अला वैकुंठपुरमुलु | |
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निर्देशक | त्रिविक्रम श्रीनिवास |
लेखक | त्रिविक्रम श्रीनिवास |
निर्माता |
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अभिनेता | |
छायाकार | पी. एस. विनोद |
संपादक | नवीन नूली |
संगीतकार | थमन एस |
निर्माण कंपनियां |
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वितरक | गीता आर्ट्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
165 मिनट[1] |
देश | भारत |
भाषा | तेलुगू |
लागत | ₹100 करोड़[2] |
कुल कारोबार | अनुमानित₹262–280 करोड़[3] |
अला वैकुंठपुरमुलु (అల వైకుంఠపురములో; हिन्दी अनुवाद: वैंकुठपुर में) सन् 2020 की भारतीय तेलुगू भाषा की एक्शन ड्रामा फ़िल्म है।[4] इसका प्रारम्भिक नाम एवीपीएल से था। फ़िल्म के लेखक तथा निर्देशक त्रिविक्रम श्रीनिवास हैं। फ़िल्म में अल्लू अर्जुन और पूजा हेगड़े मुख्य भूमिकाओं में हैं, जिनके साथ तब्बू, जयराम, सुशांत, निवेथा पेथुराज, मुरली शर्मा, समुथिरकानी, नवदीप, सुनील, सचिन खेडेकर, गोविंद पद्मसूर्या, हर्षवर्धन, रोहिणी, वेन्नेला किशोर, अजय और राजेंद्र प्रसाद सहयोगी भूमिका में हैं।[5] इसका निर्माण अल्लू अरविंद और एस॰राधा कृष्ण ने क्रमशः अपने बैनर गीता आर्ट्स और हारिका एंड हसीन क्रिएशंस के तहत किया था।[6] इस फिल्म की कहानी सीनियर एनटीआर की इंतिगुट्टू (1958) और मंची मनीषी (1964) से काफी प्रेरित है।
सन् 1995 : वाल्मीकि और रामचंद्र ने अनंत की कंपनी "एआरके" राधाकृष्ण में क्लर्क के रूप में अपना करियर शुरू किया। रामचंद्र एआरके की बेटी यशोदा से शादी करके अमीर बन जाता है, जबकि वाल्मीकि एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति बना रहता है। वाल्मीकि और रामचंद्र दोनों के बच्चों का जन्म एक ही दिन होता है। रामचंद्र का बेटा मृत पैदा होता है। जब नर्स सुलोचना वाल्मीकि को इस बारे में बताती है, तो वह अपने बच्चे को मृत बच्चे के साथ बदलने की पेशकश करता है। वाल्मीकि चाहता हैं कि उसका बेटा एक अमीर घराने में बड़ा हो।
बच्चे बदलने के बाद मृत दिखाई देने वाला बच्चा रोना शुरू कर देता है। जब सुलोचना फिर से बच्चों को बदलने की कोशिश करती है, तो वाल्मीकि उसे रोकता हैं और गलती से उसे धक्का दे देता हैं। सुलोचना अस्पताल की इमारत से गिर जाती है और कोमा में चली जाती है, जबकि वाल्मीकि को लकवा मार जाता है, जो धीरे-धीरे लंगड़ापन में बदल जाता है। वाल्मीकि के बेटे का नाम राज है, जो रामचंद्र के घर पल रहा होता है। वाल्मीकि रामचंद्र के बेटे का नाम बंटू रखता हैं और उसके साथ बुरा व्यवहार करता है।