अजय मित्र शास्त्री

अजय मित्र शास्त्री
जन्म महेन्द्र कुमार
05 मार्च 1934
गुना,(मध्य प्रदेश)
मौत 11 जनवरी 2002(2002-01-11) (उम्र 67 वर्ष)
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा शिक्षाविद्, इतिहासकार,मुद्राशास्त्री
कार्यकाल 1957–2002

अजय मित्र शास्त्री (5 मार्च 1934 – 11 जनवरी 2002) भारत के एक शिक्षाविद, इतिहासकार, एवं मुद्राशास्त्री थे। वे नागपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध रहे।

आरम्भिक जीवन एवं शिक्षा

[संपादित करें]

अजय मित्र शास्त्री का ज्न्म 5 मार्च 1934 को गुना में हुआ था। उनका मूल नाम महेन्द्र कुमार था। उन्होंने चार वर्ष तक राजोर (फैजाबाद) और अयोध्या के गुरुकुलों में अध्ययन किया जहाँ उन्होंने आचार्य द्वारा सुझाए गये बहुत से नामों में से चुनकर अपना नाम "अजय मित्र" कर लिया।[1]

बाद में उन्होंने बाराँ (राजस्थान) में एक संस्कृत विद्यालय में प्रवेश लिया जहाँ उन्होंने मध्यमा परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने हिंदी भाषा में विशारद और साहित्य रत्न परीक्षा भी उत्तीर्ण की। इसके बाद, उन्होंने वाराणसी के सरकारी संस्कृत कॉलेज से शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण की और अपने नाम के साथ "शास्त्री" उपाधि अपना ली। इसी दौरान उन्होंने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। 1953 में उन्होंने काशी विद्यापीठ से समाजशास्त्र, इतिहास और राजनीति विज्ञान विशेषज्ञता के साथ शास्त्री की डिग्री प्राप्त की जो बी०ए० के समकक्ष समकक्ष है। 1957 में उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की।

व्यावसयिक जीवन

[संपादित करें]

1957 में अजय मित्र शास्त्री नागपुर विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास और संस्कृति विभाग में व्याख्याता बन गये। वहां उन्होंने 1962 में वराहमिहिर की बृहत्संहिता पर पीएचडी पूरी की। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति तक नागपुर विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिनमें व्याख्याता (1957-1965), रीडर (1965-1977) और प्रोफेसर (1977-1994) शामिल थे।

1980 में उन्हें को आँख की रेटिना के निकलने (डिटेचमेंट) की समस्या का सामना करना पड़ा और कई ऑपरेशन से गुजरना पड़ा। नागपुर के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. ईश्वरचंद्र और चेन्नई के नेत्र सर्जन डॉ० एस०एस० बद्रीनाथ ने उन्हें अपनी दृष्टि बचाने के लिए पढ़ना-लिखना पूरी तरह से बंद करने की सलाह दी। हालाँकि, शास्त्री इन गतिविधियों में लगे रहे और उन्होंने कई पत्रिकाओं का संपादन करने के अलावा कई किताबें और लेख भी लिखे। 11 जनवरी 2002 को उनका देहान्त हो गया।

कृतियाँ

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. S. P. Gupta 2002, पृ॰ ix.

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]