आर्थिक राष्ट्रवाद

किसी देश की आर्थिक विचारधारा तब आर्थिक राष्ट्रवाद (Economic nationalism) कहलाती है जब वह अपने अर्थतंत्र, श्रमशक्ति और पूंजी-निर्माण पर घरेलू नियंत्रण पर बल देता है और आवश्यक होने पर कर (टैरिफ) तथा अन्य पाबन्दियाँ लगाने से नहीं हिचकता। कई दृष्टियों से आर्थिक राष्ट्रवाद और वैश्वीकरण एक-दूसरे के विरोधी हैं। आर्थिक राष्ट्रवाद के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख सिद्धान्त ये हैं - संरक्षणवाद, वणिकवाद (mercantilism) तथा आयात प्रतिस्थापन (import substitution)।