कैप्टन अमरिंदर सिंह | |
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पद बहाल 2017 – 18 सितम्बर 2021 | |
पूर्वा धिकारी | प्रकाश सिंह बादल |
उत्तरा धिकारी | चरणजीत सिंह चन्नी |
चुनाव-क्षेत्र | पटियाला |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 2014 | |
पूर्वा धिकारी | नवजोत सिंह सिद्धू |
चुनाव-क्षेत्र | अमृतसर |
जन्म | 11 मार्च 1942 पटियाला, पंजाब |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1980–84; 1998–2021) पंजाब लोक कॉंग्रेस (2021-Present) |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
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जीवन संगी | प्रिनीत कौर (वि॰ 1964) |
बच्चे | 2, including राणिन्द्र सिंह |
जालस्थल | औपचारिक जालस्थल |
सैन्य सेवा | |
निष्ठा | भारत |
सेवा/शाखा | भारतीय सेना |
सेवा काल | 1963–1965 |
पद | कैप्टन |
एकक | सिख रेजिमेंट |
कैप्टन अमरिंदर सिंह एक भारतीय राजनेता हैं, जिन्होंने पंजाब के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।[1] वे पटियाला से विधान सभा के एक निर्वाचित सदस्य और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी थे. उन्होंने इससे पहले 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया है. उनके पिता पटियाला रियासत के अंतिम महाराजा थे[2]| उन्होंने 1963 से 1966 तक भारतीय सेना में भी सेवा दी है| 2014 के लोकसभा चुनावों में वे अमृतसर सीट से चुनाव जीते।[3] कैप्टन सिंह ने 18 सितंबर 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 19 सितंबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए और साथ में उन्होंने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का भी बीजेपी में विलय कर दिया[4]।
कैप्टेन अमरिन्दर सिंह का जन्म (11 मार्च 1942) को एक जाट सिख परिवार में हुआ। उनका विवाह परनीत कौर से हुआ। परनीत कौर भी राजनीति में सक्रिय हैं तथा मनमोहन सिंह की सरकार में वे भारत की विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने पटियाला सीट से चुनाव लड़ा किंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा।[3] सिंह ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक होने के बाद जून 1963 से दिसंबर 1966 तक भारतीय सेना में कार्य किया. उन्हें सिख रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था. उन्होंने अपने परिवार की देखभाल के लिए 1965 की शुरुआत में सेना छोड़ दी लेकिन 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की शुरुआत के साथ सेवा में लौट आए थे[5]|
उन्हें राजीव गांधी द्वारा कांग्रेस में शामिल किया गया था, जो स्कूल से उनके दोस्त थे और पहली बार 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए थे. 1984 में, उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना की कार्यवाही के विरोध में संसद और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद, वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और राज्य सरकार में कृषि, वन, विकास और पंचायत मंत्री बने. वे 1999 से 2017 तक तीन मौकों पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे और 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहे| 11 मार्च 2017 को कांग्रेस पार्टी ने उनके नेतृत्व में राज्य विधानसभा चुनाव जीता और उन्होंने 16 मार्च 2017 को पंजाब के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. 18 सितंबर 2021 को, उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया[6]| 28 अक्टूबर 2021 को, उन्होंने घोषणा की कि वह जल्द ही एक नई पार्टी बनाएंगे और वह भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे. अमरिंदर सिंह ने 2 नवंबर 2021 पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया और उनकी पार्टी के 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव में सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ा| 2022 के चुनाव के लिए PLC पार्टी बनाई और फिर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े. हालांकि, आम आदमी पार्टी की आंधी में बीजेपी और अमरिंदर सिंह दोनों को ही खाली हाथ रहना पड़ा था |
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