अग्नि-III | |
---|---|
प्रकार | मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल |
उत्पत्ति का मूल स्थान | भारत |
सेवा इतिहास | |
सेवा में | सक्रिय[1] |
द्वारा प्रयोग किया | सामरिक बल कमान |
उत्पादन इतिहास | |
निर्माता | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) |
इकाई लागत | ₹250 मिलियन (US$4 मिलियन) – ₹350 मिलियन (US$5 मिलियन)[2] |
निर्दिष्टीकरण | |
वजन | 48,000 किग्रा[3] |
लंबाई | 17 मीटर[4] |
व्यास | 2.0 मीटर[4] |
वारहेड | सामरिक परमाणु (15 से 250 kt) (2000 to 2500 किग्रा), conventional, thermobaric |
इंजन | दो चरण ठोस प्रणोदक इंजन |
परिचालन सीमा | 3,500 किमी – 5,000 किमी[6] |
उड़ान ऊंचाई | > 450 किमी[7] |
गति | 5–6 किमी/s (Agni-II)[5] |
मार्गदर्शन प्रणाली | Ring Laser Gyro- INS (Inertial Navigation System), optionally augmented by GPS, terminal guidance with possible radar scene correlation |
सटीकता | 40 m |
प्रक्षेपण मंच | 8 × 8 TELAR (Transporter erector launcher) Rail Mobile Launcher |
अग्नि-३ (अग्नि तृतीय), अग्नि-२ के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत द्वारा विकसित मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। जिसकी मारक क्षमता ३५०० किमी से ५००० किमी तक है।[8]