अनोरथ အနော်ရထာ | |||||
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King of Burma | |||||
शासनावधि | 11 अगस्त, 1044 – 11 अप्रैल, 1077 | ||||
राज्याभिषेक | 16 दिसम्बर, 1044 | ||||
पूर्ववर्ती | Sokkate | ||||
Successor | Sawlu | ||||
जन्म | 11 May 1014 Tuesday, 11th waxing of Nayon 376 ME Pagan (Bagan) | ||||
निधन | 11 अप्रैल 1077 Tuesday, 3rd waning of Kason 439 ME Pagan | (उम्र 62 वर्ष) ||||
जीवनसंगी | Agga Mahethi[1] Pyinsa Kalayani Saw Mon Hla Manisanda | ||||
संतान | Sawlu Kyansittha | ||||
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घराना | Pagan | ||||
पिता | Kunhsaw Kyaunghpyu | ||||
माता | Myauk Pyinthe | ||||
धर्म | Theravada Buddhism converted from Ari Buddhism |
राजा अनोरथ या अनिरुद्ध (बर्मी भाषा में: အနော်ရထာ မင်းစော / अनौरथा मंचो ; 11 मई, 1014 – 11 अप्रैल, 1077) बर्मा के प्रसिद्ध पगान साम्राज्य का संस्थापक था। उसे बर्मा राष्ट्र का जनक माना जाता है। उसने सन १०४४ से १०७८ तक शासन किया। उसने शुष्क ऊपरी बर्मा के एक छोटे से राज्य को बर्मा के प्रथम साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया जो बाद में आधुनिक बर्मा का आधार बना। [2][3] ऐतिहासिक रूप से सत्यापित करने योग्य बर्मा का इतिहास १०४४ में उसके राजा बनने से ही शुरू होता है।[4]