2013 कामदूनी सामूहिक बलात्कार और हत्या मामला

2013 कामदूनी सामूहिक बलात्कार और हत्या मामला
तिथि 7 जून 2013
समय 2:30 दोपहर, भारतीय समय के अनुसार
स्थान कामदूनी, उत्तर 24 परगणा, पश्चिम बंगाल, भारत
मौतें 1 (पीड़ित महिला)
अभियुक्त अंसार अली
सैफ़ुल अली
नूर अली
भुट्टो मुल्ला
इनामुल मुल्ला
अमीन अली
गोपाल नास्कर
भोलानाथ नास्कर

7 जून 2013 को एक 20-वर्षीय छात्रा का अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या कामदूनी में कर दी गई जो बड़ासट के निकट स्थित है, कोलकाता से 20 कि०मि० की दूरी पर। पीड़ित लड़की डेरोज़िओ कॉलेज में बी ए के द्वीतीय वर्ष की छात्रा थी जो कामदूनी बीडीओ ऑफ़िस रोड पर से चल ही रही थी कि उसका अपहरण कर लिया गया और एक फ़ैक्ट्री में ले जाकर कम से कम नौ पुरुषों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया था। बलात्कार के पश्चात मुजरिमों ने उसके पाँवों को बाम्बी तक चीर दिया, गला काट दिया और शरीर को पास के खेत में डाल दिया। नौ आरोपियों में से आठ गिरफ़्तार हो चुके हैं। पीड़ित परिवार और गाँववालों ने लगातार माँग की है कि बलात्कार की शिकार लड़की को इंसाफ़ मिलना चाहिए और सरकार द्वारा दी गई सहायता-राशि लेने से इंकार कर दिया।

कामदूनी बीडीओ कार्यालय रोड 4.5 कि०मि० तक फैला हुआ है जो राजरहाट की मुख्य सड़क से शुरू होकर बड़ासट के द्वीतीय समुदाय विकास ब्लॉक से लेकर आगे उत्तर की ओर मध्यग्रम तक जाती है। 20 फ़ीट चौड़ी रोड पर मछलीपालन, धान की ज़मीनें और फ़ैक्ट्री की छतें दोनों तरफ़ फैली हुई हैं। यह क्षेत्र ग़ैर-क़ानूनी ठिकानों के लिए बदनाम है जिन्हें अधिकतर असामाजिक तत्त्व और मछलीपालन से जुड़े माफ़िया इस्तेमाल करते हैं।[1] कामदूनी बस पड़ाव से गुज़रनेवाली महिलाएँ लगभग हर बार अश्लील टिप्पणियों को सुनती रहती हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक मध्यम आयु वर्ग की महिला का पाँच साल पहले ही एक फ़ैक्ट्री परिसर में बलात्कार किया गया था। कामदूनी निवासियों का यह भी आरोप है कि असामाजिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण है और इसलिए पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।

स्थानीय समय के अनुसार रात 08:30 के समय पीड़ित लड़की के भाइयों ने राजरहाट में खड़ीबाड़ी के बीघा में एक उनकी बहन की बरबरतापूर्ण, विकृत, नग्न शरीर को पाया।[2] एक विवाद और झड़प ग्रामीणों और पुलिस के बीच उस समय शुरू हुई जब पुलिस पीड़ित का शव लेना प्रयास कर रही थी। भीड़ ने तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त किया। लगभग 2 बजे मध्यरात्रि एक विशाल पुलिस दल ग्रामीणों से पीड़ित का शरीर ग्रामीणों से बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए बारासाट के लिए भेजा।[3]


15 जून की शाम को भारतीय रिजर्व बटालियन के एक दल ने कामदूनी में फ़्लैग मार्च शुरू कर दिया।[4] अर्द्धसैनिक चौकसी के बावजूद भी नागरिक फ़ोरम की एक टीम ने कामदूनी का दौरा किया।[5] कई महिला संगठन जिनमें मातांगिनि महिला समिति, मैत्री, मनाभि, अहल्या और चेतना सहित शामिल हैँ, कामदूनी का दौरा कर चुके हैं।[5]

17 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कामदूनी का दौरा किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपपत्र घटना के 15 दिनों के भीतर पेश किया जाएगा और उनकी सरकार दोषियों को मौत की सज़ा देने के लिए निवेदन करेगी।[6] जब कुछ गाँव की महिलाएँ अपनी शिकायतें सुनने के लिए उनसे अनुरोध करने लगीं, वह अपने आपा खो बैठीं और उन महिलाओं पर सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता और माओवादी के होने का आरोप लगाया।

पीड़ित महिला

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पीड़ित महिला का नाम शिप्रा घोष था। मीडिया के कुछ वर्गों ने उसका असली नाम प्रकाशित किया है जबकि दूसरों ने अपराजिता की तरह छद्मनाम का इस्तेमाल किया है। वह उत्तरी 24 परगणा जिले में बारासाट द्वितीय ब्लॉक में कीर्तिपुर द्वितीय ग्राम पंचायत के अंतर्गत कामदूनी गांव की एक बंगाली हिंदू परिवार से थी।[7] वह दो भाई और एक बहन के परिवार में दूसरे नम्बर पर थी। उसके पिता निर्माण-स्थलों पर एक सहायक मेसन के रूप में काम करके प्रति दिन 150 - 200 रुपये कमाते थे।[7] उसकी माँ मुरी और छाटू बेचती थी।[3] उसके छोटे भाई दसवीं कक्षा का एक छात्र था। उस लड़की ने कीर्तिपुर नबीन चन्द्र स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी।

गिरफ्तारियाँ

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कामदूनी के निवासियों ने अंसार अली को पकड़ा जो मुख्य अभियुक्त था और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।[3] पूछताछ के बाद उसने चार अन्य लोगों के साथ अपराध करने की बात को कबूल कर लिया। पाँच व्यक्तिय एफआईआर में लिखाए गए। इसी आधार पर जिला पुलिस ने 8 जून के शुरुआती घंटों में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।[3]

अभियोजन

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मामले की जाँच सीआईडी​​ पश्चिम बंगाल कर रही है। 16 जून को सीआईडी ​​अधिकारियों ने पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन की कड़ी सुरक्षा के बीच मामले को ठीक से समझने के लिए "घटना पुनर्निमाण अभियास किया"। 45 मिनट के लिए आरोपियों ने प्रदर्शित किया कि किस प्रकार से उन्होंने बलात्कार किया और पीड़ित को मार डाला, फिर उसके शरीर को चारदीवारी के ऊपर से फेंक दिया था।[5]

घटना के पंद्रह दिन की बाद बाद भी कोई आरोप-पत्र दायर नहीं किया गया था। 22 जून को अंसार अली को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।[8][9]

आरोपी और राज्य सरकार दोनों कानूनी कार्यवाही बाड़ासाट अदालत से स्थानांतरित करवाना चाहते हैं।[10]

विरोध प्रदर्शन और विवाद

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इस बलात्कार के मामले को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए।

22 जून को प्राथमिक शिक्षा परिषद ने प्रदीप मुखोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस भेजा। वह बी आर अम्बेडकर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक होते हुए इस बलात्कार और हत्या के विरुद्ध मोर्चा निकाले थे।[11] ऐसी ही एक विवादित घटना में प्रेसीडेंसी कॉलेज के एक पूर्व छात्र को 21 जून के विरोध मार्च में भाग लेने के लिए तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के सदस्यों ने बुरी तरह से पीटा था।

कामदूनी घटना से राज्य भर में हड़कंप मच गया और इसका प्रभाव यहाँ तक रहा ​​कि अखिल-भारतीय स्तर पर समाचार सुर्खियों में छाया रहा परन्तु अदालत में मामले की समीक्षा शुरू नहीं हुई। आरोप-पत्र 29 जून 2013 को दायर किए गए थे।

सन्दर्भ

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  1. "Kids march for their didi". The Telegraph. Kolkata. 14 जून 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 16 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  2. "তরুণীর দেহ উদ্ধার, সন্দেহ ধর্ষণ করে খুন". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. 8 जून 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  3. "প্রকাশনামেয়ে হারিয়ে ফুঁসছে বারাসত". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. 9 जून 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  4. Das, Atanu (17 जून 2013). "কামদুনির প্রতিবাদ থামতেই কি গ্রামে হাজির আধা সেনা". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  5. Das, Atanu (17 जून 2013). "কামদুনির প্রতিবাদ থামতেই কি গ্রামে হাজির আধা সেনা". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  6. Sengupta, Manipushpak (18 जून 2013). "দোষীদের ফাঁসির আবেদনই জানাব, আশ্বাস মমতার". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  7. "মেয়ে নন, তিনি যেন ছিলেন বাড়ির অভিভাবক". Anandabazar Patrika (in Bengali). Kolkata. 9 जून 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 16 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  8. "কামদুনি-কাণ্ডে চার্জশিট জমা পড়ল না ১৫ দিনে". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. 22 जून 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  9. "১৫ দিন পরেও চার্জশিট পেশ হল না". ABP Ananda (in Bengali). 23 जून 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 23 जून 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  10. "কামদুনি মামলায় অভিযুক্তদের সমর্থন করল রাজ্য". 24 Ghanta. 20 जुलाई 2013. Archived from the original on 25 दिसंबर 2018. Retrieved 21 जुलाई 2013. {{cite news}}: Check date values in: |archivedate= (help)
  11. "প্রধানশিক্ষককে শো-কজ". Ei Samay (in Bengali). Kolkata. 23 जून 2013. {{cite news}}: |access-date= requires |url= (help)