आगरा मेट्रो भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के चौथे सबसे बड़े नगर, आगरा में एक निर्माणाधीन रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क है। आगरा मेट्रो की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) २०१४ में प्रस्तुत की गई थी और २०१५ में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। हालांकि, एक नई सरकार के गठन और एक नई मेट्रो रेल नीति के कारण, सरकार के द्वारा एक संशोधित व्यवहार्यता रिपोर्ट बनाई गई थी, और अंततः २०१९ की शुरुआत में परियोजना को मंजूरी मिली। आगरा मेट्रो के अंतर्गत दो मेट्रो लाइनें हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 30 किलोमीटर (98,000 फीट) है।
जुलाई २०१६ तक, रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकनोमिक सर्विसेज लिमिटेड (राइट्स लिमिटेड) द्वारा परियोजना की डीपीआर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर दी गयी थी।[1]
२८ फरवरी २०१९ को, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आगरा में ₹८३७९.६२ करोड़ की मेट्रो परियोजना को मंजूरी दी। [2][3]
दिसंबर २०२०: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण कार्य का उद्घाटन किया।
निर्माण की लागत लगभग ₹३५० करोड़ प्रति किमी है। लागत का मूल्यांकन जून २०१५ मूल्य सूचकांक के आधार पर किया गया है।
आगरा मेट्रो रेल परियोजना में २ लाइनें होंगी जो शहर के बीचों-बीच से होकर गुजरेंगी और ताजमहल, आगरा किला, सिकंदरा सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों को आईएसबीटी, राजा की मंडी रेलवे स्टेशन, मेडिकल कॉलेज, आगरा छावनी रेलवे स्टेशन के साथ-साथ कलेक्ट्रेट, संजय प्लेस एवं आसपास के घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्र से जोड़ेंगी।
इन लाइनों के मुख्य आकर्षण में शामिल हैं:
सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट कॉरिडोर की लंबाई १४.०० किमी है, और यह आंशिक रूप से ऊंचा और आंशिक रूप से भूमिगत है। इसमें १३ स्टेशन (६-एलिवेटेड और ७-भूमिगत) शामिल हैं।
आगरा कैंट से कालिंदी विहार कॉरिडोर की लंबाई १५.४० किमी है। इसमें १४ स्टेशन शामिल हैं जो सभी एलिवेटेड हैं।
परियोजना की अनुमानित लागत ₹ ८,३७९.६२ करोड़ है और यह परियोजना पांच वर्षों में पूरी हो जाएगी।
वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने के समय आगरा मेट्रो रेल परियोजना से नगर की लगभग २० लाख जनसंख्या के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होने की आशा है।
प्रस्तावित कॉरिडोर में रेलवे स्टेशनों और बीआरटीएस स्टेशनों के साथ मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन होगा और इसमें बस, इंटरमीडिएट पब्लिक ट्रांसपोर्ट (आईपीटी), और नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट (एनएमटी) का फीडर नेटवर्क होगा। परियोजना को ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) और ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) के तंत्र के माध्यम से किराये और विज्ञापन के साथ-साथ वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग (वीसीएफ) से राजस्व प्राप्त होगा।
आगरा मेट्रो का संचालन दिसंबर २०२२ से शुरू होना प्रस्तावित है। [4]
प्रथम चरण में सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट तक पहले कॉरिडोर (लाइन १) पर १४ मेट्रो स्टेशन और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक दूसरे कॉरिडोर (लाइन २) पर १५ मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। [5]
बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन को रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम की आपूर्ति का ठेका मिला है। आगरा मेट्रो परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त मंजूरी मिली। कोर्ट के स्टे के कारण अटका हुआ प्रोजेक्ट अब तेजी से आगे बढ़ेगा। [6][7]
१५ जून २०२०: टीप्सा- इतालफर जेवी को जनरल कंसल्टेंट का कॉन्ट्रैक्ट मिला। [17]
जुलाई २०२०: बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन को आगरा मेट्रो और कानपुर मेट्रो के रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग का अनुबंध मिला। आगरा मेट्रो परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त मंजूरी मिली। कोर्ट के स्टे के कारण अटका हुआ प्रोजेक्ट अब तेजी से आगे बढ़ेगा। [18][19]
अक्टूबर २०२०: तीन मेट्रो स्टेशनों के निर्माण का ठेका दिया गया। [20] सिविल इंजीनियरिंग का काम दिसंबर २०२० में शुरू होगा। [21]
दिसंबर २०२०: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ७ दिसंबर २०२० को आगरा मेट्रो परियोजना स्थल पर सिविल निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। [22]
अप्रैल २०२१: आगरा मेट्रो के प्राथमिकता खंड में फतेहाबाद रोड पर ३ किमी लम्बे हिस्से में कुल ६८८ पाइल्स डाली जानी हैं, जिनमें से ३४४ बनकर तैयार हैं, १० खंभे बने हैं, और ३ मेट्रो स्टेशनों के लिए खुदाई जारी है. [23]
मई २०२१: आगरा मेट्रो परियोजना के प्राथमिकता खंड में यूपी मेट्रो ने कुल ६८६ में से ४०० पाइल्स बना दी हैं। इसके साथ ही ४५ पाइल-कैप और १६ पिलर भी बनकर तैयार हो गए हैं। आगरा मेट्रो डिपो में जीरो डिस्चार्ज सुविधा का काम भी तीव्र गति से चल रहा है। जीरो डिस्चार्ज सुविधा के लिए आगरा मेट्रो डिपो कॉम्प्लेक्स में विभिन्न क्षमता के कई अंडरग्राउंड टैंक बनाए जाएंगे। [24][बेहतर स्रोत वांछित] जीरो डिस्चार्ज सुविधा के लिए आगरा मेट्रो डिपो में १ लाख लीटर क्षमता का संयुक्त जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में किचन, वॉशरूम, फर्श की सफाई से निकलने वाले पानी को रिसाइकिल किया जाएगा। इसके लिए ७०,००० लीटर की क्षमता वाला प्लांट लगाया जाएगा। इसी तरह कोच को धोकर निकलने वाले पानी को ट्रीट करने के लिए ३० हजार लीटर क्षमता का प्लांट लगाया जाएगा। दोनों प्लांट एक ही बिल्डिंग में बनाए जाएंगे ताकि इनका बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।[उद्धरण चाहिए]
जून २०२१ : आगरा मेट्रो के लिए[ उद्धरण वांछित ] डिपो लाइन का निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही डिपो लाइन पर अब तक १३ पाइल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. [25][बेहतर स्रोत वांछित] डिपो लाइन मेन लाइन को मेट्रो डिपो से जोड़ेगी जो पीएसी ग्राउंड में निर्माणाधीन है जहां मेट्रो ट्रेनों को खड़ा और रखरखाव किया जाएगा। डिपो लाइन के लिए कुल ५०० पाइल, ३९ पाइल कैप और ३४ पियर का निर्माण किया जाएगा।[उद्धरण चाहिए]
जून २०२१: आगरा मेट्रो के पहले मेट्रो स्टेशन, ताज ईस्ट गेट के कॉनकोर्स बीम की कास्टिंग भी शुरू हो गई है। ताज ईस्ट गेट मेट्रो स्टेशन के ६९ पाइल्स के निर्माण के साथ पाइलिंग का काम पहले ही पूरा हो चुका है। फिलहाल ताज ईस्ट गेट मेट्रो स्टेशन के साइड ग्रिड में खंभों का निर्माण किया जा रहा है। जल्द ही कॉनकोर्स लेवल का निर्माण भी शुरू हो जाएगा।[ उद्धरण वांछित ][उद्धरण चाहिए]
जून २०२१: आगरा मेट्रो के प्राथमिकता खण्ड (ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद) के निर्माण के साथ ही यूपी मेट्रो ने डिपो लाइन का निर्माण भी शुरू कर दिया है। इसके लिए पाइलिंग शुरू करने के साथ ही १३ पाइल का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। आगरा मेट्रो डिपो में नई पीईबी (प्री इंजीनियरिंग बिल्डिंग) तकनीक से कवर्ड ट्रेन स्टेबलिंग यार्ड, इंटीग्रेटेड वर्कशॉप और पिट व्हील लेंथ का निर्माण किया जा रहा है। [26][बेहतर स्रोत वांछित]
↑"मेट्रो का सपना कहीं सपना ही न रह जाए" [Metro project remains pending in Agra]. Agra City News. 16 February 2016. मूल से 3 July 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 October 2017.