अतिसूक्ष्म कण

अतिसूक्षम कण वह पदार्थ होते हैं जो अत्यधिक अल्प मात्र में पाए जाते हैं और जो भौतिक,रासायनिक,जैविक उद्गम के ठोस,गैस एवम द्रव पदार्थ हो सकते हैं। यह केबोनिक एवम अकार्बोनिक सूक्षम जीवी कण होते हैं जो प्राणी एवम वनस्पति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह कण भी अपराधी की अपराध में संलाग्रंता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका नुभाते हैं। इन कण के आधार पर घटनास्थल एवम अपराधी के कार्यस्थल का वातावरण, वनस्पति,पशुवर्ग, एवम भौगोलिक बनावट की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। अतिसूक्षम कण किसी भी जीव एवम पक्षी के पंख,बाल,चमड़ी,हड्डी,मांस,रक्त के अतिसूक्षम हो सकते हैं। [1] यह किसी भी औद्योगिक धुल का कण हो सकते हैं। मिट्टी,पत्र,कांच आदि के सूक्षम कणों को भी अतिसूक्षम कण खा जाता है। यह कण किसी भी अपराधी के कपडे,बालो,जूतों,नाखुनो,हाथो व् पैरो पर पाए जा सकते हैं। [2] अतिसूक्षम कण पाए जाने की सम्भावना सबसे अधिक घटनास्थल पर ही पाई जाती है। किसी भी अपराध में पर्युक्त हुए हथियार जैसे चाकू,लाठी,अग्न्याशास्त्र आदि पर अतिसूक्षम कण जैसे की रक्त,चमड़ी,बाल आदि पाए जाते हैं। अतिसूक्षम कण न्यायालयिक विज्ञान में अत्यधिक महत्त्व रखते हैं। आकर में छोटे होने के कारण यह कण घटनास्थल पर बिना नष्ट हुए पाए जाते हैं और इनका विश्लेषण करके अपराधी का पता लगाया जा सकता है। अतिसूक्षम कण के परिक्षण से अपराध का तरीका भी पता लगाया जा सकता है। किसी भी आरोपी के कथन की पुष्टि करने में भी यह अत्यधिक भूमिका निभाते हैं। [3]

सन्दर्भ

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  1. F. W. Sears; M. W. Zemansky (1964). "Equilibrium of a Particle". University Physics (3rd ed.). Addison-Wesley. pp. 26–27. LCCN 63015265.
  2. R. Eisberg; R. Resnick (1985). "de Broglie's Postulate—Wavelike Properties of Particles". Quantum Physics of Atoms, Molecules, Solids, Nuclei, and Particles (2nd ed.). John Wiley & Sons. pp. 55–84. ISBN 978-0-471-87373-0.
  3. "Particle". Oxford English Dictionary (3rd ed.). Oxford University Press. September 2005