अबुल-हसन ख़ान वकील-ए-मुतलक वज़ीर-ए-आज़म | |
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आसफ़ खान का चित्र | |
मुगल साम्राज्य के मुख्य वज़ीर
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पद बहाल 1628 – 12 जून 1641 | |
राजा | शाह जहाँ |
मुगल साम्राज्य के वकील
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पद बहाल 1611–1627 | |
राजा | जहांगीर |
जन्म | ल. 1569 सफविद (इरान |
मृत्यु | 12 जून 1641 बूंदी, मुगल साम्राज्य (भारत) | (उम्र एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित < ऑपरेटर। वर्ष)
समाधि स्थल | आसिफ ख़ान का मकबरा, लाहौर |
जन्म का नाम | अबुल-हसन |
जीवन संगी | दिवानजी बेगम |
बच्चे | मुमताज महल साइस्ता खाँ मलिका बानु बेगम परवार खानम फ़रज़ाना बेगम |
अबुल-हसन [1] (ल. 1569 - 12 जून1641) जो मुगल बादशाह द्वारा आसफ़ खान नाम से नवाजे गए, पाँचवें मुगल बादशाह शाह जहाँ के प्रमुख वज़ीर थे।[2][3] इससे पहले इन्होंने बादशाह जहाँगीर के प्रशासन में मुगल साम्राज्य के वकील के रूप में सेवाएं दी थी। [4] आसफ खान संभवतः सबसे ज्यादा अर्जुमंद बानु बेगम (जो अपने उपनाम मुमताजमहल के नाम से ज्यादा विख्यात हैं ) के पिता, शाहजहाँ के प्रमुख वज़ीर, बादशाह जहाँगीर के वकील (मुख्य अधिकारी) तथा महारानी नूरजहाँ के बड़े भाई होने के कारण ज्यादा जाने जाते हैं।[5]
आसफ ख़ान मिर्ज़ा गियाज़ बेग (जो इतिमाद-उद-दौला के नाम से विख्यात थे), के पुत्र थे [6] जो मुगल बादशाह जहाँगीर के प्रमुख वज़ीर थे। गियाज़ बेग मुलतः तेहरान निवासी थे। वे ख्वाजा मोहम्मद-शरीफ के सबसे छोटे बेटे थे। ]],[7] वे कवि और मोहम्मद खान तेक्कलु तथा उनके बेटे तातार सुल्तान के वजीर थे। जो खुरासान के गवर्नर थे। आसफ खान की माँ अस्मत बेग़म मिर्जा अला-उद-दौला अक मुल्ला की बेटी थीं। [8]
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का गलत प्रयोग; Ruggles
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।