है। यही दृष्टिकोण रखनेवाले अन्य लोगों में डॉ॰ नॉर्मन मैटलॉफ शामिल हैं, जिन्होंने एच-1बी पात्रों के आप्रवासन की अमरीकी संसद की न्यायिक समिति की उप-समिति (U.S. House Judiciary Committee Subcommittee) के समक्ष बयान दिया था। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन जर्नल ऑफ लॉ रिफॉर्म (University of Michigan Journal of Law Reform) के लिये मैटलॉफ के शोध-पत्र में यह दावा किया गया है कि कम्प्यूटर-संबंधी अमरीकी नौकरियों की पूर्ति करने के लिये अर्ह अमरीकी नागरिकों की कोई कमी नहीं रही है और अमरीकी संस्थानों में श्रमिकों की कमी की पूर्ति के लिये एच-1बी वीज़ा की आवश्यकता के प्रमाण के रूप प्रस्तुत किया जाने वाला डेटा त्रुटिपूर्ण था।[23] सन 2000 की एक रिपोर्ट में यूनाइटेड स्टेट्स जनरल अकाउंटिंग ऑफिस ने पाया कि एच-1 बी कार्यक्रम के नियंत्रण की प्रभावकारिता में कमी थी।[24] बाद में, जीएओ (GAO) रिपोर्ट की अनुशंसाएं लागू कीं गईं. कांग्रेस से एच-1बी वीज़ा की 65,000 की अधिकतम वार्षिक सीमा को बढ़ाने की अपील करते समय हाई-टेक कंपनियां अक्सर तकनीकी-कर्मियों की कमी की बात कहती हैं, लेकिन जॉन मियानो व सेंटर फॉर इमीग्रेशन स्टडीज़ (Center for Immigration Studies) द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार इस दावे की पुष्टि करने वाला कोई अनुभवजन्य डेटा मौजूद नहीं है।[25] ड्यूक, एल्फ्रेड पी. स्लोआन फाऊंडेशन (Alfred P. Sloan Foundation), जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी (Georgetown University) व अन्य स्थानों पर किये गये अध्ययनों का उल्लेख करते हुए आलोचकों ने यह तर्क भी दिया है कि कुछ वर्षों में ही, आयातित विदेशी प्रोग्रामरों और इंजीनियरों की संख्या उद्योग द्वारा निर्मित नौकरियों की संख्या से भी अधिक हो गई।[26] संगठनों ने एच-1बी वीज़ा से हुई हानि संबंधी रिपोर्टों के सैकड़ों प्रत्यक्ष मामले भी प्रकाशित किये हैं, जिनकी जानकारी सीधे उन व्यक्तियों से प्राप्त हुई है, जिन्हें इस कार्यक्रम से हानि हुई है और जिनमें से कई लोग प्रसार-माध्यमों से बात करने को तैयार हैं।[27]
एच-1बी कार्यक्रम की एक अन्य आलोचना इसकी अस्पष्ट अर्हता आवश्यकताओं को लेकर की जाती है, लेकिन परिस्थितिजन्य विधि की एक समिति द्वारा अनुमोदित विशिष्ट दिशा-निर्देश, आवश्यकताओं को परिभाषित करते हैं। हालांकि अक्सर इसका वर्णन अत्यधिक कुशल कर्मचारियों के लिये बने एक कार्यक्रम के रूप में किया जाता है, लेकिन एच-1बी गैर-आप्रवासी वीज़ा श्रेणी विशिष्ट रूप से विशेषतापूर्ण व्यवसायों पर ही लागू होती है। यह बहस का विषय हो सकता है कि किसी भी ऐसे कार्य, जिसके लिये स्नातक की उपाधि होना ही न्यूनतम योग्यता हो, क्या उसे "अत्यधिक कुशलतापूर्ण" माना जा सकता है।
विशेषतापूर्ण कार्यों को ऐसे पदों के रूप में परिभाषित किया गया है, जिनके लिये किसी विशेषीकृत क्षेत्र में सैद्धांतिक अथवा तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता हो और सामान्यतः इनकी व्याख्या उन कार्यों के रूप में की जाती रही है, जिनके लिये कम से कम एक स्नातक उपाधि प्राप्त करना आवश्यक हो.[28] विशिष्ट एच-1बी कार्यों में वास्तुविद्, इंजीनियर, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, लेखाकार, चिकित्सक, पशु-चिकित्सक, दंत-चिकित्सक, रजिस्ट्रीकृत नर्सें, व्यापारिक प्रबंधक और महाविद्यालयों के प्रोफेसर शामिल हैं। एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम में फैशन मॉडल भी सम्मिलित हैं।
आलोचकों को एच-1बी कार्यक्रम से एक अन्य गंभीर शिकायत वेतन में आने वाली कमी को लेकर है: कुछ अध्ययनों ने यह पाया है कि एच-1बी कर्मचारियों को अमरीकी कर्मचारियों की तुलना में लक्षणीय रूप से कम वेतन दिया जाता है।[29][30] यह दावा किया गया है[31][32][33][34][35][35] कि एच-1बी कार्यक्रम का प्रयोग मुख्यतः सस्ते श्रम-बल के एक स्रोत के रूप में किया जाता है। नैशनल ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक रिसर्च (National Bureau of Economic Research) के लिये हार्वर्ड के प्रोफेसर जॉर्ज जे. बोर्जास द्वारा प्रस्तुत एक शोध-पत्र में यह पाया गया कि "डॉक्टोरेट-उपाधि प्राप्त लोगों की संख्या में आप्रवासन-प्रेरित 10 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिस्पर्धी कर्मचारियों के वेतन में लगभग 3 से 4 प्रतिशत की कमी ले आती है।"[उद्धरण चाहिए]
यह अपेक्षा की जाती है कि एच-1बी याचिका में शामिल एलसीए (LCA) इस बात को सुनिश्चित करे कि एच-1बी कर्मचारियों को श्रम-बाज़ार में वर्तमान में प्रचलित वेतन, अथवा नियोक्ता के वास्तविक औसत वेतन (जो भी अधिक हो) के अनुसार भुगतान किया जाए,[उद्धरण चाहिए] लेकिन इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि नियोक्ता इन प्रावधानों का पालन नहीं करते और इसका उल्लंघन करने वालों के लिये कड़े दंड के प्रावधान के बावजूद वास्तविक प्रचलित वेतन का भुगतान करने से बचते हैं।[36]
डीओएल (DOL) ने प्रचलित वेतन दर को चार स्तरों में विभाजित किया है, जिनमें से प्रथम स्तर (Level One) औसत अमरीकियों द्वारा कमाये जाने वाले वेतन के लगभग 17वां शतमक का प्रतिनिधित्व करता है। लगभग 80 प्रतिशत एलसीए (LCA) इस 17वें शतमक के स्तर पर दायर किये जाते हैं।[उद्धरण चाहिए] चार-स्तरों वाली यह प्रचलित वेतन-दर डीओएल (DOL) की वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है,[37] और सामान्यतः यह औसत वेतन-दर से बहुत कम होती है।[उद्धरण चाहिए]
ये आरोप भी लगता है कि "प्रचलित वेतन" का यह नियम अस्पष्ट है और इस कारण इसके साथ छेड़छाड़ करना सरल है,[उद्धरण चाहिए] जिसके परिणामस्वरूप नियोक्ता वीज़ाधारी कर्मचारियों को कम वेतन का भुगतान करते हैं। रॉशेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Rochester Institute of Technology) में सार्वजनिक नीति के सहायक प्रोफेसर रॉन हिरा के अनुसार, सन 2005 में नई एच-1बी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी [IT]) के लिये वेतन का मध्यमान केवल $50,000 था, जो कि बी.एस. उपाधिधारी नये आईटी स्नातकों के शुरुआती वेतन से भी कम था। अमरीकी सरकार के ओईएस (OES) कार्यालय का डेटा यह सूचित करता है कि एच-1बी आईटी कर्मचारियों में से 90 प्रतिशत का वेतन उसी कार्य के लिये दिये जाने वाले अमरीकी कर्मचारियों के वेतन से कम था।[38]
जब गाय सैंटिग्लिया नामक एक पूर्व-कर्मचारी द्वारा यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर में शिकायतें दायर करके यह आरोप लगाया गया कि सैंटा क्लैरा प्रतिष्ठान द्वारा एच-1बी वीज़ा को लेकर विदेशी कर्मचारियों के पक्ष में अमरीकी नागरिकों के साथ भेद-भाव किया जाता है, तो इसके बाद सन 2002 में, अमरीकी सरकार ने सन माइक्रोसिस्टम्स की नियुक्ति पद्धतियों की पड़ताल शुरु की. सन 2001 के अंत में जब इस कंपनी ने 3,900 कर्मचारियों को निकाल दिया और उसी समय हज़ारों वीज़ा के लिये आवेदन किया, तो सैंटाग्लिया ने कंपनी पर अमरीकी नागरिकों के विरुद्ध भेद-भाव करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सन 2002 में सन के 39,000 कर्मचारियों में से लगभग 5 प्रतिशत के पास अस्थायी कार्य वीज़ा थे।[39] सन 2005 में, यह निर्णय लिया गया कि सन ने केवल छोटी आवश्यकताओं का उल्लंघन किया था और इनमें से कोई भी उल्लंघन बहुत बड़ी मात्रा में या स्वेच्छा से नहीं किया गया था। अतः न्यायाधीश ने सन को केवल अपनी नियुक्ति पद्धतियों को बदलने का आदेश दिया.[40]
हालांकि, कम वेतन का अर्थ आवश्यक रूप से नियोक्ताओं के लिये कम लागत नहीं है। एच1-बी वीज़ा के लिये आवेदन करने के लिये किसी कंपनी को आने वाली लागत महत्वपूर्ण हो सकती है और यह $1,440 व $5,000 के बीच हो सकती है,[41] क्योंकि राष्ट्रपति ओबामा द्वारा पब्लिक लॉ 111-230 क़ानून पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद से[42] उन याचिकाकर्ताओं, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमरीका में 50 या अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया हो और संयुक्त राज्य अमरीका में जिनके 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों के पास 14 अगस्त 2010 से एच1-बी या एल (एल-1ए, एल-1बी और एल-2 सहित) गैर-आप्रवासी दर्जा हो, के लिये एच1बी शुल्क में $2000 की वृद्धि कर दी गई है, जो कि एटर्नी (यदि उसका प्रयोग किया गया हो) के शुल्क, कंपनी में कर्मचारियों की संख्या, व इस बात पर निर्भर करती है कि क्या अधिक तीव्र प्रीमियम सेवा के लिये भुगतान किया गया था और जिसमें मूल देश की सीमा तक एक संभावित दौरे की लागत तथा पुनर्नवीनीकरण की लागत शामिल नहीं हैं। इसके अलावा, अत्यधिक मांग के कारण इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि संभावित नियोक्ता को वीज़ा प्रदान किया जाएगा और कभी-कभी ये खर्च वापसी-योग्य होते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि नियोक्ता को कर्मचारी को बरखास्त करना पड़े, तो कंपनी को किन्हीं ऐसी उचित लागतों का भुगतान करना पड़ेगा, जो पुनः अपने अंतिम विदेशी निवास वाले स्थान तक स्वयं को व अपने आश्रितों को ले जाने में कर्मचारी को आएगी. इस प्रावधान में केवल बरखास्तगी शामिल है, यह तब प्रासंगिक नहीं होता, जब कोई कर्मचारी स्वतः त्याग-पत्र देने का निर्णय ले. [उद्धरण चाहिए]
ऐतिहासिक रूप से, एच-1बी धारकों का वर्णन कभी-कभी अनुबंधित सेवकों के रूप में किया जाता रहा है,[43] और हालांकि यह तुलना अब पूरी तरह सटीक नहीं है, लेकिन सन 2000 के अमेरिकन कॉम्पीटिटिवनेस इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी अधिनियम (American Competitiveness in the Twenty-First Century Act) के पारित होने से पूर्व तक इसकी वैधता अधिक थी। हालांकि आप्रवासन के लिये सामान्यतः छोटी अवधि व लंबी अवधि के आगंतुकों को ग्रीन कार्ड (स्थायी निवास) प्राप्त करने की किसी भी लालसा को छोड़ देने की आवश्यकता होती है, लेकिन एच-1बी वीज़ा धारक इस रूप में इसके एक महत्वपूर्ण अपवाद हैं कि द्वैत उद्देश्य के सिद्धांत (doctrine of dual intent) के नाम से जानी जाने वाली अवधारणा के अंतर्गत एच-1बी को ग्रीन कार्ड की ओर एक संभावित कदम के रूप में क़ानूनी रूप से मान्यता प्रदान की गई है।
नियोक्ता अमरीकी डिपार्टमेंट ऑफ लेबर में एक एलियन लेबर सर्टिफिकेशन दायर करके एच1-बी वीज़ा धारकों को उनके ग्रीन कार्ड के लिये प्रायोजित कर सकते हैं।[उद्धरण चाहिए] अतीत में, प्रायोजन प्रक्रिया में कई वर्ष लग जाते थे और उस अवधि में से अधिकांश के लिये एच-1बी वीज़ा धारक ग्रीन कार्ड की कतार में अपना स्थान गंवाये बिना अपनी नौकरी नहीं बदल पाने में असमर्थ होते थे। इसके कारण एच1-बी वीज़ा धारक द्वारा अपने नियोक्ता के प्रति दबावपूर्ण वफादारी के एक तत्व का निर्माण हुआ। आलोचकों[कौन?] का आरोप है कि इस दबावपूर्ण वफादारी के कारण नियोक्ताओं को लाभ होता है क्योंकि इससे इस बात का जोखिम कम हो जाता है कि कोई एच-1बी कर्मचारी उनकी नौकरी छोड़ देगा और किसी प्रतिस्पर्धी के लिये कार्य करने लगेगा और इससे नागरिक कर्मचारियों को नौकरियों के बाज़ार में हानि होती है क्योंकि नियोक्ता को इस बात का आश्वासन कम होता है कि नागरिक समय की एक विस्तारित अवधि तक अपनी नौकरी में बना रहेगा, विशेषतः यदि कार्य की परिस्थितियां कठिन हों, वेतन कम हो अथवा कार्य बहुत कठिन या जटिल हो. यह तर्क दिया जाता रहा है कि इससे एच1-बी वीज़ा कार्यक्रम नियोक्ताओं के लिये अत्यधिक आकर्षक बन जाता है और इस संदर्भ में श्रम क़ानून ऐसे लाभ प्राप्त करने के लिये प्रयासरत व्यापार समूहों द्वारा प्रभावित होते रहे हैं।[उद्धरण चाहिए]
कुछ हालिया समाचार रिपोर्टों में यह बताया गया है कि सन 2008 में शुरु हुई मंदी एच1-बी वीज़ा की परिस्थिति को इस कार्यक्रम के समर्थकों व इसका विरोध करने वालों, दोनों के लिये बिगाड़ देगी.[44] ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया इतनी लंबी हो गई है कि मंदी के इन वर्षों के दौरान यह असामान्य नहीं रह गया है कि प्रायोजक कंपनियां विफल होकर अदृश्य हो जाएं, जिसके कारण एच1-बी कर्मचारी किसी अन्य प्रायोजक को ढूंढने और ग्रीन कार्ड की कतार में अपना स्थान खोने पर बाध्य हो जाएं. संभव है कि कोई एच1-बी कर्मचारी ग्रीन कार्ड पाने से केवल एक माह दूर हो, लेकिन यदि उसे नौकरी से निकाल दिया जाये, तो उसे देश छोड़कर जाना पड़ेगा या फिर कतार के अंत में जाना पड़ेगा और ग्रीन कार्ड पाने की प्रक्रिया पुनः शुरु करनी होगी, जिसमें उसे अपनी राष्ट्रीयता व वीज़ा श्रेणी के आधार पर और 10 वर्षों तक भी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।[45]
सितंबर 2008 के यू.एस. सिटिज़नशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज़ "एच-1बी बेनिफिट फ्रॉड एंड कम्पलायन्स ऐसेसमेंट" ने यह निष्कर्ष निकाला कि जारी किये गये कुल एच-1बी वीज़ा में से 21% आवेदन धोखाधड़ी वाले या तकनीकी उल्लंघनों वाले थे।[46] धोखाधड़ी को एक स्वैच्छिक मिथ्या-प्रस्तुति, जालसाजी, या किसी ठोस तथ्य को छुपाने के रूप में परिभाषित किया गया था। वे तकनीकी उल्लंघन, त्रुटियां, चूक और पालन में ऐसी विफलतायें जो धोखाधड़ी की परिभाषा में नहीं आतीं हैं, उन्हें भी 21% में शामिल किया गया था। इसके परिणामस्वरूप, यूएससीआईएस (USCIS) ने एच-1बी आवेदनों में धोखाधड़ी और तकनीकी उल्लंघनों की संख्या को कम करने के लिये प्रक्रियात्मक परिवर्तन किये हैं।
एच01बी वीज़ा रिफॉर्म पर सदन में दिये गये अपने वक्तव्य में, सीनेटर डिक डर्बन ने कहा था कि "एच1-बी वीज़ा वाली नौकरी 3 वर्षों के लिये हो सकती है और पुनः 3 वर्षों के लिये उसका नवीनीकरण किया जा सकता है। उसके बाद उन कर्मचारियों का क्या होता है? खैर, वे रह सकते हैं। यह संभव है। लेकिन, भारत से बाहर इन नई कंपनियों के पास पैसा बनाने की एक बेहतर तरकीब है। वे इन रिक्त पदों को भरने के लिये अपने इंजीनियरों को भारत से अमरीका भेजती हैं--और ऐसा करने के लिये उन्हें धन भी मिलता है--और फिर 3 से 6 वर्षों बाद वे उन्हें अमरीकी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रही कंपनियों में कार्य करने के लिये पुनः भारत में वापस ले आती हैं। वे इसे अपने आउटसोर्सिंग वीज़ा कहते हैं। वे अपने मेधावी इंजीनियरों को यह सीखने के लिये भेज रहे हैं कि अमरीकी लोग किस प्रकार व्यवसाय कर रहे हैं और इसके बाद उन अमरीकी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिये उन्हें वापस ले आते हैं।[47] आउटसोर्सिंग के लिये एच-1बी के प्रयोग के आलोचकों ने यह भी पाया है कि जिन कंपनियों के मुख्यालय संयुक्त राज्य अमरीका में हैं, उनकी तुलना में ऐसी कंपनियों को अधिक संख्या में एच-1बी वीज़ा जारी किये जाते हैं, जिनके मुख्यालय भारत में हैं।[48]
अधिकांश राज्यों में, एच-1बी कर्मचारी और उनके आश्रित राज्य-में शिक्षा प्राप्त करने के लिये अर्ह नहीं होते, भले ही वे यूएस में कितना ही समय क्यों न बिता चुके हों.[उद्धरण चाहिए] हालांकि, एक दशक से अधिक समय से, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, वॉशिंग्टन और टेक्सास जैसे कुछ राज्यों ने राज्य-की शिक्षा का विस्तार एच-1बी कर्मचारियों और उनके आश्रितों तक किया है। विशिष्टतः एच-1बी और एच4 निवासियों को राज्य-की ओर से शिक्षा प्रदान किये जाने का निर्णय एक राज्य न्यायालय के एक प्रतिकूल निर्णय के परिणामस्वरूप लिया गया है, जो पूर्व में टॉल विरुद्ध मोरेनो, 441 यू.एस. 458 (1979) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जी-4 वीज़ा के लिये स्थापित एक निर्णय का प्रयोग करता है।
अपने कुल वेतन भुगतान के एक भाग के रूप में एच1बी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा (Social Security) और चिकित्सा देखभाल (Medicare) करों का भुगतान करना होता है। यदि उन्होंने कम से कम 10 वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा लाभों के लिये भुगतान किया हो, तो संयुक्त राज्य अमरीका को छोड़कर चले जाने के बाद भी अमरीकी नागरिकों की ही तरह, वे भी सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करने के हकदार होते हैं। इसके अलावा, विभिन्न देशों के साथ संयुक्त राज्य अमरीका के द्विपक्षीय समझौते हैं, जिनके अनुसार यूएस सोशल सेक्युरिटी सिस्टम में भुगतान की अवधि, भले ही यह 10 वर्षों से कम क्यों न हो, को उस विदेशी राष्ट्र में इसके समकक्ष प्रणाली में स्वीकार किया जाता है और इसका विपरीत भी सत्य है।[49]
एच-1बी वीज़ाधारक का जीवनसाथी, जो कि सामान्यतः एच-4 (आश्रित) वीज़ा पर आता है, संयुक्त राज्य अमरीका में कार्य नहीं कर सकता.[50]
यदि किसी एच-1बी कर्मचारी को किसी भी कारण नौकरी से निकाल दिया जाये, तो एच-1बी कार्यक्रम व्यक्ति को जाने की तैयारी करने के लिये तकनीकी रूप से कोई समय भत्ता या कृपा अवधि दिये जाने का उल्लेख नहीं करता, भले ही वह एच-1बी कर्मचारी संयुक्त राज्य अमरीका में कितनी ही अवधि से क्यों न रह रहा हो. अतः अपने कार्य निपटाने के लिये, किसी अन्य गैर-आप्रवासी दर्जे में परिवर्तन किये जाने का आवेदन दायर करना आवश्यक हो सकता है।
कोई एच-1बी कर्मचारी, जिसे नौकरी से निकाल दिया गया हो और जो अपनी ओर से याचिका दायर करने के लिये किसी नये एच-1बी नियोक्ता को ढूँढने का प्रयास कर रहा हो, की नौकरी के अंतिम दिवस तथा नई एच-1बी याचिका दायर करने की तिथि के बीच यदि एक दिन का भी अंतर आ जाये, तो उस कर्मचारी को दर्जे से बाहर माना जाता है। हालांकि कुछ वकील यह दावा करते हैं कि 30 दिनों, 60 दिनों या कभी-कभी 10 दिनों की कृपा अवधि दी जाती है, लेकिन क़ानून के अनुसार यह सत्य नहीं है। व्यवहार में, यूएससीआईएस (USCIS) ने कार्य में 60 दिनों तक का अंतर आने पर भी एच-1बी स्थानांतरण आवेदन स्वीकार किये हैं, लेकिन किसी भी प्रकार से इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती.
"कृपा अवधि" के बारे में कुछ भ्रम इसलिये उत्पन्न हुआ क्योंकि एक एच-1बी कर्मचारी को निवास की अपनी प्राधिकृत अवधि की समाप्ति पर संयुक्त राज्य अमरीका से जाने के लिये 10 दिनों की कृपा अवधि प्रदान की जाती है (यह नौकरी से निकाल दिये जाने वाले कर्मचारियों पर लागू नहीं होती). यह कृपा अवधि केवल तभी तक लागू रहती है, यदि कर्मचारी अपनी आई-797 या आई-94 कार्ड अनुमति सूचना में सूचीबद्ध एच-1बी समाप्ति तिथि तक कार्य करता है। 8 सीएफआर 214.2(एच)(13)(आई)(ए).
क़ानूनी रूप से नियोक्ता नौकरी से निकाले गये कर्मचारी की वापसी यात्रा के लिये भुगतान करने पर बाध्य होता है।
यूएससीआईएस (USCIS) में दायर की गई प्रत्येक एच-1बी याचिका के लिये, अनिवार्य रूप से यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ लेबर द्वारा प्रमाणित एक लेबर कंडीशन ऐप्लीकेशन (एलसीए) शामिल किया जाना चाहिये. एलसीए की रचना यह सुनिश्चित करने के लिये की गई है कि गैर-आप्रवासी कर्मचारी को दिया जाने वाला वेतन कार्य-क्षेत्र में "प्रचलित वेतन" के बराबर या उससे अधिक हो. एलसीए में एक सत्यापन भाग भी शामिल होता है, जिसकी रचना किसी हड़ताल को तोड़ने के लिये विदेशी कर्मचारियों का आयात करने, या अमरीकी नागरिक कर्मचारियों को हटाने के उद्देश्य से कार्यक्रम का प्रयोग किये जाने से रोकने के लिये की गई है। इन नियमों के तहत, एलसीए का सार्वजनिक रिकॉर्ड रखा जाता है। एच-1बी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने वाले व्यापारिक संस्थानों के लिये यह आवश्यक होता है कि यदि कोई भी सामान्य-जन इन्हें दिखाये जाने का निवेदन करे, तो उन्हें ये रिकॉर्ड उपलब्ध करवाये जायें. प्रासंगिक अभिलेखों की प्रतियां डिपार्टमेंट ऑफ लेबर की वेबसाइट सहित, अन्य अनेक वेबसाइटों से भी उपलब्ध हैं।
सैद्धांतिक रूप से, ऐसा प्रतीत होता है कि एलसीए प्रक्रिया अमरीकी व एच-1बी कर्मचारी दोनों को सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, यू.एस. जनर अकाउंटिंग ऑफिस के अनुसार, प्रवर्तन सीमायें और प्रक्रियात्मक समस्यायें इन सुरक्षाओं को अप्रभावी बना देतीं हैं।[51] अंततः इस बात का निर्धारण नियोक्ता, न कि डिपार्टमेंट ऑफ लेबर, करता है कि किसी पद के लिये प्रचलित वेतन का निर्धारण करने के लिये वह किस स्रोत का प्रयोग करेगा और वह अनेक प्रतिस्पर्धी सर्वेक्षणों में से किसी का भी चयन कर सकता है, जिसमें उसके स्वयं के वेतन सर्वेक्षण शामिल होते हैं, लेकिन यह आवश्यक है कि ये सर्वेक्षण कुछ परिभाषित नियमों व कानूनों का पालन करते हों.
यह कानून विशिष्ट रूप से डिपार्टमेंट ऑफ लेबर द्वारा एलसीए को अनुमति प्रदान किये जाने की प्रक्रिया को "पूर्णता और स्वाभाविक चू्कों" की जांच करने से रोकता है।[52] वित्त-वर्ष 2005 में, दायर किये गये 300,000 से अधिक एलसीए में से केवल 800 के लगभग एलसीए को अस्वीकृत किया गया था। हायर अमेरिकन्स फर्स्ट (Hire Americans First) ने एच-1बी वीज़ा से हुई हानि संबंधी रिपोर्टों के सैकड़ों प्रत्यक्ष मामले भी प्रकाशित किये हैं, जिनकी जानकारी सीधे उन व्यक्तियों से प्राप्त हुई है, जिन्हें इस कार्यक्रम से हानि हुई है और जिनमें से कई लोग प्रसार-माध्यमों से बात करने को तैयार हैं।[27]
प्रवर्तन का स्तर घटिया है और उल्लंघनकर्ताओं द्वारा आईएनएस (INS) अंकेक्षण से सकुशल बच निकलने की रिपोर्टें भी हैं।[53]
सन 2009 में संघीय अधिकारियों ने एक राष्ट्रव्यापी एच-1बी वीज़ा घोटाला उजागर किया। अक्टूबर 2009 में यूएससीआईएस (USCIS) की एक रिपोर्ट ने पाया कि एच-1बी कार्यक्रम की उल्लंघन दर 20 प्रतिशत से अधिक है।[54]
सन 2000 के अमेरिकन कॉम्पीटिटिवनेस इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी अधिनियम (एसी21 [AC21]) तथा श्रम प्रमाणन के लिये यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ लेबर की पर्म (PERM) प्रणाली ने ग्रीन कार्ड प्रक्रिया के दौरान एच-1बी धारकों को अनुबंधित श्रमिक माने जाने के आरोपों के समर्थन में दिये जाने वाले अधिकांश तर्कों को मिटा दिया. पर्म (PERM) के साथ, श्रम प्रमाणन प्रक्रिया का समय अब लगभग 9 माह (मार्च 2010 की जानकारी के अनुसार) है।[55]
एसी21 के कारण, यदि किसी एच-1बी कर्मचारी उस स्थिति में नौकरी बदलने को मुक्त होता है, यदि उसका एक आई-485 आवेदन छः माह से लंबित हो और उसके पास एक अनुमति-प्राप्त आई-140 आवेदन हो, तथा वह जिस नये पद पर जा रहा हो, वह आवश्यक रूप से उसके वर्तमान पद के साथ तुलनीय हो. कुछ मामलों में, यदि वे श्रम प्रमाणन वापस ले लिये गये हों और उनका स्थान पर्म (PERM) आवेदनों ने ले लिया हो, तो प्रक्रिया अवधि में सुधार होगा, लेकिन वह व्यक्ति अपनी अनुकूल प्राथमिकता तिथि भी खो देगा. उन मामलों में, एक ग्रीन कार्ड प्रदान करने का प्रस्ताव देकर किसी एच-1बी कर्मचारी को रोके रखने के नियोक्ता के प्रयास में कमी आयेगी क्योंकि नियोक्ता को श्रम प्रमाणन और आई-140 प्रक्रिया से जुड़ी उच्च क़ानूनी लागतों व शुल्कों को वहन करना पड़ेगा, लेकिन एच-1बी कर्मचारी अभी भी नौकरी बदलने के लिये स्वतंत्र रहेगा.ह
हालांकि, प्राथमिकता तिथि में व्यापक रूप से हो रहे प्रतिगमन के कारण वर्तमान में कई लोग आई-485 के लिये आवेदन करने के लिये अपात्र हैं। इस प्रकार, संभव है कि अभी भी वे अनेक वर्षों तक अपने प्रायोजक नियोक्ता के साथ ही बंधे रहें. पर्म-पूर्व नियमों (Pre-PERM rules) के अंतर्गत आने वाले कई पुराने श्रम प्रमाणन मामले भी लंबित हैं।
25 मई 2006 को, अमरीकी सीनेट ने आप्रवासन विधेयक 2611 पारित किया, जिसमें एच-1बी वीज़ा की संख्या में विभिन्न वृद्धियां की गईं हैं, जिनमें शामिल हैं:
हालांकि, चूंकि सदन ने इन उपायों पर विचार करने से इंकार कर दिया, अतः यह विधेयक सम्मेलन में समाप्त हो गया और चुनावों के कारण उस समय एच-1बी में कोई वृद्धि नहीं की गई।
यूएससीआईएस (USCIS) ने घोषणा की है कि एक नीति समीक्षा की पूर्ति करने के बाद वह इस बात को स्पष्ट करने कर रहा था कि एच-1बी कोटा सीमाओं से बचने के लिये, जिन व्यक्तियों ने अमरीका से बाहर एक वर्ष बिताया हो और छः वर्षों की अपनी पूरी अवधि का प्रयोग न किया हो, वे एच-1बी की अधिकतम सीमा के अधीन न रहते हुए प्रारंभिक छः वर्षों की "शेष" अवधि के लिये पुनः शामिल किये जाने का विकल्प चुन सकते हैं।[59]
यूएससीआईएस (USCIS) ने यह घोषणा भी की है कि एक नीति समीक्षा को पूर्ण करने के बाद वह यह स्पष्ट कर रहा है कि "एच-4 दर्जे के अंतर्गत बिताई गई कोई भी समयावधि एच-1बी बाह्य नागरिकों पर लागू होने वाली प्रवेश की अधिकतम छः वर्षों की अवधि के विरुद्ध नहीं गिनी जाएगी.[59]
24 मई 2007 को, सीनेट ने कॉम्प्रिहेन्सिव इमीग्रेशन रिफॉर्म (Comprehensive Immigration Reform) विधेयक[60] (एस.1348)[61] में संशोधनों पर विचार किया, जिसमें एच-1बी स्कॉलरशिप व प्रशिक्षण शुल्क को $1500 से बढ़ाकर $8500 (उन नियोक्ताओं के लिये जिनके पूर्णकालिक कर्मचारियों की संख्या 25 से अधिक हो) किये जाने का सैंडर्स संशोधन भी शामिल है। इस अतिरिक्त शुल्क का पयोग प्रशिक्षण व छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के लिये किया जाना था तथा यह अन्य मौजूदा शुल्कों से अलग था। सीनेटर सैंडर्स ने अपने संशोधन के समर्थकों के रूप में टीमस्टर्स यूनियन (Teamsters Union) व एएफेल-सीआईओ (AFL-CIO) को सूचीबद्ध किया। इस संशोधन के बिना, सीनेटर सैंडर्स (आई-वीटी) ने कहा कि "कुशल मध्यम-वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग के अमरीकियों" की हानि होगी और उनके वेतन में कमी जारी रहेगी. मतदान से ठीक पहले, सीनेटर सैंडर्स ने घोषणा की कि उन्होंने अपने संशोधन में परिवर्तन किये हैं और एच-1बी वीज़ा के लिये उनके द्वारा पहले प्रस्तावित $8500 के शुल्क को घटाकर $5000 कर दिया है। सीनेटर सैंडर्स की इस घोषणा के बाद, सीनेटर केनेडी व स्पेक्टर ने इस विधेयक के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और यह संशोधन 59-35 के मतदान द्वारा पारित हो गया।[62] कम्पीट अमेरिका (Compete America), जो की अमरीकी प्रौद्योगिकी कंपनियों का एक गठबंधन है, ने कहा कि सैंडर्स संशोधन "आउटसोर्सिंग को गति प्रदान करेगा और अमरीका की आर्धिक वृद्धि को हानि पहुंचाएगा."
सन 2008 का कन्सॉलिडेटेड नैचुरल रिसोर्सेज़ ऐक्ट (Consolidated Natural Resources Act of 2008), जो अन्य मुद्दों के अलावा, कॉमनवेल्थ ऑफ नॉर्दर्न मैरियाना आइलैंड्स में आप्रवासन को संघीकृत करता है, का अनुमान है कि एक अवस्थांतर अवधि के दौरान, अंकीय सीमायें सीएनएमआई (CNMI) व ग्वाम (Guam) में एच वीज़ा श्रेणी में अन्यथा पात्र कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगी.[63]
17 फ़रवरी 2009 को, राष्ट्रपति ओबामा ने सन 2009 के अमेरिकन रिकवरी एंड रीइन्वेस्टमेंट ऐक्ट (American Recovery and Reinvestment Act of 2009) ("प्रेरक विधेयक"), पब्लिक लॉ 111-5 पर हस्ताक्षर किये.[64] एआरआरए (ARRA) के सेक्शन 1661 में सीनेटर सैंडर्स (आई-वीटी) व ग्रासली (आर-लोवा) द्वारा प्रस्तुत एम्प्लॉय अमेरिकन वर्कर्स ऐक्ट ("ईएडब्ल्यूए [EAWA]") शामिल है, जो कुछ बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं को एच-1बी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने से तब तक रोकता है, जब तक कि उन्होंने उतने ही या उनसे बेहतर शिक्षित अमरीकी कर्मचारियों को नौकरियों का प्रस्ताव न दिया हो और एच-1बी कर्मचारियों को उन नौकरियों पर रखने से बैंकों को रोकता है, जिनसे उन्होंने अमरीकी कर्मचारियों को निकाल दिया हो. इन प्रतिबंधों में शामिल हैं:
यूएससीआईएस (यू.एस. सिटीज़नशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज़) ने हाल ही में 8 जनवरी 2010 को एक ज्ञापन जारी किया। इस ज्ञापन में प्रभावी रूप से यह कहा गया है कि याचिकाकर्ता (नियोक्ता) व लाभार्थी (संभावित वीज़ा धारक) के बीच एक स्पष्ट "कर्मचारी नियोक्ता संबंध" होना अनिवार्य है। यह केवल इस बात की रूपरेखा देता है कि नियोक्ता द्वारा क्या किया जाना अनिवार्य है, ताकि यह माना जा सके कि वह नियमों के अनुरूप है और साथ ही एक वैध संबंध की मौजूदगी के बारे में नियोक्ता के दावे का समर्थन करने के लिये किन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी.
कुछ लोगों का तर्क है कि इसने प्रभावी रूप से "नौकरियों की खरीद के उद्योग को नष्ट कर दिया है". हालांकि यह स्पष्ट है कि अनुमति-प्राप्त करने वाली वीज़ा याचिकाओं की संख्या में कमी आई है (या कोटे की पूरी संख्या तक पहुंचने की इसकी गति सामान्य से कम हो गई है), लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कार्यक्रम को "रोककर" रखने के स्पष्ट राजनैतिक दबाव के कारण है अथवा नहीं, या क्या यह वास्तविक आर्थिक वास्तविकताओं का एक लंबी-अवधि का परिणाम है। यह ज्ञापन इस बात के तीन स्पष्ट उदाहरण देता है कि एक वैध "कर्मचारी नियोक्ता संबंध" क्या है और क्या नहीं है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के मामले में, याचिकाकर्ता (नियोक्ता) को अनिवार्य रूप से अन्य कार्यों के अतिरिक्त केवल निम्नलिखित (में से कुछ) को स्वीकार करना होता है:
इसमें आगे कहा गया है कि "सामान्य क़ानून इस बारे में लचीला है" कि इन कारकों का महत्व किस प्रकार निर्धारित किया जाना चाहिये.
हालांकि यह ज्ञापन क़ानूनी मामलों का उल्लेख करता है और उदाहरण प्रदान करता है, परंतु ऐसा ज्ञापन अपने आप में कोई क़ानून नहीं है और भविष्य में ऐसा/ऐसे ज्ञापन सरलता से जारी किये जा सकते हैं, जो इसे परिवर्तित करते हों.
एच-1बी वीज़ा के अलावा, ऐसी अनेक प्रकार की वीज़ा श्रेणियां हैं, जो विदेशी कर्मचारियों को यू.एस. में आने और कुछ समय तक कार्य करने की अनुमति देती हैं।
एल-1 वीज़ा किसी निगम के विदेशी कर्मचारियों को जारी किये जाते हैं। हालिया नियमों के अंतर्गत, यह अनिवार्य है कि विदेशी कर्मचारी ने वीज़ा प्राप्ति से पूर्व के तीन वर्षों में से कम से कम एक वर्ष तक उस निगम के लिये कार्य किया हो. एक एल-1बी वीज़ा उन गैर-आप्रवासी कर्मचारियों के लिये उपयुक्त होता है, जो कंपनी की तकनीकों और कार्यविधियों के उनके विशेषीकृत ज्ञान के आधार पर अस्थायी रूप से संयुक्त राज्य अमरीका में स्थानांतरित किये जा रहे हों. एक एल-1ए वीज़ा उन प्रबंधकों या कर्मचारियों के लिये होता है, जो या तो लोगों का या कंपनी के किसी आवश्यक कार्य का प्रबंधन करेंगे. एल-1 वीज़ा धारकों को प्रचलित वेतन का भुगतान करने की कोई आवश्यकता नहीं होती. कनाडा के निवासियों के लिये, एक विशेष एल वीज़ा श्रेणी उपलब्ध है।
टीएन-1 वीज़ा नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (North American Free Trade Agreement) (नाफ्टा [NAFTA]) के एक भाग के रूप में उपलब्ध हैं और ये वीज़ा कनाडा व मेक्सिकों के नागरिकों को जारी किये जाते हैं।[66] टीएन वीज़ा केवल उन कर्मचारियों के लिये उपलब्ध होते हैं, जो कार्यों की नाफ्टा (NAFTA) संधि में शामिल एक पूर्व-निर्धारित सूची में से किसी एक कार्य के अंतर्गत आते हों. टीएन वीज़ा के लिये विशिष्ट अर्हता आवश्यकतायें होतीं हैं।
ऑस्ट्रेलिया मुक्त-व्यापार संधि के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को ई-3 वीज़ा जारी किये जाते हैं।
संशोधित नाफ्टा संधि के अंतर्गत एच-1बी1 वीज़ा चिली और सिंगापुर के निवासियों को जारी किये जाते हैं।
कार्य वीज़ा में एक हालिया प्रवृत्ति यह है कि संधि के समझौतों के एक भाग के रूप में विभिन्न देश अपने नागरिकों के लिये विशेष प्राथमिकता पाने का प्रयास करते हैं। एक अन्य प्रवृत्ति यह है कि आव्रजन क़ानून बड़े प्राधिकारों या बहुप्रयोज विधेयकों में सम्मिलित किये जाते हैं, ताकि एक पृथक मतदान के साथ आने वाले विवाद से बचा जा सके.
एच-2बी वीज़ा: एच-2बी गैर-आप्रवासी कार्यक्रम नियोक्ताओं को विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है और वे कर्मचारी अमरीका आकर अस्थायी गैर-कृषि कार्य कर सकते हैं, जो कि एक-बार किया जाने वाला, मौसमी, उच्च-भार अवधि के दौरान किया जाने वाला या बारी-बारी से आने वाला कार्य हो सकता है। एच-2बी दर्जा प्राप्त कर सकने वाले विदेशी कर्मचारियों की संख्या के लिये 66,000 की एक वार्षिक सीमा निर्धारित की गई है
एच-1बी वीज़ा के विकल्प
एच-1बी वीज़ा धारक को अपने निकटवर्ती परिवारिक सदस्यों (जीवनसाथी और 21 वर्ष से कम आयु के बच्चों) को एच4 वीज़ा श्रेणी के अंतर्गत आश्रितों के रूप में अपने साथ लाने की अनुमति दी जाती है। एक एच4 वीज़ा धारक यू.एस. में तब तक रह सकता है, जब तक एच-1बी वीज़ा धारक अपने वैध दर्जे में बना रहे. एक एच4 वीज़ा धारक यू.एस. में कार्य करने के लिये पात्र नहीं होता और उसे एक सोशल सेक्युरिटी नंबर (एसएसएन [SSN]) पाने की पात्रता भी नहीं होती.[67] यू.एस. में रहते हुए एक एच4 वीज़ा धारक विद्यालय में अध्ययन कर सकता है, वाहन-चालन का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है और बैंक में खाता खोल सकता है। किसी टैक्स रिटर्न पर एक आश्रित होने का दावा करने या एक संयुक्त टैक्स रिटर्न दायर करने के लिये, आश्रित व्यक्ति को एक इंडीविजुअल टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (आईटीआईएन [ITIN]) प्राप्त करना होगा, जिसका प्रयोग केवल कर दायर करने के उद्देश्यों से ही किया जाता है।
250 पीएक्स (px) |
यूएस में कुल एच-1बी वीज़ा धारक कम्प्यूटर प्रणाली विश्लेषकों और प्रोग्रामरों में से 74 प्रतिशत लोग एशियाई हैं। एशियाई आईटी प्रोफेशनल्स के बड़े पैमाने पर संयुक्त राज्य अमरीका में होने वाले इस आव्रजन का उल्लेख ऑफशोर आउटसोर्सिंग उद्योग की तीव्र उत्पत्ति के एक केंद्रीय कारण के रूप में किया जाता है।[68]
वर्ष 2006 में, जारी किये गये 65,000 एच-1बी वीज़ा में से इन प्रतिष्ठानों को संयुक्त रूप से 19,512 वीज़ा जारी किये गये थे और एच-1बी वीज़ा प्राप्त करने वाले शीर्ष 5 प्रतिष्ठानों में 4 आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठान शामिल थे। इस सूची के शीर्ष पर सर्वाधिक प्रसिद्ध आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठानों में से कुछ मौजूद थे: इन्फोसिस, सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज़, टाटा कन्सल्टंसी सर्विसेज़ और विप्रो टेक्नोलॉजीस. आलोचकों का तर्क है कि एच-1 बी वीज़ा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इन आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठानों को एच-1बी वीज़ा जारी करना नहीं है।[69][70] इसके लिये दिया जाने वाला एक कारण है: आलोचकों का दावा है कि भारतीय प्रतिष्ठान नियमों को ताक पर रख देते हैं और इन वीज़ा का प्रयोग कर्मचारियों को यू.एस. में प्रशिक्षित करने के लिये करते हैं, ताकि नौकरियों को देश से बाहर ले जाने की प्रक्रिया में सहायता मिल सके.[69]
सन 2006 में, विप्रो ने 20,000 एच-1बी वीज़ा और 160 ग्रीन कार्डों के लिये आवेदन किया; और इन्फोसिस ने 20,000 एच-1बी वीज़ा तथा केवल 50 ग्रीन कार्डों के लिये आवेदन किया। आवेदित एच-1बी वीज़ा में से विप्रो व इन्फोसिस को क्रमशः 4,002 तथा 4,108 वीज़ा जारी किये गये, जिसकी स्वीकृति दर 20% और 24% थी।[71] यह देखते हुए कि दोनों ही कम्पनियों के पास लगभग 100,000 कर्मचारियों का कार्य-बल और मोटे तौर पर 20,000 एच-1बी वीज़ा धारकों का एक यू.एस. रोज़गार आधार है, यह सूचित होता है कि मोटे तौर पर सन 2006 में इन्फोसिस व विप्रो के कुल भारतीय कार्यबल के लगभग 1/5 ने वीज़ा के लिये आवेदन किया था।[72] बिज़नेस वीक के सन 2009 के एक लेख ने कम्प्यूटरवर्ल्ड के एक लेख का उल्लेख किया था, जो यह संकेत देता है कि 1,964 वीज़ा के साथ विप्रो इस कार्यक्रम की शीर्ष प्रयोक्ता थी।[73]
आलोचकों ने इस प्रवृत्ति के विरुद्ध तर्क देते हुए कहा है कि संयुक्त राज्य अमरीका में पात्र कर्मचारियों की कोई कमी नहीं है।[74]
सन 2009 में, विश्वव्यापी मंदी के कारण, आउटसोर्सिंग प्रतिष्ठानों द्वारा एच1बी के लिये किये गये आवेदनों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में लक्षणीय रूप से कम थी।[75]
[69][70][72][73] | |||||
पद | कंपनी | मुख्यालय | प्राथमिक रोजगार बेस | एच-1बीs 2006 प्राप्त | एच-1बीs 2009 को मंजूरी दी |
1, 8 | इन्फोसिस | बंगलौर, कर्नाटक, भारत | भारत | 4,908 | 440 |
2, 1 | विप्रो | बंगलौर, कर्नाटक, भारत | भारत | 4,002 | 1,964 |
3, 2 | माइक्रोसॉफ्ट | रेडमंड, वॉशिंगटन | यूएस (US) | 3,117 | 1,318 |
4 | टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत | भारत | 3,046 | |
5, 22 | सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज | हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, भारत | भारत | 2,880 | 219 |
6, 20 | कौग्निजैन्ट | टिनेक, न्यू जर्सी[76] | भारत | 2,226 | 233 |
7, 5 | पटनी कंप्यूटर सिस्टम्स | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत | भारत | 1,391 | 609 |
8, 4 | आईबीएम (IBM) (भारत, प्राइवेट लिमिटेड) | आर्मोंक, न्यूयॉर्क | यूएस (US) | 1,130 | 695 |
9, 15 | ओरैकल कॉर्पोरेशन | रैडवुड शोर्स, कैलिफोर्निया | यूएस (US) | 1,022 | 272 |
10, 6 | लार्सन एंड टूब्रो इन्फोटेक | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत | भारत | 947 | 602 |
, 3 | इंटेल कॉर्पोरेशन | सैंटा क्लारा, कैलिफोर्निया | यूएस (US) | 723 | |
, 7 | अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी (LLP) | लंदन, यूनाइटेड किंगडम | 481 | ||
, 8 | यूएसटी (UST) ग्लोबल | अलिसो विएजो, कैलिफोर्निया | 344 | ||
, 9 | डेलौएट कंसल्टिंग एलएलपी (LLP) | न्यूयॉर्क सिटी, न्यूयॉर्क | 328 | ||
, 10 | क्वेलकॉम इंक | सैन डिएगो, कैलिफोर्निया | 320 | ||
[69][70][72] | |
स्कूल | एच-1बीs प्राप्त 2006 |
न्यूयॉर्क सिटी पब्लिक स्कूल | 642 |
मिशिगन यूनिवर्सिटी | 437 |
शिकागो में इलिनोइस यूनिवर्सिटी | 434 |
पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी | 432 |
चिकित्सा के जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल | 432 |
मैरीलैंड यूनिवर्सिटी | 404 |
कोलंबिया यूनिवर्सिटी | 355 |
येल यूनिवर्सिटी | 316 |
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी | 308 |
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी | 279 |
सेंट लुइस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी | 278 |
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी | 275 |
[69][70][72] | |
कंपनी | एच-1बीs प्राप्त 2006 |
माइक्रोसॉफ्ट | 3517 |
कौग्निजैन्ट | 2226 |
आईबीएम (IBM) | 1130 |
ओरैकल कॉर्पोरेशन | 1022 |
सिस्को | 828 |
इंटेल | 828 |
मोटोरोला | 760 |
क्वेलकॉम | 533 |
याहू | 347 |
हेवलेट-पैकर्ड | 333 |
गूगल | 328 |
ज़ेविएंट | 49 |
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