अरकू घाटी అరకు లోయ |
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— पर्यटन स्थल — | |
अरकू घाटी का एक मनोरम दृश्य | |
Coordinates: 18°20′00″N 82°52′00″E / 18.3333°N 82.8667°Eनिर्देशांक: 18°20′00″N 82°52′00″E / 18.3333°N 82.8667°E | |
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Country | India |
राज्य | आंध्र प्रदेश |
ज़िला | विशाखापट्टनम |
ऊंचाई | 912 m (2,992 ft) |
पिन कोड | ५३१ १४९ |
टेलिफोन कोड | ०८९३६ |
अरकू घाटी भारत में आंध्र प्रदेश राज्य के विशाखपट्नम जिले में एक पर्वतीय स्थान है। यह घाटी पूर्वी घाट पर स्थित है और कई जनजातियों का निवास स्थान रहा है। अरकू घाटी दक्षिण भारत में सबसे कम प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है तथा वाणिज्यिक रूप से कम उपयोग किया हुआ पर्यटक स्थल है।[1]
अरकू १८.३३३३° उत्तर और ८२.८६६७° पूर्व की दिशा में स्थित है। इसकी औसत ऊँचाई 911 मीटर (२,९८९ फुट) है।यह विशाखपट्टणम से ११४ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा उड़ीसा राज्य की सीमा के समीप है। अनंतगिरि और सुंकारीमेट्टा आरक्षित वनक्षेत्र अरकू घाटी के अभिन्न अंग हैं। यह घाटी गालिकोंड, रक्तकोंडा, सुंकारीमेट्टा तथा चितमोगोंडी जैसे पहाड़ों से चारों तरफ से घिरी हुई है। गालिकोंडा पर्वत की ऊँचाई ५००० (१,५०० मी) फुट तक है, जो आंध्र प्रदेश राज्य में सबसे ऊँचा है। यहाँ पर औसत वर्षा १७०० मिलीमीटर है, जिसमें सर्वाधिक मात्रा जून से अक्टूबर के महीनों में प्राप्त होती है।[2]
अरकू अपने कॉफी पौधरोपण के लिए प्रसिद्ध है। आदिवासियों द्वारा उत्पादित भारत का प्रथम जैविक कॉफी ब्रांड सन २००७ में जारी किया गया। अरकू में उत्पादित उत्तम किस्म का कार्बनिक ब्रांड कॉफी अरकू एमराल्ड की बिक्री वैश्विक स्तर पर की जाती है। अरकू जनजातिय क्षेत्र के हजारों आदिवासी कॉफी उगाने वाले मजदूर अथवा छोटे किसान हैं।[3]
विशाखापट्टनम शहर से इस घाटी का संपर्क सड़क व रेल दोनों माध्यमों से है। पूर्व तट रेलवे के विशाखापट्टनम संभाग के कोत्तावलसा-किरुंडुल मार्ग में अरकू और अरकू घाटी नामक दो रेलवे स्टेशन हैं। भारतीय रेल के नेटवर्क में सिमिलिगुड़ा रेलवे स्टेशन समुद्र तट से ९९६ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।[4]
आंध्र प्रदेश में अरकू घाटी सभी कॉफी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। कॉफी बागानों के विशाल विस्तार के साथ, अराकू घाटी अपने प्राचीन और अछूते रूप में बनी हुई है।
विभिन्न जनजातियों द्वारा बसा हुआ घाटी; आप दक्षिण भारत के देहाती इलाकों में समुदायों का दौरा कर सकते हैं और कुछ दिन बिता सकते हैं। शहर के ऊधम-हलचल से एक परिपूर्ण पलायन, यह घाटी रोमांचक ट्रेकिंग विकल्पों से घिरा हुआ है[5]।
यह आंध्र प्रदेश का सबसे शानदार स्थान है। मंत्रमुग्ध कर देने वाली निर्मल घाटी में कई पहाड़, अविरल घास के मैदान, धूमधाम के बगीचे शामिल हैं, जो पूरे वर्ष चलने वाले सुखद मौसम को जोड़ता है। प्रसिद्ध चूना पत्थर बोर्रा गुफाएं प्रकृति का एक नया पक्ष प्रदान करती हैं। आदिवासी से पुरानी चांदी खरीदना निश्चित रूप से उदासीन स्मृति का वादा करता है।
यहाँ की प्राकृतिक सौँदर्य ने टॉलीवुड की कई फिल्मों जैसे हैपी डेज कथा में अपनी जगह बनाया है। सन २०१० रिलीज़ हुई डार्लिंग फिल्म की शूटिंग अरकू में हुई है।
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