Dr. Ashok Tanwar | |
---|---|
President Haryana Pradesh Congress Committee
| |
पूर्वा धिकारी | Phoolchand Mulana |
कार्यकाल 2009 - 2014 | |
पूर्वा धिकारी | Atma Singh Gill |
उत्तरा धिकारी | Charanjeet Singh Rori |
चुनाव-क्षेत्र | Sirsa |
President Indian Youth Congress
| |
कार्यकाल 2005 - 2010 | |
पूर्वा धिकारी | Randeep Surjewala |
उत्तरा धिकारी | Rajiv Satav |
President NSUI
| |
कार्यकाल 2003-2005 | |
पूर्वा धिकारी | Meenakshi Natarajan |
उत्तरा धिकारी | Nadeem Javed |
जन्म | 12 फ़रवरी 1976 |
राजनीतिक दल | Indian National Congress |
जीवन संगी | Avantika Maken |
निवास | New Delhi |
धर्म | Hinduism |
As of सितंबर 07, 2014 |
डॉ॰ अशोक तंवर (का जन्म 12 फ़रवरी 1976 को हुआ) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, भारतीय युवा काँग्रेस और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष रहे और 2009 में सिरसा लोकसभा से सांसद चुने गए थे
भारतीय युवा काँग्रेस के राष्ट्रपति जैसे प्रतिष्ठित पद को पाने वाले वे सबसे छोटी उम्र के व्यक्ति हैं। उनका सम्मान ना सिर्फ इसलिए हैं कि वे जवाहरलाल नेहरू नेटवर्क के सदस्य भी हैं[1] .
उनका जन्म (दिल्ली) दिलबाग सिंह और कृष्णा राठी के घर हुआ। वे इतिहास से सम्बंधित पढाई करने के लिए जवाहर लाल नेहरू केंद्र विश्वविद्यालय गए और वहाँ उन्होंने एम.ए., एम.फिल.और पीएच.डी. (इतिहास) में किया।
डॉ॰अशोक तंवर ने अपने कैरियर की शुरुआत जेएनयू में एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता के रूप में की।
तंवर काँग्रेस पार्टी के उभरते हुए युवा नेताओं में से एक थे वे राहुल गांधी, के बहुत करीब थे जो की युवा काँग्रेस के प्रभारी हैं।[2] तंवर की खासियत यह है कि उनका जेएनयू से गहरा सम्बन्ध उस समय है जब, काँग्रेस के छात्र संगठन, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ, की मुश्किल से परिसर में मौजूदगी है। जब भी उन्होंने जेएनयू में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा है। .तंवर ने एनएसयूआई के सचिव का पदभार 1999 में सम्भाला और वे 2003 में इसके अध्यक्ष बने। 2003 में उनके पदभार संभालने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनावों में दो बार लगातार जीत और वामपंथी दलों के वर्चस्व वाले जेएनयू में, एनएसयूआई के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार के बाद, तंवर ने अपने अध्यक्ष होने के कार्यकाल के दौरान एनएसयूआई में अधिक अनुशासन बरतने क़ी जरूरत पर जोर दिया है।[3]
भारतीय युवा काँग्रेस के राष्ट्रपति के रूप में, "आईवायसी" को मजबूत करने के लिए ज्यादा ध्यान सभागारों, सेमिनारों और कार्यशालाओं पर दिया गया है। जनता की समस्याओं को उजागर करने के लिए नुक्कड़ नाटक और सामाजिक काम पर अधिक जोर दिया गया। अशोक तंवर के नेतृत्व में, सामाजिक मुद्दों को उजागर करने वाले कार्यक्रम देश भर में चलाये गए। उनके कार्यकाल में आम आदमी का सिपाही (AAKS) की अवधारणा लागू की गयी। युवाओं को सशक्त बनाने के कार्यक्रमों को विशेष महत्त्व दिया गया है और राहुल जी के विजन को इन कार्यक्रमों के माध्यम से आकार दिया गया है। भारतीय युवक काँग्रेस ने उनके नेतृत्व में बहुत ज्यादा प्रगति की है।
उनके कार्यकाल के दौरान लागू किये गए कार्यक्रमों का एक विशेष पहलू यह है कि उन कार्यक्रमों को विकेन्द्रीकृत तरीके से लागू किया गया, जिसमें ब्लॉक, जिला और राज्य स्तरीय युवा काँग्रेस को शामिल किया गया। उन्होंने संगठन में प्रतिभा पर विशेष ध्यान देने की कोशिश की है। संगठनात्मक चुनाव कराने की योजना में यह प्रयास परिलक्षित होता है। अब, चुनाव पंजाब और गुजरात में हो चुके हैं, जहाँ सभी तबके के लोगों ने बड़ी संख्या में युवा काँग्रेस से जुड़ कर उसे मजबूत बनाने का प्रयास किया है और इस प्रकार से काँग्रेस पार्टी का आधार सभी राज्यों में मजबूत किया है।
कौंग्रेस पार्टी के द्वारा उन्हें 2009 के लोक सभा चुनाव सिरसा ह/ref> और यह सीट उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आई एन एल डी के डॉ॰सीता राम[4] को 35499 मतों के अंतर से हरा कर जीती। [5] यह जीत किसी भी अन्य उम्मीदवार की जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण थी क्योंकि सिरसा हरियाणा के महत्वपूर्ण नेता ओमप्रकाश चौटाला का गृह जिला है और अशोक तंवर को इस निर्वाचन क्षेत्र में यह चुनाव जीतने के लिए एक महीने से भी कम समय मिला था। इस जीत के साथ, अशोक तंवर की ख्याति राष्ट्रीय नेता के रूप में फ़ैल गयी क्योंकि वे सबसे युवा उम्मीदवारों में से एक थे जिन्हें काँग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने 2009 के लोक सभा चुनाव लड़ने के लिए स्वयं चुना था।
जून 2005 में, अशोक तंवर का विवाह अवंतिका माकन से हुआ, जो की ललित माकन की बेटी हैं और भूतपूर्व भारत के राष्ट्रपति, डॉ॰ शंकर दयाल शर्मा उनके नाना हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है।