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अंकित फ़ादिया | |
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अंकित फ़ादिया | |
जन्म |
24 मई १९८५ मेमनगर अहमदाबाद, भारत) |
आवास | मुंबई, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर के पुरम |
पेशा | लेखक, कम्प्यूटर सुरक्षा सलाहकार और वक्ता |
वेबसाइट हैकिन्गमोबाइल्स.कॉम सीएनएन पर आधिकारिक चिट्ठा |
अंकित फ़ादिया कंप्यूटर सुरक्षा के एक निजी सलाहकार हैं।[1] वे रिलायंस के साथ संयुक्त रूप से विभिन्न कंपनियों के लिए कंप्यूटर सुरक्षा पर जानकारी के लिए एक कार्यक्रम चलाते हैं।[2]
इनको लेकर बहुत सारे विवाद भी है।
अंकित की विद्यालयी शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई।[3] इन्होंने "हैकिंग ट्रुथ्स" नाम से एक वेबसाइट आरम्भ की, जिसे उन्होंने दुनिया का "दूसरा सबसे अच्छा हैकिंग साइट होने का दावा किया गया जिसे एफबीआई ने भी माना"।[3] उनका दावा है कि जब वे १४ वर्ष के थे, उन्होंन एक भारतीय पत्रिका की वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ को ट्रैश किया था। इसके बाद उन्होंने हैक की बात स्वीकार करते हुए एक ई-मेल संपादक को भेजा और हैकिंग से बचने के उपायों का सुझाव भी दिया।[4] १५ वर्ष की आयु में इनकी पुस्तक एथिकल हैकिंग ने इन्हें सबसे कम आयु का लेखक बनाया, जिसे भारतीय मैकमिलन ने प्रकाशित किया।[4] फ़ादिया ने इस बात का खण्डन करते हुए कहा कि कई प्रकाशनों ने यह गलत सूचना दी है कि वे एफबीआई या सीआईए,[5][6] से जुड़े हुए हैं।
सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी की ओर से वार्षिक तौर पर "अंकित फाड़िया सूचना सुरक्षा पुरस्कार", इन्फोर्मेंशन सिक्योरिटी और ट्रस्ट कोर्स के विज्ञान स्नातक (इन्फोर्मेंशन सिस्टम मनेजमेंट) डिग्री कार्यक्रम के "एक सर्वश्रेष्ट विद्यार्थी" को दिया जाता है, जो फाड़िया द्वारा ही प्रायोजित है।[7]
पूर्व स्नातक की पढ़ाई से पहले फ़ादिया ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।
ज़ैड डी नैट ब्रिटेन की वेंडी मैकओलिफे के अनुसार, भले ही फ़ादिया की हैकिंग ट्रुथ्स वेबसाइट को "दुनिया के दूसरे सबसे अच्छे हैकिंग साइट" के रूप में एफ़बीआई ने मान्यता दी हो, पर हैकिंग साइटों ने इसे कोई स्थान नहीं दिया है।[3]
२००० में चेन्नई ऑनलाइन ने सूचना दी है कि फ़ादिया के सलाहकार सेवा के ग्राहको में दुनिया की बड़ी-बड़ी प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवा कंपनिया सम्मिलित हैं। कई अन्य विश्वसनीय स्रोतों से इस बात की पुष्टि होती है कि वाकई फ़ादिया के ग्राहकों की सूची में बड़े-बड़े स्वतंत्र सुरक्षा सलाहकार कंपनिया सम्मिलित है। इसी आलेख में अल कायदा के संचालक के एक संदेश को उजागर करने में फ़ादिया का हाथ होने की भी बात कही गयी है, लेकिन न तो किसी अन्य स्रोत से इस दावे की पुष्टि होती है और न ही फ़ादिया के प्रकाशित किसी काम क्रिप्टोग्राफी यानि कूटलेखन विद्या या क्रिप्टोऐनालिसिस जैसा कोई विषय सम्मिलित है।[8][9][10]
अप्रैल २००० में रीडिफ़.कॉम ने अंकित फ़ादिया का एक साक्षात्कार[11] प्रकाशित किया। पाकिस्तानी हैकरो के एक समूह एंटी-इंडियन क्रू (एआईसी) पर लगे भारत सरकार के वेबसाइट से छेड़छाड़ करने के आरोप को फ़ादिया ने अपने साक्षात्कार में खारिज कर दिया। फ़ादिया ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने एक अमेरिकी जासूसी संस्था को पाकिस्तानी हैकर के हमले के प्रति सचेत किया था। हालांकि उन्होंने सुरक्षा कारणों से उस संस्था का नाम कभी नहीं लिया।[4] एआईसी और एक अन्य पाकिस्तानी हैकर समूह डब्लूएफ़डी ने एक भारत सरकार की साईट epfindia.gov.in से छेड़छाड़ की और इसे फ़ादिया को "समर्पित" करते हुए हैक करने या हैकिंग को रोकने की उनकी क्षमताओं के चुनौती दी।[12][13] एआईसी ने फ़ादिया को चुनौती देते हुए यह भी कहा कि दो दिनों के भीतर वह केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) की वेबसाइट www.cbec.gov.in से छेड़छाड़ करने जा रहा है, यदि वे चाहे तो इस हमले से वेबसाइट को असुरक्षित होने से रोक ले। एआईसी का कहना था कि यदि वे सीबीईसी वेबसाइट को हैकिंग करने में सफल हो जाते हैं तो फ़ादिया को स्वयं एक हैकर कहना बंद कर देना चाहिए।[12] एआईसी अपना वादा निभाया और दो दिन के भीतर उसने सीबीईसी वेबसाइट से छेड़छाड़ कर दिखाया। एक दूसरे खराब कर दिए गए वेबसाइट (bhelhyd.co.in) में एआईसी ने भारतीय मीडिया द्वारा अंकित फ़ादिया के बारे में किये गए दावे को "बकवास" करार दिया।[14]
भारत में कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी उन्हें केवल एक सनकी कह कर खारिज कर दिया।[15] स्टीव गिब्सन और कैरोलिन मेंनेल जैसे व्यक्तियों के साथ अंकित फ़ादिया को attrition.org के सिक्युरिटी सीन एराटा : चारलैटेन्स के वेबपेज में सूचीबद्ध किया गया है। यह पेज "हमारे बीच उपस्थित कुछ नकली मामलों की ओर संकेत करना चाहता है "[16][17]
फ़ादिया के पुराने साइट Ankitfadia.com पर २००३ में एक सेंधमार द्वारा, जिसने स्वयं की पहचान स्क्रिप्टकिड्डी के रूप में दी थी, हमला किया गया था। फ़ादिया ने कहा कि अपनी वेबसाइट की मेजबानी के लिए वे एक निजी वेब सर्वर का उपयोग कर रहे थे और सुरक्षा की कमी के लिए वह वेब सर्वर ही जिम्मेदार था। हैकिंग के क्षेत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ गुरु श्रीजीत है, जिसने उन्हें हैकिंग की मौलिक बातों की जानकारी दी। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए https://web.archive.org/web/20160314082451/http://sreejith.isgreat.org/ या [https://web.archive.org/web/20090126232617/http://ankitfadia.org/ Ankitfadia.org] पर फ़ादिया के कई दावों की सच्चाई के वास्तविक दस्तावेज मिल जाएंगे।
दिसम्बर २००७ में भारतीय समाचारपत्र मेल टुडे ने नई दिल्ली में युवाओं के लिए एक सुरक्षा सेमिनार में फ़ादिया पर अनुत्तरदाई होने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। आलेख में फ़ादिया पर युवाओं को ओफसेट लिथोग्राफिक उपकरण पर अमेरिकी मुद्रा छापने का गुर सिखाने और नकली ईमेल बनाने व कंप्यूटरों को बाधित करने के लिये सरलता से डाउनलोड किये जानेवाले टूल के बारे में जानकारी देने का आरोप लगा कर नैतिकता बरकरार रखने की चेतावनी दी गयी थी।[18]
फ़ादिया का दावा है कि "कंप्यूटर सुरक्षा कोर्स में उनकी पुस्तक पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में पढाई जा रही है"।[19] वर्ष २००५ में फ़ादिया ने कहा है कि वे डैन ब्राउन की डिजीटल फोरटैस, की तर्ज पर एक फिल्म बनाने के लिए एक थ्रिल लिख रहे है। उन्होंने दावा किया कि एक फिल्म निर्माण कंपनी ने इसके लिए उनसे संपर्क भी किया है।[20]
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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