अतर्रा Atarra | |
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निर्देशांक: 25°17′N 80°34′E / 25.28°N 80.57°Eनिर्देशांक: 25°17′N 80°34′E / 25.28°N 80.57°E | |
देश | ![]() |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | बांदा ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 47,419 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, बुंदेली |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
अतर्रा (Atarra) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]
अतर्रा को ब्रिटिश राज के काल में 1874 में पहली राजधानी नई दिल्ली से ५०० किमी दक्षिण-पूर्व में, देश के मध्य भाग में, बांदा जिले और उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। समुद्र तल से १४१ मीटर ऊपर अतर्रा बुज़ुर्ग उद्धरण वांछित में स्थित है , और इसमें ४६,१६८ निवासी हैं। नगर पंचायत का दर्जा मिला फिर आजादी के बाद 1967 में नगर पालिका का दर्जा मिला। नगर पंचायत में पहले चेयरमैन मुन्नू लाल अवस्थी के करिन्दा ठाकुर मतोला सिंह बने तो नगर पालिका गठन के बाद पहले चेयरमैन छेदी लाल दुबे बने। गौरवशाली इतिहास समेटे इस नगर पालिका क्षेत्र में अभी भी बिजली पानी जैसी मूलभूत जरूरतों की दरकार है।नगर पालिका परिषद अतर्रा को बी श्रेणी का दर्जा अभी तक नहीं मिला है। कहने को नगर पालिका पर व्यवस्थाएं नगर पंचायत की तरह है। 25 वार्डो वाली नगर पालिका में 25 वार्ड है। कुल 33154 मतदाता है। आबादी का 62.09 फीसदी मतदाता है। 20 मतदान केंद्र व 49 बूथ है। दो जोन व पांच सेक्टर चुनावी व्यवस्था के लिए बने।अंग्रजी हुकूमत में 1914 गठन के बाद ठा मतोला सिंह अध्यक्ष बने। इसके बाद बैजनाथ कमाण्डर, जगन्नाथ सिंह, राजाराम रूपौलिहा, शिवराम सिंह, बृजगोपाल पाण्डेय अध्यक्ष बने। 2 अक्टूवर 1967 को टाउन एरिया से नगर पालिका परिषद का दर्जा अतर्रा को मिला। पहले चेयरमैन 1970 में छेदी लाल दुबे हुये। लेकिन कुछ समय बाद विवाद के चलते कई आंशिक चेयर मैन ओमकारनाथ अग्रवाल, श्रीनिवास गुप्ता, दयाल चन्द्र जाटव आदि रहे। 1988 में लाला घनश्याम सिंह अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 1995 में रमेश चन्द्र कुरील, वर्ष 2000 में कल्लूराम जाटव, 2006 में भरतलाल कोटार्य व वर्ष 2012 में पुष्पा जाटव चेयर मैन चुनी गई।