अमरपाटन Amarpatan | |
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निर्देशांक: 24°19′N 80°59′E / 24.32°N 80.98°Eनिर्देशांक: 24°19′N 80°59′E / 24.32°N 80.98°E | |
देश | ![]() |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | सतना ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 19,409 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
अमरपाटन (Amarpatan) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सतना ज़िले में स्थित एक नगरपंचायत है।[1]
[2]अमरपाटन 24.32°N 80.98°E पर स्थित है । इसकी औसत ऊंचाई 358 मीटर (1174 फीट) है। शहर के चारों ओर कई गांव हैं। यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 7 पर है और रीवा को जबलपुर से जोड़ता है जो भारत के सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक है, कई अन्य राज्य राजमार्ग शहर से होकर गुजरते हैं। यह सतना जिले के ठीक बीच में स्थित है। अमरपाटन के पास कई पर्यटन स्थल हैं जैसे मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी, मार्कंडेय आश्रम (बाणसागर बांध के बारे में अधिक), आध्यात्मिक माँ शारदा देवी मंदिर, रामवन और कई अन्य। लेकिन इसमें रेलवे की कमी है जो इस क्षेत्र को आंशिक रूप से अविकसित बनाती है।बजवाही यह शहर सतना जिले के बीच में बसा हुआ है। इस शहर के आसपास काफी पर्यटक स्थल है जैसे मुकुन्दपुर व्हाइट टाइगर सफारी, माँ शारदा देवी मदिर, मार्कन्डेय आश्रम। किन्तु यह शहर रेल्वे के आभाव के कारण विकास में पिछड़ गया। रीवा रियासत में 40 इलाका और 1 हजार पबाई रही है। सन 1934 में पवाई कानून लग गया था। दीवानी, फौजदारी, एक्साइज और वन अधिकार से बंचित होने के कारण "पवाईदार संघ" का गठन किया गया। इनका नाम, इलाका, रकबा और सालाना आमदनी इस तरह थी। पवाईदरी में गांव के पवाईदार पंडित हरदास / रामकुमार दुबे को औपचारिक रूप से सौंपा गया था ।इसके उपरांत क्रमशः एनके पूत्र रामनिवास एवं श्रीनिवास दुबे हुए। समकालीन जमीनी खसरे के अनुसार अब यह भूमि अब लगबग 120 एकड़ में सिमट गई है । इनके द्वारा कई और जातियां समूहों को गांव में स्थापिया किया गया तथा जो आज भी गांव में अपना जीवन यापन करते है इनका श्रेय रामनिवास को औपचारिक तैर