अलादीन | |
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निर्देशक | सुजॉय घोष |
लेखक |
सुजॉय घोष सुरेश नायर रितेश शाह |
निर्माता | सुजॉय घोष,सुनील ए लुल्ला |
अभिनेता |
अमिताभ बच्चन साहिल खान रितेश देशमुख जैकलिन फर्नांडीज संजय दत्त |
छायाकार | शिरशा रॉय |
संगीतकार |
विशाल-शेखर 'पृष्ठभूमि स्कोर:' ' जॉडी जे जेनकिन्स |
वितरक | एरोस इंटरनेशनल |
प्रदर्शन तिथि |
साँचा:फिल्म की तारीख |
लम्बाई |
१३१ मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
अलादीन सुजॉय घोष द्वारा निर्देशित २००९ की भारतीय हिंदी कपोल कल्पित साहसिक फिल्म है। इस फिल्म मै अमिताभ बच्चन, साहिल खान, रितेश देशमुख, जैकलिन फर्नांडीस और संजय दत्त ने विशेष किर्दार निभाए है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन दिया।[1]
बहुत पहले, रिंगमास्टर एक जिन्न था, लेकिन उसने अपनी शक्तियों का प्रयोग केवल अपने हित के लिए करता था, न कि इंसानों की भलाई के लिए, इसलिए अन्य जिन्नो ने उसकी शक्तियों को छीनने का फैसला किया। लेकिन वह अभी भी अमर था, और अभी भी बहुत ताकतवर और ज्ञानी था। उसने एक दिन अपनी शक्तियों को वापस पाने और बदला लेने की कसम खाई।
अलादीन के माता-पिता अरुण और रिया का मानना था कि अलादीन की कहानी अरब नाइट्स द्वारा 'अलादीन एंड हिस लैंप' वास्तविकता पर आधारित थी। तो उन्होंने अपने बेटे का नाम अलादीन रख दिया इस उम्मीद में कि वह उनके लिए असली जादूई लैंप खोजने के लिए उनकी खोज में भाग्य लाएगा। कई वर्षो की खोज के बाद उन्हें लैंप मिल गया। कुछ समाय बाद रिंगमास्टर और उसके साथियो ने उन पर हमला किया। रिया ने चुपके से लैंप को रगड़ दिया और जीनियस(जिनी का नाम) को बुलाया, और उसने जीनियस से इच्छा मांगी की वह अलादीन को रिंगमास्टर से बचाये, जो तब बहुत ही छोटा बच्चा था। जीनियस मुश्किल से अलादीन को रिंगमास्टर से बचाने में सक्षम हुआ, लेकिन जब उसने अलादीन को बचा लिया, तो रिंगमास्टर के गिरोह ने अरुण और रिया को मार डाला। रिंगमास्टर को दीपक के केवल एक टुकड़े मिला, बाकी का टुकड़ा खो गया। फिर कसीम ने इसे प्राचीन स्टोर में पाया और जैस्मीन के सामने उसे शर्मिंदा करने के लिए इसे अलादिन को एक शरारत उपहार के रूप में देने का फैसला किया।
कासिम के पास अलादीन पर एक अजीब निर्धारण थी और वह लगातार उसे अपने नाम के बारे में चिढ़ाता था, कभी वह उसके लिए तेल का लैंप लाता था और उसे रगड़ने के लिए मजबूर करता था और जब कोई जीनी प्रकट नहीं होती था तो उसे ताने देता था। उन्होंने हमेशा ऐसा किया है, जबतक वह और अलादीन दोनों बच्चे थे।
अलादीन के दादाजी ने उसे एक जादू की चाल सिखाई: वह अपने हाथ में एक छोटी वस्तु डाल देते, हाथ बंद करते, जादू शब्द "ताक धीना ढिन" कहते, और जब वह अपना हाथ खोलते तब उस्समे से एक अलग छोटी वस्तु प्रकट हो जाती। यह असली जादू नहीं था; वह गुप्त रूप से वस्तु को अपने दूसरे हाथ में स्थानांतरित कर देते थे। यह मनोरंजक था, और कभी-कभी उपयोगी भी।
जीनियों के पास कुछ नियम थे जिनका पालन उनको करना पढ़ता था। सबसे पहले, जाने-माने तीन इच्छाएँ थी: जो भी जीनी के लैंप को रगरता है और जीन को बुलाता है, उसे तीन इच्छाएँ मिलती थी। इसके अलावा, एक जिन्न किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकती है, जिसके भी पास या तो उनके लैंप हो या उसका कोई हिस्से हो --- यह रिंगमास्टर की रक्षा करता था, क्योंकि उसके पास अभी भी वह टुकड़ा था जो जीनियस के लैंप का था। यदि कोई जीनी इच्छा देने से इंकार कर देता, तो वह अपनी शक्तियों को खो सकता था और प्राणघातक बन जाता था। नैतिकता के कुछ प्रकार भी हैं जिनको जिंन्हों को पालन करना पढ़ता था, यह बताते हुए कि जीनियों को मनुष्यों को उनकी मन चाही इच्छा देने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करना पड़ता था नाकि उन्हें स्वार्थी रूप से उपयोग करना था- यह दूसरों की तरह जादुई नियम नहीं था, लेकिन इसे जीनी समाज द्वारा लागू किया गया था। यदि कोई जिंन्ह इन नियमो का पालन नहीं करता तो जिंन्ह समाज उसपर प्रतिबंध लगा सकता था और गलत व्यवहार करने वाले जिन्न की शक्तियों को दूर कर देते थे।
यह जानकारी में नहीं है कि अस्तित्व में कितने जिन्न हैं और उनमें से कितने स्वतंत्र हैं, या कितने लैंप तक सीमित हैं या नहीं।
एक जादुई दर्पण है जिसका प्रयोग जिन्न जानकारी प्राप्त करने और उनसे किये गए प्रशनो के उत्तर देने के लिए उपयोग कर सकती हैं। यह टूट सकता है, लेकिन अगर इसके टुकड़े फिर से इकट्ठे होते हैं, तो यह अपने मूल दोषपूर्ण आकार में आता है।
फिर एक इंसान ने अभी दर्पण को पाया और फिर से टुकड़े इकट्ठा किये तभी रिंगमास्टर और उसके गिरोह ने उसे मार डाला और दर्पण को चुरा लिया।