अन्नपूर्णा | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 8,091 मी॰ (26,545 फीट) १०वाँ सर्वोच्च पर्वत |
उदग्रता | 2,984 मी॰ (9,790 फीट) [1][2] १००वाँ सर्वधिक उदग्र शिखर |
एकाकी अवस्थिति | 34 कि॰मी॰ (112,000 फीट) |
मातृशिखर | चोयु |
सूचीयन | आठ-हज़ारी चरम उदग्र |
निर्देशांक | 28°35′N 83°49′E / 28.583°N 83.817°Eनिर्देशांक: 28°35′N 83°49′E / 28.583°N 83.817°E |
भूगोल | |
स्थान | गंडकी अंचल, नेपाल |
मातृ श्रेणी | हिमालय |
आरोहण | |
प्रथम आरोहण | ३ जून १९५० |
सरलतम मार्ग | पश्चिमोत्तरी मुख |
अन्नपूर्णा (Annapurna) हिमालय का एक पर्वतीय पुंजक है जिसमें एक आठ हज़ारी, १३ ७,००० मीटर से ऊँचे और १६ ६,००० मीटर से ऊँचे पर्वत हैं।[3] यह पुंजक ५५ किमी लम्बा है और उत्तर-मध्य नेपाल में स्थित है। यह पश्चिम में काली गण्डकी तंगघाटी, उत्तर व पूर्व में मर्श्यान्गदी नदी और दक्षिण में पोखरा घाटी द्वारा घिरा हुआ है। इसका सर्वोच्च पर्वत अन्नपूर्णा १ मुख्य है जो समुद्रतल से ८,०९१ मीटर (२६,५४५ फ़ुट) ऊँचा है और विश्व का १०वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है।
ऐतिहासिक रूप से अन्नपूर्णा पुंजक की चोटियाँ पर्वतारोहियों के लिए विश्व के सबसे ख़तरनाक शिखरों में आती हैं, हालांकि १९९० के बाद कंचनजंघा पर अधिक मृत्यु दर रहा है। मार्च २०१२ तक अन्नपूर्णा १ मुख्य को १९१ बार चढ़ा जा चुका था और पर्वत पर ६१ लोग मारे जा चुके थे। यह सफल चढ़ाई और मृत्युओं का अनुपात किसी भी अन्य आठ-हज़ारी पर्वत से अधिक है।[4] अक्तूबर २०१४ में बर्फ़ीले तूफ़ानों और हिमस्खलन में अन्नपूर्णा क्षेत्र में ३९ लोगों की जाने गई।[5]
पर्वत | मीटर | फ़ुट | निर्देशांक |
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अन्नपूर्णा १ | ८,०९१ मी | (२६,५४५ फूट) | 28°35′42″N 83°49′08″E / 28.595°N 83.819°E |
अन्नपूर्णा २ | ७९३७ मी | (२६,०४० फूट) १६वाँ सर्वोच्च | 28°32′20″N 84°08′13″E / 28.539°N 84.137°E |
अन्नपूर्णा ३ | ७,५५५ मी | (२४,७८६ फूट) ४२वाँ सर्वोच्च | 28°35′06″N 84°00′00″E / 28.585°N 84.000°E |
अन्नपूर्णा ४ | ७,५२५ मी | (२४,६८८ फूट) | 28°32′20″N 84°05′13″E / 28.539°N 84.087°E |
गंगापूर्णा | ७,४५५ मी | (२४,४५७ फूट) | 28°36′22″N 83°57′54″E / 28.606°N 83.965°E |
अन्नपूर्णा दक्षिण | ७,२१९ मी | (23,684 फूट) | 28°31′05″N 83°48′22″E / 28.518°N 83.806°E |