अम्बादेवी शैलाश्रय Ambadevi rock shelters | |
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![]() "प्राणी उद्यान" शैल कला | |
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वैकल्पिक नाम | सतपुड़ा-ताप्ति घाटी गुफाएँ, गाविलगढ़-बेतुल शैलाश्रय |
स्थान | बैतूल ज़िला (मध्य प्रदेश), अमरावती ज़िला (महाराष्ट्र) |
क्षेत्र | सतपुड़ा पर्वतमाला |
निर्देशांक | 21°24′26″N 77°56′53″E / 21.4071°N 77.9481°Eनिर्देशांक: 21°24′26″N 77°56′53″E / 21.4071°N 77.9481°E[1] |
प्रकार | सांस्कृतिक |
लम्बाई | 6 कि॰मी॰ (3.7 मील) |
चौड़ाई | 10 कि॰मी॰ (6.2 मील) |
इतिहास | |
काल | उत्तर पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल, चाल्कोलिथिक, लौह युग |
अम्बादेवी शैलाश्रय (Ambadevi rock shelters) गुफ़ाओं का एक विस्तारित परिसर है, जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप पर मानव जीवन के सबसे पुराने ज्ञात चिह्न मिले हैं। यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल ज़िले और महाराष्ट्र राज्य के अमरावती ज़िले पर फैले हुई सतपुड़ा पर्वतमाला की गाविलगढ़ पहाड़ियों में स्थित है। यहाँ के गुफा चित्रों और शैलोत्कीर्ण के अध्ययन से यह अनुमान लगाया जाता है कि प्रागैतिहासिक मानव यहाँ लगभग 25,000 वर्ष पूर्व से बसना आरम्भ हुए। इनकी खोज भारतीय पुरातत्वशास्त्री डॉ विजय इंगोले ने 27 जनवरी 2007 को की और समय के साथ यहाँ और अवशेष मिलते रहे। इसका नाम समीप के अम्बादेवी गुफा मंदिर के ऊपर रखा गया।[2][3][4]