अल्कोहल ज्वालक या स्पिरिट दीपक एक प्रयोगशाला उपकरण है जिसका उपयोग खुली ज्वाला उत्पन्न करने हेतु किया जाता है। यह पीतल, काच, स्टेनलेस स्टील या अलुमिनियम से बनाया जा सकता है। इसमें रूई के धागे की बत्ती का एक सिरा स्पिरिट/अल्कोहल के पात्र में डूबा रहता है और बत्ती का दूसरा सिरा पात्र के ऊपरी छोर पर नॉज़ल से बाहर निकला रहता है। केशिका क्रिया द्वारा स्पिरिट बत्ती के ऊपरी सिरे पर पहुँच जाती हैं और जलाई जा सकती है। ज्वाला अदीप्त (धूम रहित) होती है अतः प्रयोगशाला में सभी प्रकार के गरम करने के प्रयोजनों में उपयोग की जा सकती है। ज्वालक बुझाने हेतु जलती हुई बत्ती पर ढक्कन रख देते हैं। जलते हुए ज्वालक को कभी भी फूंककर बुझाने की चेष्टा न करें।