प्रथम आदिल अली शाह | |||||
---|---|---|---|---|---|
सुल्तान | |||||
![]() | |||||
शासनावधि | 1558–1579 | ||||
पूर्ववर्ती | इब्राहीम आदिल शाह प्रथम | ||||
उत्तरवर्ती | इब्राहीम आदिल शाह द्वितीय | ||||
निधन | 1579[1] बीजापुर | ||||
समाधि | अली का रौज़ा | ||||
जीवनसंगी | चाँद बीबी | ||||
संतान | इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय (गोद लिया हुआ पुत्र) | ||||
| |||||
घराना | अली वंश | ||||
राजवंश | आदिल शाही वंश | ||||
पिता | इब्राहीम आदिल शाह प्रथम | ||||
माता | असद ख़ाँ लारी (ख़ुसरो) की पुत्री | ||||
धर्म | शिया इस्लाम |
सुल्तान अली आदिल शाह प्रथम (1558–1579) बीजापुर सल्तनत अथवा जिसे आदिलशाही सल्तनत भी कहते हैं, का पाँचवाँ शासक था। अपने पिता प्रथम इब्राहिम आदिल शाह के बाद यह 1558 ई. में आदिलशाही सल्तनत का शासक बना और तालिकोट का युद्ध इसके शासनकाल की सबसे प्रमुख घटना थी जिसमें दक्कन की सल्तनतों और विजयनगर साम्राज्य के मध्य तालिकोट नामक स्थान पर युद्ध हुआ और दक्कन की संयुक्त सेना विजयी हुई।
अली आदिल शाह का विवाह अहमदनगर की निज़ामत सल्तनत की राजकुमारी चाँद बीबी[2] से हुआ था जो अहमदनगर के तीसरे शासक हुसैन निजामशाह प्रथम की पुत्री थीं और जिन्हें अकबर की सेनाओं से बीजापुर और अहमदनगर की वीरता पूर्वक रक्षा करने के लिए प्रसिद्ध वीरांगनाओं में गिना जाता है।
अली आदिल शाह प्रथम की कोई अपनी संतान नहीं थी और अंत में इन्होंने अपने एक भतीजे को इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय के नाम से अपना उत्तराधिकार सौंपा। 1579 में अली आदिल शाह की महल के एक बारीदी ग़ुलाम द्वारा हत्या कर दी गयी।[2]
![]() ![]() | यह भारतीय इतिहास से सम्बंधित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |