अरुणा रेड्डी (जन्म: 25 दिसंबर 1995) भारतीय महिला जिमनास्ट है, जो अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने मेलबर्न में आयोजित 2018 विश्व कप जिम्नास्टिक में महिलाओं की वॉल्ट स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। वह जिम्नास्टिक विश्व कप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी।
अरुणा रेड्डी का जन्म हैदराबाद, तेलंगाना से सुभद्रा और नारायण रेड्डी, एक एकाउंटेंट के यहाँ हुआ था। वह कराटे में ब्लैक बेल्ट है और जिमनास्टिक में शामिल होने तक एक ट्रेनर थी।[1]
जब अरुणा रेड्डी पाँच साल की थीं, तब उनके पिता ने उन्हें कराटे से बाहर निकाला और जिम्नास्टिक में दाखिला दिलाया। उन्होंने देखा था कि उनके शरीर का निर्माण और लचीलापन जिम्नास्ट के लिए अनुकूल था। उनके पिता ने तब अरुणा को हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में कोच स्वर्णलता और रविन्दर के संरक्षण में भर्ती कराया था।
स्वर्णलता के पति गिरिराज ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए अरुणा को अपने अनुशिक्षण में ले लिया। गिरिराज की 2008 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई और अरुणा तब से कोच ब्रज किशोर के अधीन प्रशिक्षण ले रही हैं, जिनके साथ उन्होंने भारत के तीन राष्ट्रीय खेलों में पदक जीते।
अरुणा ने 2013, 2014 और 2017 में क्रमशः एंटवर्प, नाननींग और मॉन्ट्रियल में विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया था, लेकिन वह क्वालीफाइंग राउंड से आगे बढ़ने में विफल रही। विश्व कप कांस्य पदक
उन्होंने 2018 जिम्नास्टिक विश्व कप में प्रतिस्पर्धा की और महिलाओं के व्यक्तिगत वॉल्ट स्पर्धा में कांस्य पदक का दावा करके जिम्नास्टिक विश्व कप में व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने का इतिहास रच दिया।[2]
अरुणा ने अपनी जीत को अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया जिन्होंने उनको उनकी क्षमता का एहसास करने के लिए प्रेरित किया।[3] उन्हें अपने इस असाधारण कार्य के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के॰ चंद्रशेखर राव से 2 करोड़ का नकद पुरस्कार मिला।[4]