आप की कसम | |
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आप की कसम का पोस्टर | |
निर्देशक | जे ओम प्रकाश |
लेखक | रमेश पंत |
पटकथा | राम केलकर |
निर्माता | जे ओम प्रकाश |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, मुमताज़, संजीव कुमार, असरानी |
छायाकार | वी बाबासाहेब |
संपादक | प्रताप दवे |
संगीतकार |
आर॰ डी॰ बर्मन आनंद बख्शी (गीत) |
प्रदर्शन तिथियाँ |
17 अप्रैल, 1974 |
लम्बाई |
154 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
आप की कसम 1974 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य रूमानी फिल्म है। यह जे ओम प्रकाश द्वारा निर्मित है जो उनकी निर्देशक के रूप में पहली फिल्म भी है। फिल्म में राजेश खन्ना, मुमताज़, संजीव कुमार, रहमान, असरानी और ए के हंगल हैं। संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा है, जिन्हें फिल्म के लिए एकमात्र फिल्मफेयर नामांकन मिला। फिल्म सफल रही और बॉक्स ऑफिस पर इसे हिट के रूप में घोषित किया गया, और आलोचकों ने भी इसकी सराहना की। "जय जय शिव शंकर", "जिंदगी के सफर में" और "करवटें बदलते रहें" सहित फिल्म के गीत बहुत लोकप्रिय रहे।
अमीर और धनवान सुनीता (मुमताज़) अपने कॉलेज में एक संघर्षशील मध्यम वर्ग के युवा व्यक्ति कमल भटनागर (राजेश खन्ना) से मिलती है, और दोनों एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं। कमल के पिता (ए के हंगल) और सुनीता के माता-पिता (दीना पाठक, रहमान) उनके रिश्ते को मंजूरी देते हैं, और जल्द ही दोनों विवाहित हो जाते हैं। जब तक कमल को सुनीता की निष्ठा के बारे में संदेह नहीं होता तब तक जीवन आनंदित होता है। ये संदेह नियंत्रण से बाहर हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों अलग हो जाते हैं। वह अब भी अपने दिल में एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन अपने जीवन से संदेह को दूर करने में असमर्थ हैं।[1]
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
गाने | |||
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क्र॰ | शीर्षक | गायन | अवधि |
1. | "करवटें बदलते रहे" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:56 |
2. | "चोरी चोरी चुपके चुपके" | लता मंगेशकर | 4:44 |
3. | "जय जय शिव शंकर" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:38 |
4. | "ज़िन्दगी के सफ़र में" | किशोर कुमार | 6:39 |
5. | "पास नहीं आना" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 3:50 |
6. | "सुनो कहो कहा सुना" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:20 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1975 | आर॰ डी॰ बर्मन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित |