अर्थोपोक्सवाइरस (orthopoxvirus) पॉक्सविरिडे परिवार और कॉर्डोपॉक्सविरिने उप-परिवार का एक विषाणु है। स्तनधारी और मनुष्य सहित कशेरुकी और सन्धिपाद इस विषाणु के लिए प्राकृतिक मेज़बान हैं। इस वंश में 12 प्रजातियों के विषाणु पाये जाते हैं। इस वंश के विषाणुओं से जुड़ी बीमारियों में चेचक, गोशीतला, हॉर्सपॉक्स, कैमलपॉक्स और एमपॉक्स शामिल हैं।[1][2] इस वंश का सबसे व्यापक रूप से ज्ञात सदस्य वैरियोला विषाणु है, जो चेचक का कारण है। वैक्सीनिया वायरस को टीके के रूप में काम में लेते हुये सन् 1977 तक इसे वैश्विक रूप से इसका उन्मूलन कर दिया गया था। सबसे हाल ही में वर्णित प्रजाति अलास्कापॉक्स वायरस है जिसे पहली बार सन् 2015 में अलग किया गया था।[3]