अनुभव | |
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चित्र:अनुभव.jpg अनुभव का पोस्टर | |
निर्देशक | बासू भट्टाचार्य |
लेखक | बासू भट्टाचार्य |
पटकथा | बासू भट्टाचार्य |
निर्माता | बासू भट्टाचार्य |
अभिनेता |
तनुजा, संजीव कुमार, शेखर सुमन |
छायाकार | नंदू भट्टाचार्य |
संपादक | एस चक्रवर्ती |
संगीतकार |
कानू रॉय गुलज़ार (गीत) |
प्रदर्शन तिथियाँ |
12 नवंबर, 1971 |
लम्बाई |
139 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
अनुभव 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। प्रसिद्द निर्देशक बासू भट्टाचार्य द्वारा निर्मित फिल्म जिसमें संजीव कुमार, तनुजा और दिनेश ठाकुर मुख्य भूमिका निभाये| यह निर्देशक की, शहरी जीवनशैली के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव को दर्शाता, विश्लेषकत्रय में से है जिसके अन्य फ़िल्में है आविष्कार (1973) और गृहप्रवेश (1979)| आगे चलकर फिल्म जगत में यह एक प्रमुख विषय रहा|
मीता (तनुजा) व अमर सेन (संजीव कुमार) की शादी के कई साल हो गए पर उनके बच्चे नहीं हुए| अमर को दफ्तरी काम के कारण उन्हें कम समय साथ बिताने मिलता है। एक दिन मीता घर की ज़िम्मेदारी अपने हाथ लिए हरी (ए के हंगल) को छोड़ बाकी नौकरों को छुट्टी देती है। इस तरह उन्हें कुछ समय साथ बिताने मिलता है। इस बीच मीता का पुराना प्रेमी शशिभूषण (दिनेश ठाकुर) उनके जीवन व अमर के दफ्तर में काम पर आजाता है। कहानी के शेष भाग में यह दिखाया गया है के इन परिस्थितियों में अमर और मीता अपनी गृहस्थ जीवन किस तरह सुधारते है।
गीत | गायक | समय |
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"कोई चुपके से आके" | गीता दत्त | 3:21 |
"मेरा दिल जो मेरा होता" | गीता दत्त | 2:58 |
"मेरी जाँ मुझे जाँ न कहो" | गीता दत्त | 3:31 |
"मुझे जाँ न कहो, मेरी जाँ"[1] | गीता दत्त | 3:32 |
"फिर कहीं कोई फूल खिला" | मन्ना डे | 3:16 |