अथिरापिल्ली जलप्रपात, भारत के केरल राज्य में स्थित त्रिशूर जिले के अथिरापिल्ली पंचायत में चलाकुडी नदी पर स्थित है, जो शोलायार पर्वतमाला के प्रवेश द्वार पर पश्चिमी घाट के ऊपरी भाग से निकलती है। यह केरल का सबसे बड़ा झरना है, जिसकी ऊंचाई 81.5 फीट है। अथिरापिल्ली से वाज़हाचल झरने तक बस थोड़ी ही दूरी पर है, यह घने हरे जंगलों के घिरा है और इसमें वनस्पतियों और जीवों की कई लुप्तप्राय और स्थानिक प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
चलाकुडी नदी पश्चिमी घाट के अनाईमलाई पहाड़ों से निकलती है। और इसकी लंबाई 145 किलोमीटर (90 मील) है।[1]ये नदी वज़ाचल वन से होकर अरब सागर की ओर बहती है। शुरुआत में नदी सहजता से बहती है लेकिन अथिरापिल्ली के पास आते ही इसकी गति तेज हो जाती है। अथिराप्पिल्ली जलप्रपात का जल बड़ी चट्टानों के चारों ओर से टकराती है और तीन अलग-अलग धाराओं में नीचे गिरती है।
क्षेत्र के वन वन्यजीवों में भारतीय हाथी, बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, इत्यादि पाये जाते हैं। अथिरापिल्ली-वज़हाचल क्षेत्र में अद्वितीय 180 मीटर (590 फीट) ऊंचाई वाला तटवर्ती वन एकमात्र स्थान है जहाँ महाधनेश पक्षी की सभी चार दक्षिण भारतीय प्रजातियाँ पाए जाते हैं। क्षेत्र में सागौन, बांस और नीलगिरी के विशाल वृक्ष पाए जाते हैं
अथिरापिल्ली जलप्रपात का निकटतम रेलवे स्टेशन चलक्कुडी रेलवे स्टेशन के पश्चिम में 30 किलोमीटर (19 मील) दूर है, और त्रिशूर शहर का निकटतम हवाई अड्डा कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो झरने से लगभग 55 किलोमीटर (34 मील) दक्षिण पश्चिम और 58 किलोमीटर (36 मील) दक्षिण में बसा हुआ है।[2] चालक्कुडी से टैक्सी या बस द्वारा अथिराप्पिल्ली आसानी से पहुँचा जा सकता है। अथिराप्पिल्ली तमिलनाडु और केरल को जोड़ने वाले राज्य राजमार्ग पर स्थित है, यहाँ विशाल घने जंगल पाये जाते हैं इसलिए यहाँ रात में यात्रा की अनुमति नही मिलती है। दोनों छोर पर स्थित चौकियाँ भारतीय समयानुसार शाम 6:30 बजे तक बंद हो जाती हैं। चालक्कुडी से अथिरापिल्ली झरने तक की यात्रा घुमावदार सड़कों, छोटे गांवों और हरे-भरे पेड़ों के परिदृश्य से होकर गुजरती है।[3]