इस लेख को विकिफ़ाइ करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि यह विकिपीडिया के गुणवत्ता मानकों पर खरा उतर सके। कृपया प्रासंगिक आन्तरिक कड़ियाँ जोड़कर, या लेख का लेआउट सुधार कर सहायता प्रदान करें। अधिक जानकारी के लिये दाहिनी ओर [दिखाएँ] पर क्लिक करें।
|
अग्रवाल या अगर्वाल एक भारतीय उपनाम और जातीय समुदाय है। वैदिक युगीन आग्रेयवंशी क्षत्रिय ही वर्तमान में अग्रवाल नाम से जाने जाते हैं। एक जातीय समुदाय के रूप में इनके कई गोत्र और उपनाम प्रचलित हैं।
इस अनुभाग में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (अप्रैल 2020) स्रोत खोजें: "अग्रवाल" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
सरस्वती नदी के सूखने एवं बादशाह सिकंदर के आक्रमण के फलस्वरूप आग्रेय गणराज्य का पतन हो गया और अधिकांश आग्रेयवीर वीरगति को प्राप्त हो गये। बचे हुवे आग्रेयवंशी अग्रोहा (अग्रोदक) से निष्क्रमण कर सुदूर भारत में फैल गये और आजीविका के लिये तलवार छोड़ तराजू पकड़ ली। आज इस समुदाय के बहुसंख्य लोग वाणिज्य व्यवसाय से जुड़े हुवे हैं और इनकी गणना विश्व के सफलतम उद्यमी समुदायों में होती है। पिछले दो हजार वर्षों से इनकी आजीविका का आधार वाणिज्य होने से इनकी गणना क्षत्रिय वर्ण होने के बावजूद वैश्य वर्ग में होती है और स्वयं अग्रवाल समाज के लोग अपने आप को वैश्य समुदाय का एक अभिन्न अंग मानते हैं।
इनके 18 गोत्र अथवा शाखाएँ हैं, इनमें से 10 सूर्यवंशी और 8 नागवंशी होने का दावा करते हैं: गर्ग, गोयन, गोयल, कंसल , बंसल , सिंहल, मित्तल, जिंदल, बिंदल , नागल , कुच्छल , भंदल, धारण , तायल, तिंगल, ऐरण, मधुकुल , मंगल|