अंशु जमसेंपा एक भारतीय पर्वतारोही और दुनिया की पहली महिला है, जिन्होंने सीज़न में माउंट एवरेस्ट के शिखर पर दो बार (केवल ५ दिन के अंदर)[1] चढ़ाई की हैं। यह एक औरत द्वारा सबसे ऊंची शिखर की सबसे तेज डबल चढ़ाई भी है।
यह ३२ वर्षीय पर्वतारोही अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के बोम्डीला से हैं। विवाह से पहले वह सोनितपुर जिले के गोहपुर में रहती थी और उनका नाम दीपिका कलिता[2] था। उसके पति, सेरिंग वांग सभी अरुणाचल पर्वतारोहण और साहसिक खेल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उनकी २ बेटियाँ भी हैं।[3] 14 वें दलाई लामा के आशीर्वाद लेने के बाद उन्होंने २ अप्रैल, २०१७ को गुवाहाटी से एवरेस्ट चढ़ाई अभियान शुरू किया था। उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप (१७,६०० फीट) में अनुकूलन के लिए ३८ दिन का समय लिया और ४ अप्रैल को उनकी मुख्य यात्रा शुरू की १६ मई को ९:१५ बजे, १७ अन्य पर्वतारोहियों के साथ, उन्होंने पहाड़ पर चढ़कर और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराया। १९ मई को उन्होने एक नेपाली पर्वतारोही फरी शेरपा के साथ दूसरे कठिन दौरे की शुरुआत की। लगभग १० बजे तक उन्होंने लम्बी पैदल यात्रा बिना किसी रुकावट के साथ की और अंत में २१ मई, २०१७ को ७:४५ बजे शीर्ष पर पहुंची।
इतिहास बनाने के लिए (पहली महिला और पहली मां जो दो बार दोहरे चढ़ाई पूरी कर चुकी हैं), अरुणाचल प्रदेश सरकार ने तेंज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के लिए उनका नाम सुझाया है। [4] अंशु जमसेंपा "सवच्छ भारत अभियान" (२०१२-२०१३) में ब्रांड एम्बेसडर बनी थी। हाल ही में उन्हें पूर्वोत्तर पर्यटन के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में चुना गया हैं।[5]